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घर लौटने से डरता इंटरनेशनल जूडो चैंपियन

२ सितम्बर २०१९

2018 में अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप जीतने वाला खिलाड़ी अब अपने देश से दूर भाग रहा है. उसका देश नहीं चाहता था कि चैंपियन अपना खिताब बचाने उतरे.

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Said Mollaei
तस्वीर: irna.ir

जापान की राजधानी टोक्यो में हुई वर्ल्ड जूडो चैंपियनशिप में ईरान के सैयद मोल्लाई भी रिंग में उतरे. लेकिन यह सब उन्होंने ईरान सरकार के आदेश की अवेहलना करते हुए किया. सरकार को लगा कि चैंपियनशिप में इस्राएली खिलाड़ी से सामना हो सकता है. ऐसे में मोल्लाई को चैंपियनशिप में हिस्सा न लेने का आदेश दिया गया. लेकिन मोल्लाई फिर भी टोक्यो गए और सेमीफाइनल तक भी पहुंच गए.

अंतरराष्ट्रीय जूडो फेडरेशन के बयान के मुताबिक ईरान के उप खेल मंत्री दवार जानी ने मोल्लाई से कहा था कि वह प्रतियोगिता में हिस्सा न लें. इसके बाद जूडो खिलाड़ी को ईरानी ओलंपिक कमेटी के अध्यक्ष रजा सालेही अमीरी ने भी तलब किया. मोल्लाही के मां बाप के घर सुरक्षा सेवा के अधिकारी भी पहुंचे.

टोक्यो में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में मोल्लाई अपना खिताब बचाने उतरे थे. प्रतियोगिता के फाइनल में उनका सामना इस्राएल के सांगी मुकी से हो सकता था क्योंकि दोनों ही शीर्ष रैंकिंग पर हैं. मोल्लाई के मुताबिक उन्हें एक रूसी खिलाड़ी के खिलाफ मैच से पहले भी टूर्नामेंट से हटने का आदेश दिया गया, ताकि यह न लगे कि वह इस्राएली प्लेयर से बचना चाह रहे हैं.

Judo WM 2019 Saeid Mollaei
2019 की चैंपियनशिप में रूसी खिलाड़ी से जीतने के बाद मोल्लाईतस्वीर: picture-alliance/AP/The Yomiuri Shimbun

लेकिन मोल्लाई ईरान सरकार के आदेश की परवाह किए बिना खेलते गए. सेमीफाइनल में उनकी हार हुई और इस तरह इस्राएली खिलाड़ी से उनका सामना नहीं हो सका. चैपियनशिप इस्राएल के सांगी मुकी ने जीती. जीत के बाद मुकी ने ईरानी खिलाड़ी को "एक प्रेरणा" बताया.

टूर्नामेंट खत्म होने के बाद अब 27 साल के मोल्लाई को ईरान वापस लौटने में घबराहट हो रही है. वह विदेश में शरण लेने की तैयारी कर रहे हैं. मोल्लाई कहते हैं, "मैं हर उस जगह प्रतिस्पर्धा में शामिल होना चाहता हूं, जहां मैं शामिल हो सकूं. लेकिन मैं ऐसे देश में रहता हूं जिसका नियम मुझे ऐसा करने की अनुमति नहीं देता."

दूसरे देशों की शरण देने की दरख्वास्त करते हुए मोल्लाई ने कहा, "मुझे मदद की जरूरत है. हालांकि मेरे देश का प्रशासन कह रहा है कि मैं बिना किसी दिक्कत के लौट सकता हूं लेकिन मुझे डर लग रहा है."

अंतरराष्ट्रीय जूडो फेडरेशन के मुताबिक मोल्लाई फिलहाल जर्मनी में हैं और शरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहे हैं. जूडो फेडरेशन चाहता है कि मोल्लाई 2020 को टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लें. अगर ईरान उन्हें इसकी अनुमति नहीं भी देता तो फेडरेशन उन्हें रिफ्यूजी एथलीट्स का हिस्सा बना सकती है.

ईरान के खेल मंत्री मसूद सुल्तानिफर ने अंतरराष्ट्रीय जूडो फेडरेशन पर समस्याएं पैदा करने का आरोप लगाया है. खेल मंत्री का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी से इसकी शिकायत करेंगे. ईरानी टीम के मैनेजर माजित जारियान का भी दावा है कि जूडो फेडरेशन ने मोल्लाई को इस्राएली खिलाड़ी से भिड़ाने की पूरी तैयारी की थी. ईरान के अधिकारियों ने मोल्लाई पर किसी किस्म के दबाव से इनकार किया है.

ओएसजे/आरपी  (एपी)

(इस्राएल के वजूद को नकारने वाले देश)