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कैलिफोर्निया शूटिंग के लिए जिम्मेदार कौन?

४ दिसम्बर २०१५

शुरुआती तहकीकात से माना जा रहा है कि अमेरिका में बुधवार को हुई वारदात के तार आतंकवाद से जुड़े हो सकते हैं. हमला करने वाली जोड़ी पाकिस्तान से नाता रखती थी.

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USA california
तस्वीर: Reuters/NBCLA.com/Handout

कैलिफोर्निया के सैन बेरनारडीनो इलाके में हमला करने वालों की पहचान 28 साल के सईद फारूक और 27 साल की तशफीन मलिक के रूप में हुई है. इस दंपति की एक छह महीने की बेटी भी है, जिसे हमले से ठीक पहले वे फारूक की मां के पास छोड़ कर आए थे. एफबीआई अभी तक इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी है कि इस हमले को अमेरिका में होने वाली अनगिनत "मास शूटिंग" में से एक माना जाए या फिर इसे आतंकवाद से जोड़ कर देखा जाए.

338 दिन में 355 मास शूटिंग

ताजा वारदात को मिला कर अमेरिका में इस साल 355 मास शूटिंग के मामले सामने आए हैं, यानि औसतन हर दिन वहां कम से कम एक ऐसी वारदात होती है जिसमें चार या उससे अधिक लोग मारे जाते हैं. इसके पीछे अमेरिका की उस नीति को जिम्मेदार माना जाता है, जिसके तहत पूरी आबादी को हथियार रखने की अनुमति है. अमेरिका में चुनाव करीब हैं और एक बार फिर राजनीतिक विरोधियों को इस नीति के चलते राष्ट्रपति बराक ओबामा पर निशाना साधने का मौका मिल गया है.

राष्ट्रपति ओबामा ने सोमवार तक मृतकों के सम्मान में झंडे को आधा झुकाने के आदेश दिए हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमले को ले कर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में जल्दबाजी ना की जाए, "फिलहाल हम नहीं जानते कि यह भयावह घटना क्यों घटी. हो सकता है कि यह आतंकवाद से जुड़ी हो लेकिन अभी हमें इस बारे में नहीं पता. ऐसा भी हो सकता है कि यह काम की जगह से जुड़ी घटना हो."

अमेरिका में तनाव से गुजर रहे लोगों का इस तरह का रोष कोई नई बात नहीं लेकिन सैन बेरनारडीनो के पुलिस प्रमुख जैरड बरगुआन का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि यह सिर्फ छोटे मोटे झगड़े या गुस्से के कारण हुआ, "पार्टी में किसी बात पर गुस्सा होने के बाद ऐसा नहीं होता कि कोई घर जा कर इतने विस्तार में योजनाबद्ध तरीके से लौटे."

घर में मिला हमले के सामान

बरगुआन के अनुसार दंपति ने 150 बुलेट फायर किए. उन्होंने बताया कि दंपति के घर से 5,000 राउंड गोलाबारूद मिला है. इसके अलावा 12 पाइप बम और विस्फोटक बनाने की अन्य सामग्री भी बरामद की गयी है. जिस वक्त उन्होंने हमला किया, वे सेना के कमांडो के अंदाज में काले लिबास में थे और उनके हाथों में सेमी ऑटोमैटिक बंदूकें थीं. ऐसे में माना जा रहा है कि यह जोड़ा किसी हमले की तैयारी में था लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि उनका निशाना सैन बेरनारडीनो ही था. एफबीआई के उपनिदेशक डेविड बोडिच का कहना है, "इसके पीछे जरूर कोई मिशन था. लेकिन हम नहीं जानते कि टारगेट यही था या फिर कुछ ऐसा हुआ जिसके कारण उसने फौरन इसी को निशाना बना दिया."

एफबीआई फिलहाल दोनों के स्मार्टफोन और कंप्यूटर की जांच कर रही है. सीएनएन और द टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से कहा है कि हार्ड डिस्क की जांच से पता चला है कि कुछ साल पहले फारूक ने कट्टरपंथियों से संपर्क साधा था और ऐसा तशफीन के साथ शादी के बाद हुआ था. लेकिन फारूक को जानने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें कभी ऐसे कोई संकेत नहीं मिले, जिनसे लगे कि वह आतंवादियों से जुड़ा हो सकता है.

यह हमला बुधवार दोपहर को हुआ जब एक पार्टी के लिए करीब 80 लोग कम्यूनिटी सेंटर में जमा हुए. इस घटना में 14 लोग मारे गए, जिनमें छह महिलाएं और आठ पुरुष थे. इन सबकी पूरी पहचान जारी कर दी गयी है.

आईबी/एमजे (एएफपी)