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क्या 120 साल तक जीवित रह सकते हैं इंसान

२ जुलाई २०१९

कैरिबियाई देश क्यूबा में 100 साल की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों की अच्छी खासी संख्या है. ऐसे लोगों के लिए क्लब 120 शुरू किया गया है जिसमें 100 की उम्र पार कर चुके लोग हैं.

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Kuba über Hundertjährige
तस्वीर: AFP/Y. Lage

शीशे में देख लिपस्टिक और ब्लश लगाकर मेकअप कर रहीं देलिया बैरिओस अपने 102वें जन्मदिन के लिए तैयार हो रही हैं. वो खुश हैं क्योंकि उम्र के इस पड़ाव में भी वो अपने परिजनों के बीच हैं. बारिओस उन 2,000 लोगों में से हैं जो गरीबी से जूझ रहे देश क्यूबा में 100 साल की उम्र पार कर चुके हैं. और अभी आगे भी अपना जीवन जीने की इच्छा रखते हैं. बारिओस कहती हैं, "मैं अपने आप को बुजुर्ग नहीं मानती हूं. मेरे पास एक परिवार है जो मुझे बहुत प्यार करता है. इससे मुझे बहुत अच्छा लगता है."

वो आराम से अपनी मोटरचालित व्हीलचेयर पर अपनी पोती की पोती पेट्रिशिया को गोद में बिठाए हुए हैं. बारिओस के केक पर बस दो मोमबत्तियां लगाई गई हैं. वो फूंक कर इन्हें बुझा देती हैं. आसपास मौजूद करीब 30 मेहमान ताली बजाकर खुशियां मनाते हैं.

जब बारिओस अपनी उम्र के 60वें दशक में थीं तो उन्हें पेट का कैंसर हो गया था. डॉक्टरों का कहना था कि वो महज एक साल और जी सकेंगी. उन्होंने 1993 में देश में चल रहे भयानक आर्थिक संकट के बीच क्यूबा छोड़ दिया और अपने बेटे के पास अमेरिका चली गईं. दो दशक के बाद बारिओस काफी बीमार रहने लगीं तो डॉक्टर ने उन्हें अकेले ना रहने की हिदायत दी. बारियोस कहती हैं कि वो अपनी जवानी में खूब नाचती थीं. कभी कभी धूम्रपान या शराब पीती थीं. वो अब अमेरिका से वापस आ चुकी हैं और 59 साल की अपनी पोती के साथ रहती हैं.

फिलहाल क्यूबा की 11 लाख की आबादी में करीब 2,070 लोग ऐसे हैं जो 100 साल की उम्र पार कर चुके हैं. क्यूबा में औसत जीवन-प्रत्याशा 79.5 साल है. ये आंकड़ा क्यूबा में रहने वाले लोगों की औसत मासिक सैलरी 30 डॉलर के मुकाबले एक अलग तस्वीर दिखाते हैं. क्यूबा एक साम्यवादी देश है जहां चिकित्सा सेवाएं मुफ्त हैं और बहुत सारे डॉक्टर हैं. अब वहां '120 क्लब' नाम से एक ऐसा क्लब बना है जो लोगों को लंबी उम्र तक जीने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है.

120 क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर राउल रोद्रीगुएज कहते हैं, "यह साबित हो चुका है कि मनुष्य 120 से 125 साल की उम्र तक जीवित रह सकते हैं. यह क्लब साल 2003 में फिदेल कास्त्रो के निजी चिकित्सक द्वारा बनाया गया था. यह क्लब सभी लोगों के लिए एक स्वस्थ जीवनशैली विकसित करने की कोशिश करता है. क्योंकि यही इस उम्र तक पहुंचने का तरीका है."

बुजुर्ग लोगों को महीने की केवल 10 डॉलर यानि भारतीय मुद्रा के हिसाब से 700 रुपये से थोड़ी ही ज्यादा पेंशन मिलती है. लेकिन सरकार ने अपना खाना ना बना सकने वाले बुजुर्ग लोगों के लिए मुफ्त कैंटीन की व्यवस्था की हुई है. 100 साल की उम्र पार कर चुके लोगों का खास ध्यान रखा जाता है.

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन लॉन्जीविटी में काम कर रहीं गोन्जालेज मोरो कहती हैं कि हम उनको विशेष मदद देने की कोशिश करते हैं. हवाना में कोई भी 100 साल पार का व्यक्ति अगर बीमार होता है तो उसके लिए तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई जाती है.

आश्चर्यजनक रूप से चिकने चेहरे और आंखों में शरारत भरे हुए दिख रहीं रिगोबेर्टा सांतोवेनिया जनवरी 2019 में 102 साल की हो गईं हैं. सोफे पर आराम से बैठी हुईं रिगोबेर्टा कहती हैं,"मैंने नहीं सोचा था कि मैं इस उम्र तक पहुंच पाउंगी. लेकिन देखिए मैं यहां आपके सामने बैठी हूं".

Kuba Hundertjährige
रिगोबेर्टा सांतोवेनिया.तस्वीर: AFP/A. Roque

रिगोबेर्टा बैंत से चलने के बावजूद बड़ी तेजी से चलती हैं. वो अब तक खाना खुद बनाती थीं लेकिन कुछ दिन पहले डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने ऐसा करना बंद कर दिया है. उन्होंने अब सिलाई करना तो बंद कर दिया है लेकिन अभी भी वो सुई में धागा डाल लेती हैं और अखबार भी बिना चश्मे के पढ़ लेती हैं. इसका राज क्या है.

"मैं अपने परिवार के साथ गहरे से जुड़ी हुई हूं. मैं अपने बच्चों, पोतों, और छह पड़पोतों को बहुत प्यार करती हूं. मैं कभी अकेली नहीं रही हूं." फिलहाल वो अपनी 68 वर्षीय बेटी रेगला के साथ रहती हैं जो उनकी देखभाल करती हैं. रेगला कहती हैं कि ये उनका फर्ज है क्योंकि उनकी मां ने उनके लिए बहुत कुछ किया है. रेगला को लगता है कि उनकी मां 120 साल की उम्र तक जी सकेंगी. रेगला कहती हैं कि उनकी दादी एक मजदूर थीं. मजदूर का खून ताकतवर होता है. इसलिए वो इतने समय तक जी रही हैं.

विशेषज्ञ भी थोड़े चकित हैं कि क्यूबा के लोग इतनी लंबी उम्र तक कैसे जी रहे हैं. अमेरिकी वृद्धावस्था रिसर्च ग्रुप के रॉबर्ट यंग कहते हैं कि परिवार का साथ लंबा जीवन जीने में मदद करता है. यही हम जापान में भी देखते हैं. गर्म मौसम भी इसमें मदद करता है.

हालांकि यंग कहते हैं कि क्यूबा के लोग शायद पूरी सच्चाई नहीं बता रहे हैं. वे कह रहे हैं कि यहां के लोग दूसरी जगह के लोगों से ज्यादा लंबा जी रहे हैं. ये अपनी विचारधारा को फैलाने के लिए बोला गया झूठ भी हो सकता है. कनाडा की किंग्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विंसेंट गेलोसो कहके हैं कि क्यूबा के डॉक्टरों के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं नहीं तो उन्हें सजा दी जाती है. इसलिए वहां आंकड़ों में हेर फेर किया जाता है. वो कहते हैं कि आंकड़ों को शायद इसलिए बदला गया होगा कि जब वो सोवियत यूनियन में थे तो शिशु मृत्यु दर ज्यादा थी. ऐसे में औसत आयु के आंकड़ों को ठीक करने के लिए बुजुर्ग लोगों की उम्र गलत दर्ज की गई. हालांकि कितना भी किया गया हो तब भी क्यूबा अपनी औसत आमदनी के हिसाब से बेहतर औसत उम्र रखता है.

विशेषज्ञ इसकी एक और वजह बताते हैं. क्यूबा में बहुत कम कारें हैं. इसलिए यहां कार दुर्घटनाएं कम होती हैं जिनमें कम लोग मारे जाते हैं. 1990 के आर्थिक संकट के दौरान लोगों के पास खाने की कमी थी. इसके चलते लोगों को मधुमेह भी कम हुई. इस वजह से लोग ज्यादा समय तक जी पा रहे हैं.

आरएस/आरपी (एएफपी)

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