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क्रिसमस की शुभकामनाएं

२२ दिसम्बर २०१०

क्रिसमस का यह प्यारा त्योहार, जीवन में लाये खुशियां अपार. सांता क्लॉस आये आपके द्वार, शुभकामना हमारी करें स्वीकार .. लेकिन यह भी तो जरा जानें कि हमारे श्रोताओं और पाठकों ने इस मौके पर हमसे क्या कहा है.

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सांता क्लॉजतस्वीर: AP Graphics

क्रिसमस ईसाई समुदाय के लोगों का महापर्व है. यह पर्व हर वर्ष 25 दिसम्बर को मनाया जाता है. इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था. सभी ईसाई ईसा मसीह की शिक्षा को ही अपने धर्म का मूल आधार मानते हैं. ईसा मसीह को जीसस क्राइस्ट भी कहते हैं. ईसाई मानते हैं की ईश्वर ने इस संसार की रचना की है तथा अपने दूतों के माध्यम से लोगों को संदेश देते हैं. ईश्वर के पुत्र जीसस इस धरती पर लोगों को जीवन की शिक्षा देने के लिये आये थे. भारत में क्रिसमस को 'बड़ा दिन' कहा जाता है.

रवि शंकर जी ने कुछ पंक्तियां हमें लिख भेजी हैं...

बने सहायक नित्य किसी के,पूरा कर दें उसका सपना.....

केवल खुद के लिए न जी कर कुछ पल औरों के हित जी लें.

कुछ अमृत दे बांट, और खुद कभी हलाहल थोड़ा पी लें.

बिना हलाहल पान किये, क्या कोई शिव शंकर हो सकता?

बिना बहाए स्वेद धरा पर क्या कोई फ़सलें बो सकता?

दिनकर को सब पूज रहे पर किसने चाहा जलना-तपना?

हम ऐसा कुछ काम कर सके हर दिन रहे बड़ा दिन अपना.....

हम ऐसा कुछ काम कर सके हर दिन रहे बड़ा दिन अपना.

निज निष्ठा की सूली पर चढ़, जो कुरीत से लड़े निरंतर,

तन पर कीलें ठुकवा ले पर न हो असत के सम्मुख नत-शिर.

करे क्षमा जो प्रतिघातों को रख सद्भाव सदा निज मन में.

बिना स्वार्थ उपहार बांटता फिरे नगर में, डगर-विजन में.

उस ईसा की, उस सांता की 'सलिल' सीख ले माला जपना.

हम ऐसा कुछ काम कर सके हर दिन रहे बड़ा दिन अपना.....

रख ऐसा आचरण बने जो, सारी मानवता का नपना.

हम ऐसा कुछ काम कर सके हर दिन रहे बड़ा दिन अपना.....

रवि शंकर तिवारी, छात्र टीवी पत्रकारिता, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी (नई दिल्ली)

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Deutschland Weihnachten Weihnachtsmann mit Strahlenkranz
तस्वीर: Fotolia/amandare

इसके अलावा भी हमें कई श्रोताओं ने क्रिसमस की शुभकामनाएं भेजी हैं, उनके नाम इस तरह हैं :

आर अश्विन कुमार, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश

मोहम्मद असलम, आलमी रेडियो लिस्नर्स क्लब, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश

के.सी. शिवराज, राजा, सेलम, तमिलनाडु

सुनील बरनदास, आर. बी. आई लिस्नर्स क्लब, नादिया, पश्चिम बंगाल

बिजान दास, धुबरी, असम

हेमंत सहाय, कोसमोस क्लब मुजफ्फरपुर, बिहार

नेहा सेठ

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संकलन: कवलजीत कौर

संपादनः आभा एम