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कैसी हो धर्म के नाम पर 'कुर्बानी'

ऋतिका पाण्डेय१ जुलाई २०१६

विश्वप्रसिद्ध भारतीय अभिनेता इरफान खान ने मुसलमानों के पवित्र महीने रमजान में उपवास और धर्म के नाम पर जानवरों की 'कुर्बानी' दिए जाने को लेकर खड़े किए सवाल.

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Indien Bollywood Irrfan Khan
तस्वीर: STRDEL/AFP/Getty Images

अभिनेता इरफान का बयान केवल धर्म के नाम पर जानवरों की बलि दिए जाने पर ही नहीं बल्कि कई धर्मों में प्रचलित ऐसी कई परंपराओं के बारे में है, जिन पर दोबारा विचार करने की जरूरत है. हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में इरफान ने केवल अपने धर्म के नाम से ना पहचाने जाने की इच्छा जताई थी. धर्म को इरफान हर व्यक्ति और उसके ईश्वर के बीच का व्यक्तिगत संबंध बताते हैं.

पूरे विश्व के मुसलमान हर साल रमजान के एक महीने में सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करते हैं और अपने पिछले पापों के लिए पश्चाताप करते हैं. इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखना होता है कि किसी को भी जाने अनजाने तकलीफ ना पहुंचाई जाए. लेकिन बकरीद के दौरान 'कुर्बानी' के नाम पर बकरे को हलाल किया जाता है. सदियों से चली आ रही इसी परंपरा के बारे में इरफान खान की टिप्पणी आई है.

एक भारतीय मीडिया संस्थान को दिए अपने इंटरव्यू में इरफान ने कहा कि इस दौरान उपवास करने के बजाए लोगों को आत्मविश्लेषण करना चाहिए. 'कुर्बानी' के नाम पर जानवरों को मारे जाने पर इरफान ने कहा कि कुर्बानी के मायने हैं अपनी किसी करीबी चीज को त्यागना ना कि किसी भेड़-बकरी को मारना. इरफान ने कहा कि ऐसी तमाम धार्मिक गतिविधियों की आज के समय में प्रासंगिकता नहीं रही और लोग बिना उनके पीछे के संदेश को समझे अंधाधुंध इन्हें किए जा रहे हैं. ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइटों पर आम लोगों ने इरफान के इस संदेश को खूब समर्थन दिया है.

दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया अपनी रिपोर्ट में लिखता है की इरफान ने मुसलमानों के एक और महत्वपूर्ण दिन मुहर्रम के बारे में टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि शोक के दिन के बजाए लोग मुहर्रम को भी किसी त्योहार की तरह मनाते हैं, इससे मुहर्रम का मजाक बन गया है. आतंकवाद से लेकर इन सब गलत धार्मिक चलनों पर कोई टिप्प्णी ना करने को लेकर इरफान ने मुस्लिम नेताओं की भी आलोचना की. उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे अपने नेताओं से इस बारे में सवाल करें.

इमरान के बयानों का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमाते उलेमाए हिंद समेत कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों ने खंडन किया है. धमकी भरे अंदाज में इमरान से अपनी सलाह अपने पास रखने और अपने काम से काम रखने की सलाह दी गई है.