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कोरोना वायरस: भारत में अब नए मामलों में रोज बड़ी छलांग

चारु कार्तिकेय
२९ मार्च २०२०

भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1000 के पास पहुंच गई है. इसी बीच प्रवासी मजदूरों का बड़े शहरों से अपने अपने गृह शहरों और गांवों की ओर पलायन अभी भी जारी है.

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Indien Neu Delhi Coronavirus
तस्वीर: DW/A. Sharma

भारत में तालाबंदी के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के नए मामलों में अब रोजाना ही बड़ी छलांग देखने को मिल रही है. 28 मार्च को देश भर में 194 नए मामले सामने आए और अब कुल मामलों की संख्या 1000 के पास पहुंच गई है. इनमें 25 मौतें और 86 ठीक होने वाले मरीज भी शामिल हैं.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन दिनों में जो 312 नए मामले आए हैं, उनमें से 80 प्रतिशत मामले सिर्फ 16 शहरों और जिलों से हैं. इनमें सबसे ज्यादा मामलों वाले इलाके हैं दिल्ली, मुंबई, राजस्थान में भीलवाड़ा, केरल में कासरगोड़ और पंजाब में नवांशहर. हालांकि इस सूची के स्थायी होने की संभावना नहीं है. ऐसा संभव है कि आने वाले कुछ ही दिनों में ये इलाके पीछे हो जाएंगे और नए मामलों के साथ नए इलाके सामने आ जाएंगे.

भीलवाड़ा जिले में स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक बताई जा रही है, जहां संक्रमण के 22 मामले अभी तक सामने आए हैं. पूरे राजस्थान में कुल 50 मामले सामने आए हैं. यानी पूरे राज्य के कुल मामलों में से लगभग आधे मामले एक ही जिले से हैं. बताया जा रहा है कि यहां एक बड़े अस्पताल के एक डॉक्टर और पांच अन्य लोग जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले पहले व्यक्ति थे और उसके बाद संक्रमण तेजी से फैलता गया. इस समय लगभग 30 लाख लोगों की आबादी वाले पूरे जिले की स्क्रीनिंग चल रही है और स्वास्थ्यकर्मी घर घर जा कर एक एक व्यक्ति की जांच कर रहे हैं.

Corona Auswirkungen weltweit / Indien
तस्वीर: Reuters/M. Sabharwal

 

प्रवासी मजदूरों का संकट जारी

लगभग पूरे देश में प्रवासी मजदूरों का बड़े शहरों से अपने अपने गृह नगरों और गांवों की ओर पलायन अभी भी जारी है. तालाबंदी के शुरू के दो दिनों में तो ये मजदूर अकेले या छोटे छोटे समूहों में निकल पड़े थे, लेकिन शनिवार को देश के कई इलाकों में ये लोग भारी संख्या में अपना सामान लिए अपने अपने घरों की तरफ निकल पड़े. मचते हुए हाहाकार को देखकर कई राज्य सरकारों को मजबूरन आपात बस सेवाएं शुरू करनी पड़ीं ताकि इन लोगों को इनके ठिकानों तक पहुंचाया जा सके. 

इसी बीच इसी तरह दिल्ली से मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में अपने घर के लिए पैदल निकल पड़े एक 38 वर्षीय युवक की मौत हो गई. युवक दिल्ली में डिलीवरी एजेंट की नौकरी करता था. 200 किलोमीटर की यात्रा करने के बाद आगरा में वो बेहोश हो कर गिर पड़ा और थोड़ी ही देर में दिल का दौरा पड़ने से उसकी मृत्यु हो गई. तब वो अपने गांव से लगभग 80 किलोमीटर दूर था.

राज्य सरकारें पलायन कर रहे इन लोगों को संक्रमण के संभावित संवाहकों के रूप में भी देख रही हैं. कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की है कि इन सभी प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचते ही 14 दिन के अनिवार्य क्वारंटीन में डाल दिया जाएगा.

नए फंड की घोषणा 

शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नए राहत कोष की घोषणा की जिसमें लोग कोविड-19 से लड़ने के सरकार के प्रयासों को समर्थन देने के लिए धनराशि दान में दे सकते हैं. कोष की घोषणा के साथ ही कई जाने माने व्यक्ति धनराशि दान करने के लिए सामने आए. भारतीय क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई ने इस कोष में 51 करोड़ रुपये, अभिनेता अक्षय कुमार ने 25 करोड़ रुपये और क्रिकेट खिलाड़ी सुरेश रैना ने इस कोष के लिए 31 लाख रुपये और उत्तर प्रदेश राहत कोष के लिए 21 लाख रुपये दान करने का वादा किया. 

इसके अलावा टाटा व्यापार समूह ने इस लड़ाई के लिए 1500 करोड़ रुपये खर्च करने का वादा किया है.

रेल के डब्बे भी काम आएंगे 

केंद्र सरकार ने कई रेल डब्बों को आइसोलेशन वार्ड के कमरों की तरह इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है. एक डब्बे को इस तरह के कमरे में बदल दिया गया है और सरकार की स्वास्थ्य संस्थाओं को इसकी जांच करने को कहा गया है.
 
हरी झंडी मिलने पर हर सप्ताह करीब 150 डब्बों को कोरोना मरीजों को अलग थलग करने के लिए इस्तेमाल करने की योजना है.

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