1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

गिरते यूरो को लातविया का सहारा

३१ जनवरी २०१३

लातविया ने यूरो मुद्रा को अपनाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए गुरुवार को देश में इस मुद्रा को लागू करने का प्रस्ताव पास कर दिया. यूरो की हालत खराब है लेकिन दूसरे देशों के शामिल होने से मजबूती मिल सकती है.

https://p.dw.com/p/17VOv
तस्वीर: picture-alliance/dpa

देश की संसद ने जब इस प्रस्ताव को पास कर दिया है, तो इसका मतलब यह है कि 2014 के शुरू से यहां यूरो मुद्रा का चलन शुरू हो सकता है. अभी लातविया में लैट्स मुद्रा चलती है. समझा जाता है कि वह अगले महीने यूरोपीय संघ को इस मामले में एक औपचारिक पत्र लिखेगा, जिसमें पूछा जाएगा कि क्या उसे यूरो अपनाने की इजाजत है. लातविया 1991 में सोवियत संघ से अलग हुआ है.

अगर यह गुजारिश मंजूर हो गई तो लातविया यूरो मुद्रा चलाने वाला 18वां देश बन जाएगा. हालांकि हाल के दिनों में यूरो जोन वाले देशों में जबरदस्त कर्ज संकट देखा गया है और ग्रीस तथा स्पेन जैसे देशों की वजह से पूरे यूरोपीय संघ को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

Lettland Straßenszene in Riga
पर्यटन को बढ़ावातस्वीर: GettyImages

लातविया की मध्य दक्षिणपंथी सरकार का मानना है कि यूरो मुद्रा की वजह से देश में पर्यटकों की संख्या बढ़ सकती है, जो उनकी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है. 2008 की आर्थिक मंदी के बाद से लातविया पर काफी असर पड़ा है.

दूसरी तरफ यूरोपीय वित्तीय संकट की वजह से ग्रीस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है, उसे दो बार दीवालिया होने से बचने के लिए बेलआउट पैकेज लेना पड़ा है. इसके एवज में उसे भारी शर्तों को मानना पड़ा है. लेकिन सिर्फ ग्रीस ही यूरो जोन का देश नहीं है, जिसे मदद की जरूरत पड़ी हो. उसके अलावा पुर्तगाल, साइप्रस और आयरलैंड जैसे देशों का भी बुरा हाल है. यहां तक कि स्पेन और इटली की अर्थव्यवस्था भी चरमराई हुई है.

ऐसी स्थिति में अगर कोई नया देश यूरो मुद्रा को अपनाना चाहे, तो इसमें ताज्जुब लगता है. लातविया के पड़ोसी देश एस्टोनिया ने आखिरी बार इस मुद्रा को चलाया है. वहां 2011 से यूरो चल रहा है. करीब 20 लाख की आबादी वाले लातविया में ओपीनियन पोल के मुताबिक लोगों का मानना है कि सरकार को इसके लिए जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए थी क्योंकि वह यूरो जोन का सबसे गरीब देश होगा और अगर बेलआउट की जरूरत पड़ती है, तो इसे भी अपना हिस्सा देना होगा.

Estland Euroumstellung
एस्तोनिया में यूरोतस्वीर: RAIGO PAJULA/AFP/GettyImages

सर्वे के मुताबिक 18 से 55 साल के करीब 60 फीसदी लोग इस फैसले के खिलाफ थे. संसद में वोटिंग से पहले एक वित्त सहायक नोरमुंडस बेर्नुप्स से इस बारे में पूछा गया, तो उनका जवाब था, "मुझे लगता है कि दक्षिणी यूरोप गैरजिम्मेदारी से काम कर रहा है. हम उनकी गलतियों के लिए कीमत अदा नहीं करना चाहते हैं."

कुछ लोगों का मानना था कि सरकार को इस फैसले से पहले जनमत संग्रह कराना चाहिए लेकिन सरकार ने यह बात नहीं मानी. उसका कहना था कि देश 2004 में ही यूरोपीय संघ में शामिल हो चुका है और तभी कहा गया था कि यह यूरो मुद्रा भी अपनाएगा.

यूरोपीय अधिकारियों का कहना है कि लातविया के पास अच्छा मौका है. उनका कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और वह यूरो जोन में कंधे से कंधा मिला कर काम कर सकता है. पिछले साल यहां की अर्थव्यवस्था 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी.

सौ सदस्यों वाली संसद में यूरो अपनाने के पक्ष में 52 और विरोध में 40 लोगों ने वोट दिया. देखना है कि किसका फैसला सही साबित होता है.

एजेए/एमजे (एपी)