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कैसा होगा मैर्केल के बिना यूरोप?

३० अक्टूबर २०१८

अंगेला मैर्केल की शरणार्थी नीति पर यूरोपीय संघ में बहुत विवाद है. उनकी बचत नीति की प्रभावित देश आलोचना करते हैं. यूरोपीय संघ में अंगेला मैर्केल की राजनीति से विदाई की शुरुआत को एक मौका समझा जा रहा है.

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Karikatur Sergey Elkin Merkel CDU-Vorsitz

ब्रसेल्स में बहुत से राजनीतिक विश्लेषकों के लिए पार्टी नेतृत्व छोड़ने की घोषणा के साथ चांसलर अंगेला मैर्केल के राजनीतिक अंत की शुरुआत चौंकाने वाली घटना नहीं है. यूरोपीय संघ के शरणार्थी शिखर सम्मेलन की विफलता के बाद ही वेब पोर्टल पोलिटिको ने अंगेला मैर्केल के अंत की घोषणा कर दी थी. सीडीयू-सीएसयू और एसपीडी की गठबंघन सरकार के अंदरूनी झगड़े ने चांसलर की अपनी बात मनवाने की क्षमता को कम कर दिया था. ब्रसेल्स के प्रतिष्ठित पोर्टल पोलिटिको ने लिखा था, "मैर्केल कैसे ईयू को बांट रही हैं."

तब तक महागठबंघन की पार्टियों को भारी नुकसान पहुंचाने वाले बवेरिया और हेस्से के चुनाव हुए भी नहीं थे. लेकिन एक बात साफ थी कि अंगेला मैर्केल की 2015 की शरणार्थी नीति ने यूरोपीय संघ के कई देशों में पॉपुलिस्ट पार्टियों के प्रसार में मदद दी थी. शरणार्थी नीति में एकजुटता दिखाने और शरणार्थियों के बंटवारे की मांग वे दूसरे देशों से मनवा नहीं पाईं. हालांकि उन्होंने यूरोपीय संघ की बाहरी सीमा को बंद करने और उत्तरी अफ्रीका में शरणार्थी केंद्र बनाने का भी समर्थन किया था.

खुश होंगे कुछ लोग

जब भी कभी मैर्केल अपना पद छोड़ेंगी, तब पोलैंड, हंगरी और इटली में शायद ही कोई उनके लिए आंसू बहाएगा. इसके अलावा वित्तीय संकट में फंसे देशों के बहुत से राजनीतिज्ञ ग्रीस, साइप्रस, पुर्तगाल, स्पेन, आयरलैंड और अब इटली के वित्तीय और यूरो संकट से निपटने में मैर्केल की भूमिका को गलत मानते हैं, क्योंकि वह बहुत हद तक सख्त और बचत पर लक्षित रही हैं.

ब्रसेल्स स्थित यूरोपियन पॉलिसी सेंटर के प्रमुख यानिस इमानुइलिडिस ने डॉयचे वेले को बताया, "मैर्केल के बिना यूरोप स्वाभाविक रूप से संभव है. यदि कोई जर्मनी और चांसलर की तरह नेतृत्व की भूमिका में हो तो ऐसे भी देश होंगे जो उनके कदमों से संतुष्ट नहीं होंगे. इसलिए न सिर्फ पूर्वी यूरोप में बल्कि दक्षिण यूरोप में ऐसे लोग होंगे जो चांसलर के जाने पर खुश होंगे." इटली के धुर दक्षिणपंथी गृह मंत्री मातेयो साल्विनी ने सितंबर में डॉयचे वेले से कहा था कि मैर्केल ने शरणार्थी संकट को कम कर आंका.

स्थिरता का खूंटा

यानिस इमानुइलिडिस का मानना है कि ज्यादातर यूरोपीय देशों में अंगेला मैर्केल का सम्मान है, इसलिए भी कि वे सबसे लंबे समय से सरकार प्रमुख होने के कारण सबसे ज्यादा अनुभवी हैं. "मूल रूप से मेरा विश्वास है कि बर्लिन में एक तरह की स्थिरता के लिए सराहना थी. यूरोपीय और अधिकांश सदस्य देशों के नजरिए से ये स्थिरता जरूरी भी थी. असुरक्षा के समय में स्थिरता बहुत महत्वपूर्ण होती है."

अपनी पार्टी और महागठबंधन में मुटी यानी मम्मी के नाम से विख्यात मैर्केल आने वाले समय में अपने पद पर नहीं रहेंगी, ब्रसेल्स में बहुत से लोगों के लिए इसे यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है. यानिस इमानुइलिडिस कहते हैं, "भले ही सत्ता के 13 साल बाद उनके नहीं होने की कल्पना मुश्किल है, लेकिन उनका उत्तराधिकारी तय होगा. क्योंकि उनका शासन समाप्त होने के बाद का भी समय आएगा."

ढंडे बस्ते में फैसले

आप्रवासन, ब्रेक्जिट या यूरो जोन में सुधार के मुद्दों पर फैसलों को महीनों से टाला जा रहा है. इसका चांसलर की हिचकिचाहट से भी लेना देना है जिन्हें यूरोपीय समस्याओं पर समय देने के बदले देश में गठबंधन की मुश्किलों से निपटना पड़ रहा है. पार्टी अध्यक्षता छोड़ने और 2021 के बाद चांसलर नहीं रहने की घोषणा के साथ मैर्केल ने खुद को "लेम डक" घोषित कर दिया है. फिर भी अपने आकार और ताकतवर अर्थव्यवस्था के साथ जर्मनी महत्वपूर्ण बना रहेगा.

यूरोपीय संघ के अधिकारियों का मानना है कि मई 2019 में होने वाले यूरोपीय चुनावों से पहले साझा बजट पर बातचीत संभव नहीं होगी. बजट के लिए जर्मनी के गुंटर ओएटिंगर जिम्मेदार हैं जिन्हें मैर्केल ने ब्रसेल्स भेजा था. यह भी साफ नहीं है कि मैर्केल के फैसले का सीएसयू पार्टी के मानफ्रेड वेबर की उम्मीदवारी पर क्या असर होगा जो चुनावों में यूरोपीय कंजरवेटिव पार्टियों का नेतृत्व करना चाहते हैं. चुनावों में जीत की स्थिति में वे यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष बनना चाहते हैं. और इस फैसले में जर्मन सरकार प्रमुख की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

Belgien - EU-Gipfel in Brüssel - Macron und Merkel
फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों की अच्छी दोस्त हैं अंगेला मैर्केलतस्वीर: picture alliance/dpa/BELGA/T. Roge

माक्रों को चाहिए नया साथी

मैर्केल के फैसले पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों को कतई खुशी नहीं हुई होगी जो अपनी अच्छी दोस्त अंगेला के साथ यूरोजोन के सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाना चाहते थे. यानिस इमानुइलिडिस के अनुसार इस मुद्दे पर कुछ समय असुरक्षा का होगा और माक्रों के नजरिए से उन्होंने ऐसा नहीं ही सोचा होगा. "दूसरी ओर मौजूदा गठबंधन सरकार के दौर में हमने देखा है कि चांसलर और जर्मन सरकार ने कुल मिलाकर माक्रों और पेरिस के प्रस्तावों पर प्रतिक्रिया नहीं दी है." सवाल यह है कि मैर्केल के नहीं रहने पर क्या होगा. इमानुएल माक्रों के लिए यह नया अवसर भी साबित हो सकता है.

यूरोपीय संघ में लंबे समय से चल रही एक अटकल को मैर्केल ने खुद विराम दे दिया है. उन्होंने पार्टी की अध्यक्षता और चांसलर पद छोड़ने की घोषणाओं के साथ यह भी साफ कर दिया कि वे यूरोपीय संघ के नेतृत्व में कोई पद नहीं चाह रहीं. कुछ पर्यवेक्षक इसे संभव मान रहे थे कि मैर्केल अगले साल ब्रसेल्स जा सकती हैं, या तो यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष के रूप में या यूरोपीय आयोग के प्रमुख के रूप में. दोनों पदों पर अगले साल नई नियुक्तियां होने वाली हैं.

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