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गर्भवती महिला को सजा ए मौत

१७ मई २०१४

मिरियम याहिया इब्राहिम इशाग, यह नाम है 27 साल की मुस्लिम महिला का जिसने एक ईसाई से शादी करने की जुर्रत की. मिरियम गर्भावस्था के आठवें महीने में हैं. अपने अपराध के लिए उन्हें सौ कोड़ों की सजा और फांसी का इंतजार करना है.

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तस्वीर: imago/CHROMORANGE

यह अमानवीय फैसला सूडान की एक अदालत ने लिया है. अपना फैसला सुनाते हुए जज ने कहा, "हमने आपको तीन दिन की मोहलत दी थी लेकिन आप अपने धर्म में नहीं लौटीं. मैं आपको सजाए मौत देता हूं." जज अब्बास मोहम्मद अल खलीफा ने महिला को "अवैध संबंधों" के लिए सौ कोड़े मारे जाने की सजा भी सुनाई. सुनवाई के दौरान एक मौलवी ने आधे घंटे तक मिरियम को दोबारा इस्लाम अपनाने के लिए मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं मानीं. उन्होंने बहुत ही शांत स्वर में जज से कहा, "मैं ईसाई हूं और मैंने कोई अपराध नहीं किया है."

सूडान में 1983 से शरिया कानून लागू है, जिसके अनुसार धर्म बदलना अपराध है. मिरियम एक मुस्लिम परिवार में पैदा हुईं. शादी के बाद उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया. अपना सर ढके पारंपरिक लिबास पहने मिरियम चुपचाप ही अदालत से निकलीं. उन्होंने अपने चेहरे पर कोई भाव दिखने नहीं दिया.

कहां का न्याय?

इस फैसले ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया है. ब्रिटेन ने इसे "बर्बरता से भरा" हुआ करार दिया है. वहीं अमेरिका ने कहा कि वह इस फैसले से "बहुत परेशान" है. नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की प्रवक्ता कैटलिन हेडन ने अपने बयान में कहा, "हम इसकी कड़ी आलोचना करते हैं और सूडान सरकार से आग्रह करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के अनुसार अपनी जिम्मेदारी पूरी करे." एमनेस्टी ने भी इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है, "एक महिला को इसलिए फांसी दी जा रही है क्योंकि उसने अपना धर्म खुद चुन लिया और उसे इसलिए मारा पीटा जाएगा क्योंकि उसने किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी कर ली, यह डरावना और घृणास्पद है."

मिरियम के वकील का कहना है कि वह फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करेंगे, "हमारे पास अपील करने का हक है. हम जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर देंगे." उनका कहना है कि यह फैसला संविधान के खिलाफ है. जिस वक्त फैसला सुनाया गया अदालत के बाहर करीब पचास लोगों ने इसके खिलाफ नारेबाजी की. हालांकि मिरियम को अब तक देश में बहुत ज्यादा समर्थन नहीं मिल पाया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मामला उछलने के कारण उनके वकील को थोड़ी तसल्ली जरूर मिली है.

मिरियम के समर्थकों ने अदालत के बाहर चिल्लाते हुए कहा, "इसे सजा क्यों दे रहे हो? देनी ही है तो भ्रष्ट नेताओं को दो. उन्हें कटघरे में खड़ा करो." सूडान दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों में गिना जाता है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा किए एक सर्वे में 177 देशों की सूची में सूडान को 174वां स्थान पर है.

अगर मिरियम को फांसी हो जाती है तो यह देश का इस तरह का पहला मामला होगा.

आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी)