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ग्वांतानामो के खौफ में कबूला गुनाह

६ नवम्बर २०१३

दुनिया की सबसे कुख्यात जेल इतनी खौफनाक है कि उससे बाहर आने के लिए कैदी खुद को कसूरवार घोषित करने की भी मांग करने लगते हैं. ऑस्ट्रेलियाई नागरिक डेविड हिक्स के वकीलों का दावा है कि उनके मुवक्किल ने यही किया.

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तस्वीर: Reuters

उसके वकीलों ने मंगलवार को दायर अपील में कहा कि हिक्स पर लगे आरोप युद्ध अपराध नहीं हैं और वह ग्वांतानामो की जेल से बाहर आने के लिए इतना व्याकुल था कि उसने खुद को दोषी मान लिया. हिक्स को "आस्ट्रेलियाई तालिबान" के नाम से भी जाना जाता है. उसके वकीलों का कहना है कि ग्वांतानामो में पांच साल की कैद के दौरान उसे पीटा गया, घातक हिंसा की धमकियां दी गईं, यौन शोषण हुआ, लंबे लंबे समय तक उसे जगाए रखा गया और कहा गया कि वह अपनी जमीन पर अब कभी कदम नहीं रख पाएगा.

मार्च 2007 में हिक्स ने आतंकवाद के लिए सहायता करने का दोष स्वीकार कर लिया. पहले कंगारुओं की चमड़ी उतारने वाला यह शख्स उस वक्त बेहद मायूस और खुदकुशी करने जैसी हालत में था. दोष मान लेने के करार के बाद अमेरिकी युद्ध अपराध प्राधिकरण ने उसे ऑस्ट्रेलिया जा कर बची हुई नौ महीने की कैद को पूरा करने की इजाजत दे दी. दूसरे विश्व युद्ध के बाद अमेरिकी युद्ध अपराध प्राधिकरण के लिए वह पहला युद्ध अपराधी माना गया. वॉशिंगटन की सैन्य आयोग समीक्षा अदालत में दायर अपील में हिक्स के वकीलों ने कहा, "जब सरकार ने उसकी आजादी की संभावनाओं को उसके सामने लहराया तो आखिरकार वह विष का कटोरा पीने के लिए तैयार हो गया."

David Hicks
तस्वीर: picture alliance/dpa

अब 38 साल का हो चुका हिक्स ऑस्ट्रेलिया में आजाद है. उसे दिसंबर 2001 में अफगानिस्तान से गिरफ्तार किया गया और वह ग्वांतानामो की जेल में भेजे गए कैदियों की पहली जमात में था. ग्वांतानामो की जेल 11 जनवरी 2002 को खुली थी. हिक्स ने माना कि उसने अफगानिस्तान के अर्धसैनिक बल के शिविर में ट्रेनिंग ली लेकिन उसका कहना है कि वहां किसी आतंकवादी गतिविधि के कोई निशान नहीं थे. अमेरिकी सरकार का कहना है कि ये लोग अल कायदा के शिविर में थे.

हिक्स का कहना है कि वह तालिबान लड़ाकों के गुट में शामिल हुआ था लेकिन पहली ही लड़ाई से भाग आया. उसने अपनी बंदूक बेच कर टैक्सी के किराए का बंदोबस्त किया और पाकिस्तान भागने की फिराक में था तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया. हिक्स की मानें तो उसने अमेरिका या गठबंधन सेना के खिलाफ कोई जंग नहीं लड़ी. हिक्स के वकीलों ने अपील में दलील दी है कि हिक्स पर सहयोग देने के आरोप लगाने का ग्वांतानामो ट्राइब्यूनल के पास अधिकार नहीं था इसलिए इस अभियोग को खारिज किया जाए. उसका कहना है कि उस पर दबाव डाल कर दोष मनवाया गया. हिक्स के वकीलों को उसके दोषमुक्त होने की उम्मीद है क्योंकि पिछले साल के एक फैसले ने ग्वांतानामो की जेल के कई कैदियों का अभियोग घटाया है.

2012 में वॉशिंगटन की अपील अदालत ने ग्वांतनामो के एक और दोषी सलीम हमदान के मामले में फैसला दिया कि आतंकवाद के लिए सहयोग देने को युद्ध अपराध नहीं माना जा सकता. हमदान कभी ओसामा बिन लादेन का ड्राइवर और अंगरक्षक था. हमदान और हिक्स अफगानिस्तान में एक ही समय में थे. इन लोगों पर 2006 में बने अमेरिकी कानून के तहत भी अभियोग लगे और कोर्ट ने कहा कि यह पहले की तरह लागू नहीं किया जा सकता. इस फैसले ने हमदान पर लगे अभियोग को पलट दिया.

सजा सुनाए जाते वक्त हिक्स ने एक फॉर्म पर दस्तखत किया था कि वह अपील करने के अपने अधिकार को छोड़ रहा है लेकिन उसके वकीलों का कहना है कि यह फॉर्म प्राधिकरण के सामने नहीं रखा गया इसलिए यह बेमतलब है. अगर हिक्स सैन्य अपील अदालत में हार जाता है तो वह संघीय अपील अदालत और अमेरिकी सर्वोच्च अदालत में भी अपील कर सकता है. ऑस्ट्रेलियाई अखबार सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने हिक्स का बयान छापा है, "मैं ग्वांतानामो को पीछे छोड़ आगे बढ़ना चाहता हूं और सैन्य आयोग तंत्र की अवैधता को औपचारिक मान्यता इस प्रक्रिया में आखिरी कदम है."

एनआर/एजेए (रॉयटर्स)

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