1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मंथन 86 में खास

८ मई २०१४

मंथन के 86वें एपिसोड में जानेंगे कैसे हुआ बिंग बैंग और उपग्रह और टेलिस्कोप से आने वाला ढेर सारा डाटा को जमा करने का आसान तरीका. साथ ही बताएंगे कैसे बनती हैं डिजाइनर आवाज.

https://p.dw.com/p/1BuUt
तस्वीर: NASA Ames/JPL-Caltech

मंथन के इस एपिसोड में बात करेंगे ब्रह्मांड के राज की. बिंग बैंग थ्योरी के हिसाब से हमारे ब्रह्मांड की शुरुआत आज से कुछ तेरह से चौदह अरब साल पहले हुई. उससे पहले कुछ भी नहीं था. कई लोगों को लगता है कि बिग बैंग का मतलब है कि कहीं शून्य में अचानक एक धमाका हुआ और सृष्टि की रचना हो गई. पर ऐसा नहीं है. इस थ्योरी के हिसाब से ब्रह्मांड धीरे धीरे फैला और आज भी फैल रहा है. पर यह शुरुआत हुई कैसे, यह बड़ा सवाल है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने पहली बार ग्रैविटेशनल वेव्स का पता लगाया गया है. इन गुरुत्व तरंगों को 'बिग बैंग' के बाद के शुरुआती कंपन' के तौर पर समझा जा सकता है. मंथन में जानिए ब्रह्मांड के फैलाव को समझने के लिए वैज्ञानिक किस तरह के प्रयोग कर रहे हैं.

डाटा का अंबार

क्या आपको पता है कि अंतरिक्ष में जितने उपग्रह और टेलिस्कोप हैं वे लगातार धरती पर स्थित अपने केंद्रो को डाटा या जानकारी भेजते रहते हैं. वह इतनी जानकारी भेजते हैं कि उन्हें संभालना टेढ़ी खीर है. अकेले यूरोपियन सदर्न ऑब्जरवेटरी ईएसओ में 65 टैराबाइट का डाटा जमा है. यानि अगर इसे डीवीडी पर राइट करने लगें तो चौदह हजार डीवीडी भर जाएंगी. इतना डाटा जमा करने के लिए इंटेलिजेंट सॉफ्टवेयर तैयार किए जा रहे हैं. जर्मनी के हाइडेलबर्ग के थ्योरिटिकल स्टडीज इंस्टीट्यूट में शोधकर्ता अंतरिक्ष से भेजी गई जानकारी को डिजिटलाइज कर रहे हैं. शोधकर्ताओ की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा जानकारी को डिजिटलाइज कर दिया जाए ताकि वह सबके लिए उपलब्ध हो सकें. मंथन में जानिए डाटा को सुरक्षित रखने के कदम से आने वाले दिनों में वैज्ञानिकों को कितनी मदद मिल सकती है.

कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार बड़े आयोजन

क्या आपको मालूम है कि बड़े खेल आयोजन भी कार्बन डायोक्साइड के लिए जिम्मेदार होते हैं. जर्मनी में हुए 2006 के विश्व कप में रिसर्चरों ने पहली बार ये पता लगाया कि बड़े खेल आयोजन अपने पीछे कितनी कार्बन डायोक्साइड छोड़ते हैं. इस शोध के बाद इस साल ब्राजील में होने वाले विश्व कप फुटबॉल को इको फ्रेंडली बनाने की कोशिश की जा रही है. आप यह जानकार हैरान रह जाएंगे कि 2010 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका में सीओटू जैसा असर करने वाले ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन 26 लाख टन के बराबर था. अनुमान है कि ब्राजील में यह 27 से 29 लाख टन हो सकता है. मंथन में जानिए कार्बन उत्सर्जन के कारण किस तरह का संकट मंडरा रहा है और खेल आयोजक इससे निपटने के लिए क्या क्या उपाय निकाल रहे हैं.

डिजाइनर आवाज

फरारी, मस्तांग और लंबोर्गिनी जैसी कारें बेहद कीमती हैं. कार की स्पीड से लेकर उसकी परफॉरमेंस तक सब खास होती है. क्या आप जानते हैं कि कार की आवाज भी डिजाइनर होती है. कार जितनी तेज दौड़ेगी उतनी ही खास होगी उसकी आवाज. इस आवाज को आप शोर नहीं कह सकते हैं क्योंकि ये आवाज विशेष तौर पर डिजाइन की जाती है और हर कार की पहचान होती है. हमेशा की तरह इस बार भी मंथन में विज्ञान और तकनीक से जुड़ी रोचक रिपोर्ट देखिए शनिवार सुबह 10.30 बजे डीडी नेशनल पर.

एए/एएम