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ग्लोबल दुनिया में हिंदी की बढ़ती पूछ

१४ जनवरी २०११

जैसे जैसे भारत में आने वाली विदेशी कंपनियों की संख्या बढ़ती जा रही है वैसे ही हिंदी की अहमियत भी बढ़ती जा रही है. भारत में रह रहे विदेशी करियर चमकाने से लेकर भारतीय संस्कृति और फिल्मों को समझने के लिए हिंदी सीख रहे हैं.

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नई दिल्ली में विदेशियों को हिंदी सिखाने वाली एक संस्था के प्रमुख चंद्र भूषण पांडे कहते हैं, "जो विदेशी भारत आना, यहां रहना चाहते हैं या फिर यहां कोई व्यवसाय बनाना चाहते हैं, उन्हें लगता है कि हिंदी सीख लेने से ज्यादा फायदा होगा. हालांकि भारत में अब भी बिजनेस की दुनिया में इंग्लिश ही इस्तेमाल की जाती है. लेकिन हिंदी सीखने से सांस्कृतिक सामाजिक बारिकियां आसानी से समझ में आती हैं."

पांडे एक महीने में कम से कम 40 विदेशियों को हिंदी सिखाते हैं. वह कहते हैं, "पिछले आठ साल में हिंदी बोलने की मांग 50 फीसदी से बढ़ी है. हिंदी समझने और बोल सकने से भारतीय संस्कृति और इतिहास का मजा और बढ़ जाता है."

कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में अपने ऑफिस खोले हैं और वे अपने कर्मचारियों को हिंदी सीखने के लिए प्रोत्साहित करती हैं ताकि उनके व्यवसाय में फायदा हो और भारतीय ग्राहक बढ़े. गुड़गांव में हिंदी सिखाने वाले नीरज मेहरा कहते हैं, "भारतीय सहयोगियों के साथ अच्छी तरह घुल मिल जाने वाले विदेशी प्रोफेशनल यहां बहुत सफल होते हैं. मैं उन्हें नमस्कार, शुक्रिया, धन्यवाद जैसे शब्द सिखाता हूं ताकि वे अपने प्रेजेन्टेशन में अच्छे नतीजे पा सकें."

मेहरा विदेशियों को भारतीय संस्कृति के बारे में भी बताते हैं ताकि वे भारत के साथियों के साथ तुरंत सामंजस्य बिठा सकें. वह कहते हैं, "एक विदेशी हाथ जोड़ कर आपको नमस्कार करे, तो उसका प्रभाव अधिक पड़ता है बजाए कि कोई सिर्फ हाथ मिला कर हैलो कहे."

कई विदेशी शोधार्थी, गैर सरकारी संगठनों और संयुक्त राष्ट्र के भारत स्थित ऑफिस में काम करने वाले विदेशी लोग हिंदी सीखना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें अपने काम के लिए इसकी जरूरत होती है. स्विट्जरलैंड से आई जुलियट नई दिल्ली के एक एनजीओ में काम करती हैं. वह कहती हैं, "मुझे लगा था कि हिंदी के बिना काम चल जाएगा. लेकिन सड़कों पर काम करते समय मुझे समझ में आया कि हिंदी आनी चाहिए." वहीं भारत में पढ़ रही फ्रांसिसी छात्रा सिसिलिया को भारत में घुल मिल जाने के लिए हिंदी सीखनी है. हिंदी की लोकप्रियता विदेशों में बढ़ने का एक बड़ा कारण हिंदी फिल्में भी हैं. तजिकिस्तान के अबुजर कहते हैं, "हमारे यहां हिंदी फिल्में बहुत पसंद की जाती हैं. हजारों लोग रोज इन्हें देखते हैं. इसी कारण मुझे हिंदी सीखने की इच्छा हुई."

भारत में पर्यटन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है. 2010 में करीब 56 लाख विदेशियों ने भारत की यात्रा की. इनमें से कई लोगों ने हिंदी सीखने की भी कोशिश की ताकि उन्हें यहां और मजा आए. भारत सरकार भी हिंदी और भारतीय संस्कृति को विदेशों में बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चलाती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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