1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

२६ जनवरी २०११

हमारे श्रोताओं ने गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं के साथ यह भी बताया है कि उन्हें हमारे कार्यक्रम कैसे लग रहे हैं. कुछ लोग रेडियो कार्यक्रम बंद होने की बात को पचा चुके हैं तो कुछ अब भी नाराज हैं.

https://p.dw.com/p/Qvei

31 राज्य, 1618 भाषाएं, 6400 जातियां, 6 समूह, 29 त्योहार, 1 देश: गर्व है कि मैं भारतीय हूं.

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं.

डॉ. एसएस भट्टाचार्य, चेतक लिस्नर्स क्लब, पश्चिम मिदनापुर (पश्चिम बंगाल)

*********

आओ देश का सम्मान करें,

शहीदों की शहादत करें,

एक बार फिर राष्ट्र की कमान

हम हिन्दुस्तानी अपने हाथों में धरें

आओ स्वतंत्रता दिवस का सम्मान करें.

मोहम्मद हफीज्जुल रहमान, बर्द्धवान (पश्चिम बंगाल)

*******

जय हिन्द, वन्देमातरम

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूं.

परितोष चट्टोपाध्याय, मुर्शिदाबाद (पश्चिम बंगाल)

***********

गणतंत्र दिवस की आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं.

प्रमोदपाल सिंह मेघवाल, देसूरी पाली (राजस्थान)

******

आप जानते है कि आपके प्रोग्राम अच्छे है लेकिन वेबसाइट पर बहुत आराम से सुनने को मिलते हैं. अपने समयानुसार सुना जाता है. जब से रेडियो प्रसारण बंद हुआ, बहुत ही सुकून है. सिर्फ वेबसाइट पर सुनना आरामदायक है.

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं.

मुहम्मद असलम, आलमी रेडियो लिस्नर्स क्लब, आज़मगढ (उत्तर प्रदेश)

******

सुरेश कलमाड़ी बर्खास्त:

यह कानूनी सलाह अगस्त 2010 में भी ली जा सकती थी और घपलेबाजों को दरवाजा दिखा कर भारी नुकसान से बचा जा सकता था. पर नहीं, सरकार सोती रही और सबूतों को मिटाने, हटाने और गुमराह करने का मौका देना सरकार की नियत पर सवालिया निशान लगाता है.

समूर्ति

***********

सुरों को मिलाने वाली आवाज अब खामोश है:

आपने श्री जोशी जी के निधन पर भावभीनें श्रद्धा सुमन प्रस्तुत किए. धन्यवाद. जोशी जी भारत रत्न थे, इसमें कोई संदेह नहीं. सरकारी भारत रत्न से अधिक वह जनता के रत्न थे. उनका निधन भारतीय संगीत जगत के लिए अपूर्णीय क्षति हैं. भारतीय जनता ने संगीत के माध्यम से देश की एकता की अलख जगाने वाले महामानव को खो दिया हैं. उनकों हमारी भाव भीनी श्रद्धांजलि.

प्रमोद महेश्वरी, शेखावटी (राजस्थान)

***********

लौट आओ सुषमा और अरुणः चिदंबरम

अगर 15 - 20 वर्ष पहले बीजेपी वालो ने इतनी आक्रामकता दिखाई होती तो कश्मीर में हिन्दुओं का इतना क़त्लेआम ना होता. हज़ारों हिन्दू बचाए जा सकते थे.

अरविंद

संकलनः कवलजीत कौर

संपादनः ए कुमार