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भक्तों को विश्वास, जागेंगे महाराज

१३ मार्च २०१४

ऐसा शायद ही सुनने को मिलता है कि किसी मृत शरीर को फ्रीजर में रख दो और वो वापस जीवित हो जाए. लेकिन भारत में आशुतोष महाराज के भक्तों का मानना है कि उनके गुरु गहन समाधि में हैं और वो जाग जाएंगे.

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पिछले छह हफ्तों से दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज का मृत शरीर फ्रीजर में रखा हुआ है. उनके अनुयायियों का मानना है कि आशुतोष महाराज वापस लौटकर अपने भक्तों का नेतृत्व करेंगे. 29 जनवरी को डॉक्टरों ने आशुतोष महाराज को "क्लीनिकली डेड" घोषित कर दिया था. लेकिन पंजाब के छोटे से शहर में उनके भव्य आश्रम में भक्तों ने आशुतोष महाराज के शरीर को फ्रीजर में रख दिया है. अब भक्तों को महाराज के दुनिया में फिर से लौटने का इंतजार है.

70 वर्षीय आशुतोष महाराज दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख थे. संस्थान का दावा है कि दुनिया भर में उसके लाखों भक्त हैं. संस्थान के प्रवक्ता स्वामी विशालानंद का दावा है कि उनके गुरू मृत नहीं है बल्कि वास्तव में गहन समाधि की अवस्था में है, जो ध्यान का उच्चतम स्तर है. प्रवक्ता का दावा है कि महाराज अब भी होश में हैं.

महाराज जिंदा या मुर्दा?

इस हफ्ते की शुरुआत में प्रवक्ता ने कहा था, "महाराज जी ध्यान लगाए अपने भक्तों के जरिए अभी भी संदेश दे रहे हैं कि उनके लौटने तक शरीर की सुरक्षा की जाए." महाराज को फ्रीजर में रखने के फैसले के खिलाफ कोर्ट में उनके ड्राइवर होने का दावा करने वाले व्यक्ति ने चुनौती दी है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ड्राइवर का आरोप है कि कई भक्त महाराज का शव इसलिए नहीं छोड़ रहे हैं क्योंकि वे संपत्ति में हिस्सा चाहते हैं. पंजाब की एडिशनल एडवोकेट जनरल रीता कोहली के मुताबिक कोर्ट ने उस शख्स की याचिका को अधिकारियों द्वारा मौत की पुष्टि के बाद खारिज कर दिया. कोहली के मुताबिक, "पंजाब सरकार द्वारा यह बताए जाने के बाद कि वे "क्लीनिकली डेड" हैं और अब उनके भक्तों को ही तय करना है कि शव के साथ क्या करना है, कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दी."

जिला पुलिस के मुताबिक कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस मामले में दखल नहीं दे सकती. विशालानंद का कहना है कि इतिहास में सैकड़ों आध्यात्मिक गुरूओं ने हिमालय में जमा देने वाले तापमान में महीनों ध्यान लगाने के बाद जीवन में वापस लौट आ चुके हैं. एक भक्त, लखविंदर सिंह के मुताबिक, "जब हम अपनी आंख बंद करते हैं तो महाराज से बात कर सकते हैं. उन्होंने हमें वापस लौटने का भरोसा दिया है."

एए/एएम (एएएफी)

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