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गिनती के दिन बचे हैं ललित मोदी के !

१९ अप्रैल २०१०

आईपीएल कमिश्नर के तौर पर ललित मोदी के गिनती के ही दिन बचे हैं. बताया जाता है कि बीसीसीआई उन्हें हटाने का मन बना चुकी है. उनकी वजह से बीसीसीआई को न सिर्फ राजनीतिक विवाद झेलना पड़ा बल्कि आयकर विभाग की नकेल भी उस पर कसी.

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क्या छिन जाएगी कमिश्नर की गद्दीतस्वीर: AP

कोच्चि फ्रैंचाइजी के सिलसिले में जिस तरह हाल के दिनों में तेजी से घटनाक्रम बदला, उसके चलते मोदी के खिलाफ हवा तेज हुई है. इस फ्रैंचाइजी के स्वामित्व पर छिड़े विवाद के बाद आईपीएल में वित्तीय गड़बड़ियों का पिटारा ही खुल गया. मोदी पर ये भी आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने अपने परिवार और दोस्तों को आईपीएल की अलग अलग टीमों में हिस्सेदारी दिलवाई है.

इस बीच मोदी पर लगे सभी आरोपों पर चर्चा के लिए बीसीसीआई की बैठक 24 अप्रैल की बजाय अब 2 मई को होगी. लेकिन इस बैठक से पहले आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल की बैठक होगी. यह बैठक 25 अप्रैल को आईपीएल खत्म होने के तुरंत बाद बुलाई जाएगी. बीसीसीआई की मीडिया और वित्त कमेटी के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने बताया, "मोदी के खिलाफ सभी आरोपों और अन्य मुद्दों पर गवर्निंग काउंसिल की बैठक में चर्चा होगी. बैठक की तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी." बीसीसीआई की बैठक टाले जाने के बारे में उन्होंने कहा कि पहले गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सभी बातों पर चर्चा होगी. इससे पहले कार्यसमिति की बैठक कराने का कोई मतलब नहीं है.

जब शुक्ला से पूछा गया कि क्या पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर से सार्वजनिक तकरार के बाद ललित मोदी के पर कतरने की तैयारी हो रही है, तो उन्होंने कहा कि यह सब मीडिया की अटकलें हैं. शुक्ला ने मोदी पर लगे आरोपों पर कुछ भी कहने से इनकार किया.

असल में इस पूरे विवाद की शुरुआत मोदी के एक ट्विट से हुई जिसके मुताबिक कोच्चि फ्रैंचाइजी में विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर की दोस्त सुनंदा पुष्कर को 70 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी दी गई है. इस मुद्दे पर गहराते विवाद के बीच थरूर को इस्तीफा देना पडा तो उनकी दोस्त को अपनी हिस्सेदारी छोड़नी पड़ी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः प्रिया एसेलबोर्न