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ग्रैमी की दौड़ में मैनेजर साहिबा

१२ दिसम्बर २०१०

सालों तक कॉर्पोरेट जगत में मैनेजर बन कारोबार संभालती रहीं भारतीय मूल की चंद्रिका कृष्णामूर्ति टंडन अब ग्रैमी की दौड़ में हैं अपने अलबम ओम नमो नारायण के लिए.

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ग्रैमी अवॉर्ड की दौड़ शुरूतस्वीर: AP

चंद्रिका कृष्णामूर्ति की एक पहचान यह भी है कि वह पेप्सीको की अध्यक्ष इंदिरा नूयी की बहन हैं. यानी कारोबार की दुनिया से उनका रिश्ता गहरा है और अब एक नई दुनिया अपनी बाहें फैलाए उनका इस्तकबाल करने को आतुर है. इस साल के ग्रैमी अवॉर्ड में ओम नमो नारायण को बेस्ट कंटेम्पररी वर्ल्ड म्यूजिक अलबम की कतार में नॉमिनेट किया गया है.

अमेरिका की नेशनल अकैडमी ऑफ रिकॉर्डिंग आर्ट्स एंड साइंस दुनिया भर की बेहतरीन संगीत रचनाओं में से चुनिंदा को पुरस्कार देती है. 53वें ग्रैमी अवॉर्ड अगले साल 13 फरवरी को एक शानदार समारोह में दिए जाएंगे.

वैसे संगीत से चंद्रिका का रिश्ता पुराना है. शास्त्रीय गायिका और मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज की पूर्व छात्रा चंद्रिका अमेरिका की एक आर्थिक सलाह देने वाली कंपनी टंडन कैपिटल एसोसिएट इंक की चेयरमैन हैं.

चंद्रिका के अलबम ओम नमो नारायण का मुकाबला दुनिया के चार बेहतरीन संगीतकारों से है जिनमें इनमें मशहूर संगीतकार बेला फ्लेक भी हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः वी कुमार

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