1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

क्या है थर्मोन्यूक्लियर बम

४ सितम्बर २०१७

थर्मोन्यूक्लियर बम को लेकर उत्तर कोरिया के दावे ने दुनिया भर में खलबली मचा दी है. इसे परमाणु बम से बड़ा खतरा माना जाता है. जानते हैं इन दोनों विनाशकारी हथियारों के बीच का आखिर क्या अंतर है.

https://p.dw.com/p/2jKi6
Erste Wasserstoffbombe
तस्वीर: picture-alliance/dpa/US Department of Energy

उत्तर कोरिया ने दावा किया है कि उसने हाइड्रोजन बम की उन्नत तकनीक का इस्तेमाल कर परमाणु परीक्षण किया है. इस उन्नत तकनीक वाले बम को थर्मोन्यूक्लियर बम के नाम से जाना जाता है. यह पुरानी पीढ़ी के परमाणु हथियारों से भी आगे की तकनीक मानी जाती है. तो देखिए क्या मौलिक अंतर होते हैं एक परमाणु बम और उन्नत हाइड्रोजन बम के बीच.

विस्फोट

हाइड्रोजन बम और परमाणु बम में मौलिक अंतर इसके विस्फोट की प्रक्रिया का है. मसलन, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराये गये परमाणु बमों में मौजूद प्लूटोनियम जैसे किसी भारी तत्व के नाभिक का विखंडन होता है. इस नाभिकीय विखंडन की प्रक्रिया में बहुत सारी ऊर्जा निकलती है और यही बम विस्फोट की क्षमता होती है.

Infografik Kernspaltung Kernfusion Englisch

न्यू मेक्सिको में पहला परमाणु बम तैयार करने के सालों बाद अमेरिका ने एक उससे भी खतरनाक हथियार विकसित किया. यह परमाणु बम की तकनीक पर ही आधारित था लेकिन उसके विस्फोट को और खतरनाक बनाने के लिए बम के भीतर विस्फोट की प्रक्रिया का विस्तार किया गया. इस तरह से बने बम थर्मोन्यूक्लियर बम कहलाये. इसके विस्फोट की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होती है. पहले परमाणु बम की ही तरह भारी तत्व के केंद्र में परमाणु विखंडन होने से कई लाख डिग्री सेल्सियस की गर्मी पैदा होती है, फिर उसके पैदा हुए अत्यधिक तापमान के कारण दो हल्के नाभिक इतने पास आ जाते हैं कि आपस में जुड़ जाएं. विस्फोटन प्रक्रिया का यह दूसरा चरण नाभिकीय संलयन कहलाता है. और इस तरह के थर्मोन्यूक्लियर बम की विस्फोटन क्षमता कहीं ज्यादा होती है.  

आकार

विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर कोरिया का हालिया परीक्षण पिछले परीक्षणों के मुकाबले काफी अलग है. नये परीक्षण में एक चैंबर वाली डिवाइस नजर आ रही है, जो टू-स्टेज हाइड्रोजन बम यानि दो चरणों में होने वाली विस्फोट प्रक्रिया के सुराग देती है.

दक्षिण कोरिया के साइंस और टेक्नोलॉजी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ शोधकर्ता ली चून-गियोन के मुताबिक, "तस्वीर में संभवत: एक संपूर्ण हाइड्रोजन बम दिख रहा है, जिसके प्राइमरी चैंबर में विखंडन (फिजन बम) और सेकेंडरी चैंबर में संलयन (फ्यूजन बम) जुड़ा हुआ है." 

शक्ति

परमाणु बम की तुलना में एक थर्मोन्यूक्लियर बम सैकड़ों या हजारों गुना ज्यादा शक्तिशाली हो सकता है. जहां परमाणु बमों की विस्फोटक क्षमता को किलोटन में मापा जाता है, वहीं थर्मोन्यूक्लियर बम की क्षमता मेगाटन में मापी जाती है.

लुईस सैंडर्स/एए