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खोखली साबित हुए हमारी बल्लेबाज़ी: धोनी

१० मई २०१०

टी-20 वर्ल्ड कप में एक बार फिर शर्मनाक प्रदर्शन के लिए टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने बल्लेबाज़ों को ज़िम्मेदार ठहराया. भारतीय कप्तान के मुताबिक बल्लेबाज़ी खोखली साबित हुई. रवींद्र जडेजा फिर सवालों में.

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सितारे ज़मीन पर आएतस्वीर: AP

अहम मैच हार कर करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को निराश करने वाली टीम के कप्तान अपने बल्लेबाज़ों से हताश हैं. पिछले टी-20 वर्ल्ड कप की तरह इस बार भी धोनी ने बल्लेबाज़ों को हार के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है. पहले ऑस्ट्रेलिया से बुरी तरह हारने वाली टीम के कप्तान ने वेस्टइंडीज़ से मिली मात के बाद कहा, ''माना जाता है कि बैटिंग हमारी ताकत है. हमें ऐसी परिस्थितियों में 170 रन का पीछा करना चाहिए था.'' लेकिन टीम 155 रन ही बना सकी. इनमें भी 19 रन एक्स्ट्रा के खाते से आए और 14 रन हरभजन सिंह ने बनाए.

आईपीएल की खोज कहे जाने वाले मुरली विजय सात, गौतम गंभीर 15, युवराज सिंह पांच और यूसुफ पठान 17 रन ही बना सके. ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ बेहद ख़राब गेंदबाज़ी करने वाले रवींद्र जडेज़ा कैरेबियाई टीम के ख़िलाफ़ भी टीम के मुंह में छाला साबित हुए. इस बार उन्होंने 2 ओवर में 27 रन दिए. ऑलराउंडर कहे जाने वाले इस खिलाड़ी से जब बल्लेबाज़ी की उम्मीदें की जा रही थी तो जडेजा पांच रन बनाकर चलते बने. जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भी दो ओवर में 38 रन दिए और चार रन ही बना सके.

Cricket West-Indien
तस्वीर: AP

गेल को 46 रन पर जीवनदान देने और ख़राब फ़ील्डिंग का ज़िक्र भारतीय कप्तान ने नहीं किया. धोनी ने कहा, ''बल्लेबाज़ी आशा के मुताबिक नहीं रही. एक आध ओवरों को छोड़ दें तो गेंदबाज़ों ने अच्छा प्रदर्शन किया.'' टीम का सेमीफाइनल में पहुंचा बहुत मुश्किल है. ऐसे में वर्ल्ड कप के असफल मिशन का पोस्टमार्टम होना तय है.

अंतरराष्ट्रीय मैचों में टीम का ख़राब प्रदर्शन से आईपीएल और चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं. रॉबिन उथप्पा या अमित मिश्रा जैसे खिलाड़ी को मौक़ा न मिलना और रवींद्र जडेजा को कई मौके मिलने से क्रिकेट प्रेमी अटपटा ज़रूर महसूस कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मैचों में लगातार ख़राब प्रदर्शन करते आ रहे यूसुफ पठान भी क्रिकेट प्रेमियों को पच नहीं रहे हैं. धीरे धीरे उठते इन सवालों का जवाब आने वाले दिनों बीसीसीआई और भारतीय कप्तान को बार बार देना पड़ेगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एस गौड़