1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

पाकिस्तान फिर खरीदेगा भारत से चीनी, कपास

१ अप्रैल २०२१

पाकिस्तान ने भारत से चीनी और कपास के आयात पर दो साल पहले लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है. इसे दोनों देशों के बीच रिश्तों के सामान्य होने की दिशा में एक और कदम के रूप में देखा जा रहा है. 

https://p.dw.com/p/3rSgN
Kombibild Indien Pakistan | Narendra Modi und Imran Khan

यह फैसला पाकिस्तान की शीर्ष संस्था इकनॉमिक कोऑर्डिनेशन काउंसिल (ईसीसी) की एक बैठक में लिया गया. संस्था ने पाकिस्तान में निजी क्षेत्र की कंपनियों को भारत से पांच लाख टन सफेद चीनी आयात करने की इजाजत दे दी. पाकिस्तान में चीनी के दाम आसमान छू रहे हैं और देश को उम्मीद है कि इस कदम से दामों पर काबू पाने में मदद मिलेगी. इस फैसले की घोषणा ईसीसी की बैठक के बाद वित्त मंत्री हम्माद अजहर ने की.

उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि पाकिस्तान भारत से कपास और सूत का आयात भी करेगा. अजहर ने इस्लामाबाद में एक समाचार वार्ता में कहा, "अगर किसी देश से व्यापार खोलने से आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम होता है, तो इसमें कोई नुकसान नहीं है." उन्होंने यह भी कहा, "हमारे पड़ोसी देश भारत में चीनी के दाम पाकिस्तान से काफी कम हैं." पाकिस्तानी निजी कंपनियों के लिए चीनी व्यापार को 30 जून तक खुला रखा जाएगा.

कपास के आयात की इजाजत निजी कंपनियों के अलावा सरकारी संस्थानों को भी दी गई है. भारत ने अभी तक पाकिस्तान के निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं की है. पाकिस्तान 2019 तक भारतीय कपास के अग्रणी खरीदारों में से था, लेकिन फिर भारत द्वारा कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने के बाद पाकिस्तान ने भारत से सभी आयातों पर बैन लगा दिया था. पांच डीलरों ने बताया कि पाकिस्तानी खरीदारों ने भारतीय चीनी और कपास खरीदने के बारे में पूछताछ शुरू भी कर दी है.

IWMF 2020 Preisträgerin Masrat Zahra, Fotojournalistin | Bild aus Kaschmir, Indien, 2019
2019 में भारत सरकार द्वारा जम्मू और कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटा देने के बाद पाकिस्तान ने भारत से सही आयातों पर बैन लगा दिया था.तस्वीर: picture-alliance/Zuma/Masrat Zahra

भारत में दोनों उत्पाद दूसरे देशों से कम दामों पर मिल रहे हैं. भारत दुनिया में कपास का सबसे बड़ा उत्पादक है और चीनी का दूसरा सबसे बड़ा. पाकिस्तान में निर्यात करने से भारत के स्थानीय बाजारों में पड़े अतिरिक्त माल का बोझ कम हो जाएगा और पाकिस्तान को रमजान के पहले चीनी के दामों में कमी करने में मदद मिलेगी. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बाजारों से चीनी खरीदने की कोशिश करता रहा है.

उसने पिछले महीने ही 50,000 टन चीनी खरीदने के दो टेंडर निकाले थे, लेकिन मार्च में दोनों टेंडरों के लिए आई बोलियों को नामंजूर कर दिया. एक वैश्विक व्यापार कंपनी के लिए काम करने वाले एक डीलर ने बताया, "पाकिस्तानी व्यापारी पहले से अपने दुबई स्थित दफ्तरों के जरिए अफगानिस्तान में आपूर्ति के लिए भारतीय चीनी खरीद रहे हैं. अगर पाकिस्तान भारत से आयात की इजाजत दे देता है, तो वो अपना सामान पाकिस्तान में ही उतार लेंगे."

डीलर ने यह भी बताया कि भारतीय निर्यातक समुद्र या सड़क के रास्ते भी सामान भेज सकते है. इससे उन्हें दूसरे देशों के ऊपर बढ़त मिल जाती है. हालांकि पाकिस्तान में सब ने इस कदम का स्वागत नहीं किया. कॉटन गिनर्स फोरम के अध्यक्ष ईशान-उल-हक ने कहा कि कपास और सूत के असीमित आयात से पाकिस्तान के अपने कृषि और कपास उद्योग पर असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चूंकि जून में नई फसल के आने की उम्मीद है, इसलिए दामों की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए आयात पर एक सीमा लगानी होगी. 

सीके/एए (रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी