गोल्डमैन सैक्स पर धोखाधड़ी के आरोप
१७ अप्रैल २०१०अमेरिकी वित्तीय नियामक संस्था यूएस सेक्यूरिटीज़ एंड एक्सचेंज कमीशन का आरोप है कि मंदी की शुरुआत के वक्त गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्राहकों को सही जानकारी नहीं दी. अमेरिका में 2007-08 में घरों की क़ीमतें तेज़ी से गिरी थी, जिसके चलते बैंकों के कर्ज़ डूब गए और विश्वव्यापी मंदी की शुरुआत हुई.
कमीशन का आरोप है कि घरों की तेज़ी से गिरती क़ीमत के दौरान गोल्डमैन सैक्स ने पॉलसन एंड को नाम की कंपनी को भारी मुनाफ़ा पहुंचाया. पॉलसन एंड को ने इसके लिए गोल्डमैन को डेढ़ करोड़ डॉलर दिए. बैंक ने यह रक़म लेकर 'कर्ज़ संबंधी बॉन्ड का दायित्व' जैसी सेवा सीडीओ शुरू की.
नियामक का कहना है कि बैंक ने अपने ग्राहकों को कई महत्वपूर्व जानकारियां नहीं दी. एसईसी के मुताबिक ग्राहक जब शेयर या अन्य प्रतिभूतियां बेच रहे थे तो गोल्डनमैन मार्केटिंग ने अपने क्लाइंट पॉलसन की जानकारी छुपाई. पॉलसन दुनिया के बड़े हेज फ़ंडों में से एक है.
एसईसी के मुताबिक, ''अहम शर्तों का चयन पॉलसन ने किया ताकि उसके आर्थिक हितों को लाभ पहुंचे.'' एसईसी का दावा है कि कंपनी के आतंरिक ईमेलों के ज़रिए उसे यह बातें पता चली हैं. 2007 के दौरान हुए एक ईमेल व्यवहार में कहा गया, ''सीडीओ वाला मामला ख़त्म हो चुका है, अब हमारे पास ज़्यादा वक्त नहीं बचा है.''
2007 के बाद जब अमेरिका में होम क्राइसिस आई तो मॉर्टगेज प्रतिभूतियों में निवेश करने वालों को एक अरब डॉलर का नुक़सान हुआ. गोल्डमैन पर आरोप लग रहे हैं कि उसने अपनी साख का इस्तेमाल करते हुए दूसरे देशों के व्यापारिक बैंकों को भी डूबती हुई प्रतिभूतियां बेचने की सलाह दी. गोल्डमैन की सलाह मानने वाले जर्मनी का एक बैंक बाद में डूब गया, एबीएन एमरो की भी कमर टेढ़ी हो गई. बड़े बड़े बैंकों को सरकारी मदद लेनी पड़ी.
उधर गोल्डमैन सैक्स ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है. यह मामला सामने आने के बाद अमेरिकी शेयर बाज़ार गिरावट के साथ बंद हुए हैं. इस बात की चर्चाएं भी ज़ोरों पर हैं कि निवेशकों के भरोसे और पैसे को बचाए रखने के लिए अमेरिकी बाज़ार में नए सिरे से सुरक्षा इंतज़ाम किए जाएं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: आभा मोंढे