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वैक्सीन की जल्द खोज के लिए सिंगापुर ने अपनाया नया रास्ता

२५ मार्च २०२०

सिंगापुर में वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ टीके की जल्द खोज के लिए एक नया तरीका विकसित कर लिया है. जींस में होने वाले बदलावों का पता लगा कर टीके के परीक्षण की गति तेज की जा सकती है.

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Arcturus Therapeutics, ein Unternehmen für RNA-Arzneimittel, erforscht einen Impfstoff gegen das neuartige Coronavirus (COVID-10)
तस्वीर: Reuters/B. Guan

ये वैज्ञानिक सिंगापुर के ड्यूक-एनयूएस मेडिकल स्कूल में काम करते हैं और इस स्कूल ने संभावित टीके के ट्रायल के लिए आर्कट्यूरस थेराप्यूटिक्स नामक अमेरिकी बायोटेक कंपनी के साथ साझेदारी की है. इन वैज्ञानिकों का कहना है कि इनकी तकनीक से सिर्फ कुछ दिनों में उन संभावित टीकों का मूल्यांकन हो सकेगा जिन्हें आर्कट्यूरस बनाएगी. अमूमन टीकों को इंसानों पर टेस्ट करके उनका मूल्यांकन करने में महीनों लग जाते हैं. 

एनयूएस मेडिकल स्कूल के इमर्जिंग इन्फेक्शस डिसीसेस प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर वी एंग योंग का कहना है, "जींस के बदलने के तरीके से आप पता लगा सकते हैं. जैसे कौन सा जीन ऑन हो रहा है, कौन सा ऑफ." 

उन्होंने ये भी कहा कि एक टीके द्वारा सक्रिय किए गए इन बदलावों का तेजी से आंकलन कर वैज्ञानिक टीके के प्रभाव और दुष्प्रभाव का पता लगा सकते हैं, बनिस्बत इसके कि उस टीके को जिन इंसानों को दिया जाए सिर्फ उनकी प्रतिक्रियाओं पर निर्भर रहा जाए. 

USA Seattle | Testlauf für potentiellen Impfstoff für Covid-19
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/T. S. Warren

इस समय नए कोरोना वायरस की ना कोई स्वीकृत दवा उपलब्ध है और ना निवारक टीका. अधिकतर मरीजों को सिर्फ मदद और देख-भाल मिल रही है, जैसे सांस लेने में मदद. विशेषज्ञों का कहना है कि टीका तैयार होते-होते एक साल या उस से ज्यादा भी लग सकता है. 

वी एंग योंग ने बताया कि उनकी योजना है कि लगभग एक हफ्ते में टीके को चूहों में टेस्ट करना शुरू कर दे. इंसानों में परीक्षण साल की दूसरी छमाही में शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है.

दुनिया भर में दवा कंपनियां और शोधकर्ता तेजी से कोरोना वायरस के खिलाफ टीका और इलाज विकसित करने की होड़ में लगे हुए हैं. इनमें अमेरिका की गिलियड साइंस कंपनी की प्रयोगात्मक एंटीवायरल दवा रेमडेसीवीर और जापान की ताकेदा दवा कंपनी की प्लाज्मा आधारित थेरेपी शामिल हैं. 

 

Deutschland Biotech-Unternehmen CureVac
तस्वीर: Reuters/A. Gebert

खोज से ले कर लाइसेंस मिलने तक, पहले टीका बनाने की प्रक्रिया में 10 साल से भी ज्यादा लग जाते थे. लेकिन वी एंग योंग के अनुसार, विज्ञान के पास अब पहले से काफी तेज प्रतिक्रिया है. उनका कहना है, "सब एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में हैं, लेकिन हम एक तरह से खेल के नए नियम ही लिख रहे हैं".

सीके/एए (रॉयटर्स)

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