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गिलानी ने कहा शुक्रिया, मनमोहन को भेजे आम

२१ अगस्त २०१०

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी ने बाढ़ पीड़ितों के लिए भारत से राहत राशि स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का शुक्रिया अदा किया है और उन्हें आम की पांच पेटियां भिजवाई हैं.

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तस्वीर: AP

प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री को पांच पेटी आम पाकिस्तान से शुक्रिया के तौर पर भेजे गए हैं. शुक्रवार को पाकिस्तान ने भारत से राहत राशि स्वीकार कर ही ली. गुरुवार को भारतीय प्रधानमंत्री ने गिलानी से बातचीत कर उन्हें बाढ़ में राहत के लिए और सहायता की पेशकश की थी. इससे पहले पाकिस्तान ने भारत से राहत राशि लेने से इनकार कर दिया था.

Pakistan Flut Katastrophe 2010 Flash-Galerie
अब भी उतरा नहीं है पानीतस्वीर: AP

पाकिस्तान में तीन सप्ताह से भी ज्यादा समय से मॉनसून की बारिश ने कहर मचा रखा है पाकिस्तान में 20 फीसदी से भी ज्यादा जमीन पानी में है. खैबर पख्तूनख्वाह, पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध में बाढ़ ने दो करोड़ लोगों को दर-ब-दर कर दिया है. 1700 के करीब लोग मारे गए हैं और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि साढ़े छह लाख लोगों को अब भी मदद की जरूरत है.

उधर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि बाढ़ में मारे गए लोगों की सही संख्या अभी पता नहीं लगी है क्योंकि अब भी कई ऐसे इलाके हैं जहां तक राहतकर्मी नहीं पहुंच सके हैं. संयुक्त राष्ट्र के लिए पाकिस्तान के दूत अब्दुल्ला हुसैन हारून ने पाकिस्तान को राहत देने के लिए हुए सम्मेलन में कहा, "हम अभी नहीं जानते कि कितने लोग मारे गए हैं और गायब हुए हैं. हम केवल अपनी सांस रोक कर उम्मीद कर सकते हैं कि मरने वाले लोगों की संख्या कम हो."

Pakistan Flutkatastrophe Hilfe
राहत का बेसब्री से इंतज़ारतस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र के जॉन होम्स ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की 45 करोड़ 90 लाख डॉलर की राहत राशि की अपील के बाद 70 फीसदी राशि उपलब्ध हुई है. होम्स का कहना है, "ये राशि एक सामान्य आपदा के लिए काफी होती लेकिन ये कोई सामान्य आपदा नहीं है. हालांकि मदद के लिए अभी और राशि मिल रही है."

अमेरिका ने छह करोड़ डॉलर और दिए हैं तो ब्रिटेन ने पाकिस्तान के लिए दी जा रही मदद को कम बताया और मदद के लिए राशि बढ़ा कर करीब 10 करोड़ डॉलर कर दी. यूरोपीय संघ से बेल्जियम ने और तीन करोड़ 85 लाख डॉलर देने का वादा किया. खेती, काम, स्कूल, व्यवसाय, सड़कें, बिजली सब कुछ बाढ़ ने लील लिया है. दशकों में आई इस भयावह बाढ़ से उबरने में पाकिस्तान को काफी समय लगेगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः एस गौड़