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ग्रीस की यूरो नीति पर मैर्केल पर दबाव

५ जनवरी २०१५

क्या ग्रीस चुनावों के बाद यूरो मुद्रा वाले देशों के संघ से बाहर हो जाएगा? ग्रीस में चुनावों से पहले जर्मन राजनीतिज्ञ और वित्त विशेषज्ञ इस पर बहस कर रहे हैं. इस मुद्दे पर जर्मन सरकार के रवैये की आलोचना हो रही है.

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अंगेला मैर्केलतस्वीर: AFP/Getty Images/T. Charlier

श्पीगेल साप्ताहिक ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा था कि बर्लिन वामपंथी सिरिजा पार्टी की जीत और बचत कार्यक्रम को छोड़ने की स्थिति में ग्रीस के यूरोजोन से बाहर जाने को अपरिहार्य मानता है. पत्रिका के अनुसार चांसलर मैर्केल और वित्त मंत्री वोल्फगांग शौएब्ले का मानना है कि ग्रीस के बाहर निकलने को संभाला जा सकता है. अन्य संकटग्रस्त देशों आयरलैंड और पुर्तगाल की हालत में सुधार, एक स्थायी यूरो बचाव कोष की स्थापना और बैंकिंग यूनियन बनने के बाद बर्लिन का भरोसा बढ़ा है कि नए ग्रीक संकट का असर सीमित होगा.

तीन चरणों में नए राष्ट्रपति का चुनाव करने में नाकाम होने के बाद पिछले हफ्ते ग्रीस की संसद को भंग कर दिया गया था. 25 जनवरी को मध्यावधि चुनाव होंगे. मौजूदा जनमत संग्रहों में आर्थिक सुधारों और बचत कार्यक्रमों का विरोध करने वाली वामपंथी सिरिजा पार्टी सबसे आगे चल रही है. जर्मन मीडिया ने श्पीगेल के लेख को ग्रीस और सिरिजा नेता अलेक्सिस सिप्रास पर दबाव बनाने की कोशिश माना है, जिन्होंने सरकार की बचत नीतियों को पलटने की बात कही है. मैर्केल और वित्त मंत्री के दफ्तरों ने न तो श्पीगेल की रिपोर्ट का खंडन किया है और न ही उसकी पुष्टि की है.

Alexis Tsipras 29. Dez. 2014
अलेक्सिस सिप्रासतस्वीर: Reuters/A. Konstantinidis

सरकार में मतभेद

चांसलर मैर्केल की सीडीयू पार्टी और सरकार में जूनियर पार्टनर एसपीडी के नेताओं ने श्पीगेल की रिपोर्ट की निंदा की है. बर्लिन में जर्मन सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि उसे विश्वास है कि ग्रीस बेलआउट प्रोग्राम में तय प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा. सीडीयू के प्रमुख नेता क्रिश्टियान बौएम्लर ग्रीस पर अटकलों की आलोचना करते हुए कहा, "यदि किसी को लगता है कि ग्रीस का बाहर निकलना मैनेज होने लायक है तो उसे बताना चाहिए कि इसका खर्च कितना होगा." बौएम्लर का कहना है कि यदि ग्रीस यूरो छोड़ता है तो वह अपना कर्ज नहीं चुकाएगा और जर्मनी को इस बोझ का बड़ा हिस्सा उठाना होगा.

एसपीडी संसदीय दल के उपनेता कार्स्टेन श्नाइडर का कहना है कि ग्रीस के यूरो छोड़ने से जर्मनी को 30 अरब यूरो से ज्यादा का नुकसान होगा, "हमने ग्रीस को स्थिर करने के लिे 240 अरब यूरो का कर्ज दिया है." यूरो छोड़ने पर ग्रीस यह रकम नहीं चुका पाएगा. कॉमैर्त्स बैंक के अनुसार यूरोपीय, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और वर्ल्ड बैंक से ग्रीस ने 257 अरब यूरो का कर्ज लिया है. बैंक के अर्थशास्त्री योर्ग क्रेमर कहते हैं कि दाता देशों के राजनीतिज्ञों को अपने मतदाताओं को समझाना होगा कि मदद के लिए दिया गया कर्ज डूब गया है.

हस्तक्षेप के आरोप

अनुदारवादी दैनिक डी वेल्ट ने ग्रीक चुनाव अभियान में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है और कहा है कि इस तरह की रणनीति बहुत जोखिम भरी है. अखबार ने कहा कि यह जर्मनी के खिलाफ असंतोष भड़का सकता है और इसके साथ सिप्रास और उनकी पार्टी के लिए समर्थन बढ़ाएगा. अखबार की दलील है कि इससे ग्रीस में अस्थिरता पैदा हो सकती है और लोग बैंकों से अपना पैसा निकालना शुरू कर सकते हैं.

जर्मनी की वामपंथी पार्टी डी लिंके के नेता बैर्न्ड रीक्सिंगर ने मैर्केल पर चुनावों से पहले ग्रीस को अस्थिर करने का आरोप लगाया है. सिद्धांत में यूरो जोन को छोड़ने के लिए कोई प्रक्रिया तय नहीं है. जर्मन अर्थनीति मंत्री जिगमार गाब्रिएल ने कहा है कि ग्रीस सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह यूरोपीय संघ के साथ तय समझौते का पालन करेगी. बर्लिन में अटकलों लगाई जा रही है ग्रीस बेलआउट के समय तय प्रतिबद्धताओं का त्याग कर सकता है जिसके बाद यूरोपीय केंद्रीय बैंक ग्रीक बैंकों को कर्ज नहीं देगा और ग्रीस को अपनी पुरानी मुद्रा ड्राख्मा लागू करनी पड़ सकती है.

एमजे/ओएसजे (डीपीए, एपी)