1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

कोपलों पर मंडरातीं जापान की कंपनियां

१२ फ़रवरी २०१९

वसंत में जापान का बड़ा हिस्सा चेरी के फूलों से गुलाबी हो जाता है. लेकिन कोपलों से कब फूटेंगी, इसका अंदाजा लगाना आसान नहीं.

https://p.dw.com/p/3DEDo
Japan - Kirschblütenfest Hanami 2017
तस्वीर: Getty Images/T. Ohsumi

दिसंबर से फरवरी तक कड़ाके की सर्दी के बाद जापान में पारा ऊपर चढ़ने लगता है. सूर्य के उत्तरायण में प्रवेश करने के साथ ही मौसम गुनगुना होने लगता है और पेड़ पौधे भी वंसत के लिए तैयार हो जाते हैं. मार्च में जैसे ही वसंत का सीजन शुरू होता है वैसे ही मौसम के पूर्वानुमान लगाने वालों के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती खड़ी हो जाती है. उन्हें ये बताना होता है कि प्रसिद्ध चेरी के फूल कब खिलेंगे. जापानी भाषा में सकुरा कहे जाने वाले चेरी के फूलों के मौसम का इंतजार वहां के लोग और पर्यटक दोनों ही बहुत ही बेसब्री से करते है. बहुत से पर्यटक अपनी पूरी यात्रा इस मौसम के हिसाब से बनाते हैं. स्थानीय लोग भी लाखों की तादाद में गुलाबी फूलों से पटी वादियों का आनंद लेते हैं.

जापानी मौसम विज्ञान एजेंसी में सांख्यिकी इकाई के अधिकारी रियो डोजो ने एएफपी को बताया कि "लोग चेरी फूलों के मौसम पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं." ये जानने के लिए की ये गुलाबी और सफेद पंखुड़ियों वाला फूल कब खिलेगा तापमान का बहुत सा डाटा पढ़ा जाता है. डोजो ने बताया कि अगर तापमान बहुत तेजी से बढ़ता है तो फूल पहले खिल जाएंगे. अगर पतझड़ या सर्दी में तापमान आमतौर से ज्यादा रहता है तो फूलों को खिलने में देरी हो सकती है. खराब मौसम की वजह से पड़ों पर भी असर पड़ता है जैसे 2018 में अक्टूबर में ही फूल खिल गए थे. सामान्य तौर पर फूलों की खिलने की शुरुआत मार्च में दक्षिणी क्यूशू से होती है. मई के अंत तक में उत्तरी होक्काइडो में फूल खिले दिखते हैं.   

Japan - Kirschblütenfest Hanami 2017
तस्वीर: Reuters/T. Hanai

कई कंपनियों ने सही पूर्वानुमान बताने के लिए क्राउडसोर्सिंग से डाटा इकट्ठा करना शुरू किया है. ऐसा ही टोक्यो के पास चिबा की एक फर्म वेदरन्यूज भी कर रही है. कंपनी की वेबसाइट और ऐप पर 10 हजार लोगों को रजिस्टर किया गया है जो कलियों की तस्वीरें भेजते हैं और इसको देखकर वेदरन्यूज अपना विश्लेषण तैयार करती है. कंपनी के प्रवक्ता मिकु तोमा ने बताया कि "बिना इस व्यवस्था के हमारे लिए चेरी ब्लॉसम का पूर्वानुमान नामुमकिन होगा."

कंपनी ने सकुरा प्रोजेक्ट को 2004 में शुरू किया था. जिसमें लोगों को रजिस्टर किया गया और लोगों ने खुद से ही आपना पेड़ चुना. उसके बाद से ही लोग नियमित अंतराल पर उस पेड़ की तस्वीरें भेजते हैं. तोमा ने बताया कि "हमको ये समझ में आया कि इन तस्वीरों से हम पता कर सकते हैं कि कलियां कैसे खिल रही हैं. इसलिए हमने सोचा कि चेरी फूल खिलने की भविष्यवाणी करने के लिए इस प्रोजेक्ट को शुरू किया जाए." सिर्फ तस्वीरें देखने से हमें सटीक जानकारी मिल सकती हैं कि कलियां कितनी खिली हैं.

एक सकुरा कली जिसके खिलने में अभी वक्त है वो आकार में छोटी और ठोस होगी. मगर दस दिनों बाद उसकी कोपल थोड़ी सी पीली और हरी हो जाएगी. इसके बाद फिर एक गहरा हरा हिस्सा उभरता है. जब कोपल थोड़ी सी गुलाबी होने लगे तो मतलब है कि फूल को खिलने में सिर्फ एक हफ्ता बचा है.

Japan - Kirschblütenfest Hanami 2017
तस्वीर: Reuters/Kim Kyung-Hoon

प्रोजेक्ट की वजह से वेदरन्यूज के पास 15 साल में 20 लाख रिपोर्टों का डाटा जमा हो गया है. कंपनी इसे सटीक भविषवाणी करने के लिए इस्तेमाल करती है. कंपनी अपने जांच उपकरणों से भी डाटा जुटाती है. ये उपकरण जापान में 13 हजार जगहों पर लगाए गए हैं. ये सरकारी मौसम विभाग से दस गुना ज्यादा है. वेदरन्यूज के कर्मचारी 700 पार्कों से भी जानकारी इकट्ठा करते हैं. कंपनी गणित के मॉडल और अल्गोरिदम भी इस्तेमाल करती है.

ओटेकी, एक फोरकास्टर है और उपकरण निर्माता शिमदजु की एक सहायक कंपनी भी. उसने सटीक भविषवाणी करने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग 2018 से शुरू किया है.

ये भविषवाणी सिर्फ फूल के दीवानों के लिए ही नहीं है बल्कि ये मौसम जापान के कारोबार के लिए भी महत्वपूर्ण महीना होता है. जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी ने 2010 से भविषवाणी करनी बंद कर दी थी. बाकी कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन को इसका कारण बताया गया. हालांकि एजेंसी अभी भी चेरी फूल के खिलने की आधिकारिक तारीख बताती है. इसके लिए वे 58 चुने हुए पेड़ों का विश्लेषण करती है. ये पेड़ कहां हैं, यह जानकारी सीक्रेट रखी गई है. डोजो ने बताया कि "मार्च से हम लोग चुने हुए पेड़ों को दिन में एक बार देखने जाते हैं. और जैसे ही खिलने का मौसम पास आता है हम लोग दो चक्कर लगाने शुरू कर देते हैं. हम फूलों को खुद से जांचते है और अगर पांच छह फूल खिल जाते हैं तो हम सीजन की शुरुआत की घोषणा कर देते हैं."

एनआर/ओएसजे (एएफपी)