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ग्रीस संकट में जर्मनी पर अमेरिकियों की नजर

२ जुलाई २०१५

फ्रांसीसी राष्ट्रपतियों की जासूसी की खबरके बाद विकीलीक्स ने जर्मन नेताओं की जासूसी का एक और भंडाभोड़ किया है. अमेरिका ने ग्रीस पर भी जर्मन चांसलर की बातचीत सुनी है. राजनीतिक हलकों में संदेह और सोशल मीडिया पर हंगामा.

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मैर्केल और चांसलर कार्यालय मंत्री अल्टमायरतस्वीर: A. Berry/Getty Images

विकीलीक्स ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन ने ग्रीस पर जर्मन चांसलर मैर्केल और फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसोआ ओलांद की योजना की बातचीत टेप की.

रिपोर्टर विदाउट बोर्डर्स की जर्मन इकाई के प्रमुख क्रिश्टियान मीर ने इस खुलासे के लिए यूरो इंटरसेप्ट्स का शुक्रिया अदा किया. इसी हफ्ते रिपोर्टर्स विदाउट बोर्डर्स ने जर्मन खुफिया एजेंसी बीएनडी के खिलाफ अपने ईमेल की जासूसी के शक में मुकदमा किया है. उसे डर है कि इससे प्रेस स्वतंत्रता और सूचना देने वाले की गोपनीयता के अधिकार खतरे में हैं.

ट्विटर यूजर आने रोठ ने फ्रांस के राष्ट्रपतियों की जासूसी की खबर सामने आने के बाद सवाल पूछा कि क्या फ्रांस भी वही करेगा जो जर्मनी ने किया था, मीडिया में जासूसी की खबर पर नाराजगी और अमेरिकी सरकार से निकट सहयोग की प्रार्थना?

लेकिन जर्मनी के लिए यह दूसरा रहस्योद्घाटन है. चांसलर अंगेला मैर्केल का फोन सुने जाने के भंडाफोड़ के बाद अमेरिका ने कहा था कि अब चांसलर की जासूसी नहीं की जा रही. जासूसी की नई खबरों पर ऐडम नाथन की टिप्पणी है कि स्थिरता से जुड़े जोखिमों को देखते हुए आश्चर्य की बात नहीं है.

उधर निकोलास वीवर का मानना है कि विकीलीक्स के नए रहस्योद्घाटन एनएसए को अपने काम के लिए परेशान करने के लिए हैं.

उधर जर्मनी में एनएसए की जासूसी पर संसदीय आयोग में जांच में गतिरोध जारी है. चांसलर कार्यालय द्वारा जासूसी वाले लक्ष्यों की सूची दिए जाने से इंकार करने के बाद एक सिनियर जज को उस सूची को देखने और संसदीय समिति को अपनी रिपोर्ट देने के लिए नियुक्त किया गया है.

एमजे/एसएफ