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क्या अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कोई गे होगा?

५ अप्रैल २०१९

अमेरिका में शिकागो ने एक अश्वेत और समलैंगिक नेता को अपना मेयर चुना है. यही नहीं, अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने की दौड़ में भी कुछ जाने माने गे उम्मीदवार हैं. तो क्या अमेरिकी जनता इसके लिए भी तैयार है?

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USA Pete Buttigieg
तस्वीर: picture alliance/AP Images/R. Franklin/South Bend Tribune

अमेरिका में कम से कम डेमोक्रैटिक पार्टी के समर्थकों ने दिखा दिया है कि एलजीबीटी समुदाय का होना बिल्कुल आम बात है. शिकागो के गे मेयर के अलावा, विस्कॉन्सिन राज्य के मैडिसन में भी एक लेस्बियन मेयर चुनी गई है और मिसूरी के कनसान में भी एक समलैंगिक उम्मीदवार मेयर पद की दावेदारी पेश कर रहा है. चुनावों में जीतने के ये सारे हाल के मामले असल में राजनीति में "रेनबो लहर" का असर माना जा सकता है. इससे पता चलता है कि समलैंगिकों और ट्रांसजेंडरों को लेकर अमेरिकी लोगों की सांस्कृतिक मान्यताएं बदल रही हैं.

अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने भले ही एलजीबीटी समुदाय को संरक्षण देने से दूरी बना रखी हो, फिर भी देश में गे और लेस्बियन उम्मीदवारों की तादाद में बढ़ोत्तरी हो रही है. इस समुदाय के लोगों को राजनीति में आगे लाने में मदद करने वाले संगठन विक्ट्री फंड के अनुसार, पूरे अमेरिका में खुद को सार्वजनिक रूप से गे घोषित करने वाले नेताओं की तादाद बीते एक साल में ही दोगुनी होकर 682 हो गई है.

विक्ट्री फंड ने ही शिकागो में मेयर पद के लिए खड़े होने वाले लोरी लाइटफुट की मदद की थी. इसके पहले लाइटफुट के पास किसी सार्वजनिक पद पर काम करने का अनुभव नहीं था. लाइटफुट ने जीतने के बाद अपने भाषण में कहा कि युवा अमेरिकी "हमें देख रहे हैं, और यह भी देख पा रहे हैं कि यहां कुछ तो बहुत अलग हो रहा है." लैंगिकता के मामले में बोलते हुए लाइटफुट ने कहा, "आप किस से प्यार करते हैं यह इतना अहम नहीं है, प्यार करना सबसे अहम है."

एलजीबीटी समुदाय के लोगों को सार्वजनिक पदों और समाज में स्वीकार करने के उदाहरण देश भर में दिख रहे हैं. अमेरिकी राजनीति में प्रतिनिधित्व के मामले में अब तक यह समुदाय पिछड़ा रहा है. अमेरिकी चुनावों में परंपरागत रूप से यौन वरीयता और पारिवारिक मूल्यों को लेकर बहसें होती रही हैं. यहां तक कि 2006 में भी, एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि अधिकतर अमेरिकी किसी राष्ट्रपति के रूप में किसी समलैंगिक उम्मीदवार को लेकर असहज थे.

वहीं हाल ही में एनबीसी न्यूज के एक सर्वे में बताया गया है कि देश के 68 फीसदी लोग ऐसे उम्मीदवार को लेकर या तो काफी उत्साहित हैं या फिर कम से कम सहज हैं. मौजूदा कांग्रेस में खुल कर खुद को लेस्बियन, गे या बाईसेक्शुअल बताने वाले प्रतिनिधियों की तादाद सबसे ज्यादा है. यह सभी डेमोक्रैटिक पार्टी से हैं. 435 सीटों वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में आठ जबकि 100 सदस्यों वाली सीनेट में दो लोग इसी समुदाय के हैं.

मेयरों के अलावा बीते साल नवंबर में चुने गए कोलोराडो के नए गवर्नर जेरेड पोलिस भी गे हैं. अमेरिका की कुल आबादी की 4.5 फीसदी हिस्सा खुद को एलजीबीटी समुदाय का हिस्सा मानता है, लेकिन चुने हुए प्रतिनिधियों में उनकी तादाद अभी भी 0.1 प्रतिशत ही है. अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों की तैयारी में लगे 37 साल के उम्मीदवार पीट बटगीग के लिए यह रुझान बहुत उत्साहित करने वाले हो सकते हैं. वे इंडियाना प्रांत में साउथ बेंड के मेयर रह चुके हैं और काफी संभावनाओं से भरे नेता माने जा रहे हैं. हार्वर्ड से पढ़े और पूर्व में नेवी इंटेलीजेंस में काम कर चुके बटगीग खुले तौर पर गे हैं और अपने पार्टनर से शादी भी रचा चुके हैं. वोटरों को विश्वास होता है कि इन समुदायों के उम्मीदवार कम से कम लैंगिक बराबरी के मामले में तो प्रगतिवादी सोच वाले होंगे.

आरपी/एके (एएफपी)

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