कैसे कुछ देशों ने कोरोना वायरस को रखा काबू में
कुछ देश कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर की चिंता कर रहे हैं, वहीं कुछ और देश पहली लहर को रोकने में सफल रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित होने के छह महीनों बाद, सफलता की कहानियों वाले ये देश कौन कौन से हैं?
रवांडा
रवांडा में मार्च में ही कड़ी तालाबंदी लागू कर दी गई, अंतरराष्ट्रीय सीमाएं बंद कर दी गईं, उड़ानें रद्द कर दी गईं, यात्राएं बंद कर दी गईं, रात का कर्फ्यू लगा दिया गया, मास्क पहनना, दूरी बनाए रखना और हाथ धोना अनिवार्य कर दिया गया और निगरानी के जरिए सभी नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया गया. अस्पतालों में उच्च तकनीक वाले कुछ रोबोट भी तैनात किए गए. अभी रवांडा में संक्रमण के सिर्फ 1900 मामले हैं.
थाईलैंड
जनवरी में चीन के बाहर संक्रमण का पहला मामला थाईलैंड में ही सामने आया था. उसके बाद इस देश ने भी रवांडा से मिलते-जुलते कदम उठाए. थाईलैंड के कई इलाकों में अधिकतर लोग प्रदूषण की वजह से मास्क पहनने के पहले से आदि थे. यहां के लोग पारंपरिक रूप से अभिवादन में ना तो हाथ मिलाते हैं और ना गले मिलते हैं, बल्कि नमस्ते जैसी मुद्रा में अभिवादन करते हैं. थाईलैंड में मई से संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है.
वियतनाम
यात्रा पर प्रतिबंध और तालाबंदी के अलावा, वियतनाम में लाखों लोगों को सैन्य-शैली जैसे शिविरों में क्वारंटीन किया गया और कड़ी टेस्टिंग और कॉन्टैक्ट-ट्रेसिंग की गई. हालांकि अब तटीय शहर डा नांग में संक्रमण के नए मामलों की वजह से देश में दूसरी लहर को लेकर चिंताएं उभर रही हैं. शहर की सीमाएं बंद कर दी गईं हैं, स्थानीय तालाबंदी लागू की जा रही है और विस्तृत रूप से टेस्ट किए जा रहे हैं.
न्यूजीलैंड
विज्ञान संचारक सियूक्सी वाइल्स के अनुसार जनता के साथ स्पष्ट और एकरूप संचार बनाए रखना न्यूजीलैंड की सफलता का एक बड़ा हिस्सा था. शारीरिक दूरी को समझाने के लिए "बुलबुलों" जैसे शब्दों का इस्तेमाल और संक्रमित लोगों के प्रति बुरे नजरिए को हटाने के लिए भाषा के इस्तेमाल ने मदद की. पूरे अभियान को कोविड-19 के खिलाफ किसी जंग की तरह पेश नहीं किया गया बल्कि एक दूसरे की मदद करने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
कैरिबियाई देश
कोविड-19 जिस रफ्तार से लातिन अमेरिका के कई बड़े देशों में फैला उस रफ्तार से कैरिबियाई देशों में नहीं फैला. बारबाडोस के प्रधानमंत्री मिया मॉटली जैसे नेताओं ने प्रांतीय प्रयासों को बढ़ावा दिया. कैरिबियाई समुदाय ने साथ मिलकर निजी सुरक्षा के सामान का इंतजाम किया. सरकारों ने मिल कर अंतरराष्ट्रीय मदद और कर्ज-माफी की भी गुहार लगाई. पोर्तो रीको और हैती जैसे देशों में मामलों की संख्या काफी कम रही.