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ग्रीनपीस कार्यकर्ता को रोका

ईशा भाटिया१२ जनवरी २०१५

पर्यावरण के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस की एक वरिष्ठ कार्यकर्ता को दिल्ली हवाई अड्डे पर रोका गया है.

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महान के जंगलों में ग्रीनपीस का गुब्बारातस्वीर: picture-alliance/dpa

प्रिया पिल्लै लंदन के लिए रवाना हो रहीं थीं जहां उन्हें ब्रिटिश सांसदों के सामने एक प्रेजेंटेशन देनी थी. यह बैठक मध्य प्रदेश के महान इलाके में हो रहे मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर रोशनी डालने के लिए होने जा रही थी.

प्रिया पिल्लै ने दैनिक इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें रविवार सुबह आप्रवासन अधिकारियों द्वारा रोका गया, "अधिकारी ने मुझसे कहा कि मैं देश से बाहर नहीं जा सकती, जबकि मेरे पास छह महीने का वैध वीजा है. जब मैंने उनसे वजह जाननी चाही तो उन्होंने इंकार कर दिया. जब मैंने जोर दिया तो वह मुझे उच्च अधिकारी के पास ले गए और वहां मुझे बताया गया कि मैं भारत सरकार द्वारा जारी किए गए उस डाटाबेस का हिस्सा हूं, जिसमें उन लोगों के नाम हैं जिन्हें देश से बाहर जाने की अनुमति नहीं है."

अपनी निराशा जाहिर करते हुए प्रिया पिल्लै ने कहा, "मैं इस सूची के बारे में जानना चाहती हूं. मेरे अलावा और किस किसके नाम हैं इसमें? इसे किस मानदंड के आधार पर बनाया गया है? क्या मेरा नाम ड्रग्स की तस्करी करने वालों और स्मगलरों के साथ रखा गया है?" प्रिया सरकार से बेहद नाराज दिख रही हैं, "यह सरकार अलग नजरिया रखने वाले लोगों के साथ ऐसे पेश नहीं आ सकती. सरकार मुझ पर इस तरह से निशाना नहीं साध सकती."

जनवरी 2014 में प्रिया पिल्लै को कई अन्य पर्यावरण कार्यकर्ताओं के साथ गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया, "हमें बेल मिल गयी थी और फिलहाल मुंबई में मुकदमा चल रहा है. लेकिन जमानत के समय मुझे ऐसी किसी शर्त के बारे में जानकारी नहीं दी गयी थी कि मैं देश से बाहर नहीं जा सकती." प्रिया ने बताया कि उनके पासपोर्ट पर "ऑफलोड" स्टैम्प किया गया है और उनसे कहा गया है कि उनके देश से बाहर जाने पर "बैन" लगाया गया है.

इस मामले में ग्रीनपीस ने गृह और विदेश मंत्रालयों से जवाब तलब किया है और एयरपोर्ट अथॉरिटी से भी रोक के कानूनी आधार पर सफाई मांगी है. भारत में ग्रीनपीस के निदेशक समित आइश ने एक बयान में कहा है, "सरकार की मंशा साफ है. वह ग्रीनपीस और उसके कर्मचारियों को डराने धमकाने का कोशिश कर रही है. मैं सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि इस तरह के कदम हमें भारत के लोगों और यहां के पर्यावरण को बचाने के लिए अपनी कोशिशें जारी रखने के लिए और प्रोत्साहित करते हैं." उन्होंने कहा कि संगठन आगे भी सरकार से कड़े सवाल करने से पीछे नहीं हटेगा.

गृह मंत्रालय ने कुछ ही महीने पहले ग्रीनपीस को आर्थिक सहायता देना बंद कर दिया है. इसके अलावा पिछले साल सितंबर में ब्रिटेन के एक ग्रीनपीस कार्यकर्ता को भारत में दाखिल होने से रोक दिया गया था. बेन हारग्रीव्स नाम के इस ब्रिटिश नागरिक को वैध वीजा होने के बावजूद अगली फ्लाइट से वापस लौटा दिया गया था.