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चार बिस्किट पर 17 दिन रही रेशमा

११ मई २०१३

बांग्लादेश में फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स गिरने के 17 दिन बाद जीवित निकाली गई रेशमा का स्वास्थ्य अच्छा है. उसका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा है कि उसकी हालत बेहतर हो रही है. वह अपने परिजनों से भी मिली.

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तस्वीर: Getty Images/STRDEL

सैन्य चिकित्सक फकरुल इस्लाम ने बताया कि 18 साल की रेशमा ने इतने दिनों में कभी उम्मीद नहीं छोड़ी. इतने दिन बिना खाए पिए रहने के कारण उसे कमजोरी है. डॉक्टरों ने बताया कि इतने दिन वह सिर्फ चार बिस्किट पर जिंदा रही. रेशमा को गारमेंट फैक्ट्री के मलबे से शुक्रवार शाम को निकाला गया. डॉक्टरों ने बताया, "वह खाना और फल ले रही है. उसका शरीर अच्छे से काम कर रहा है."

चार बिस्किट पर

आर्मी के कप्तान इब्राहिमुल इस्लाम ने बताया कि रेशमा को 24 अप्रैल के दिन इमारत ढहने के बाद तहखाने में कुछ बिस्किट और थोड़ा पानी मिला, यही खाकर वह जिंदा रही. जब उसे और याद आएगा तब ही उसके बचने की चमत्कारिक कहानी विस्तार से पता चल सकेगी.

रेशमा ने समय टीवी को इंटरव्यू में कहा, "मैंने बहुत आवाजें दीं लेकिन किसी ने सुनी नहीं. मुझे आवाजें भी आ रही थीं लेकिन मेरी आवाज किसी ने नहीं सुनी." रेशमा का परिवार उसके जिंदा होने की खबर से बहुत खुश है. उसके भाई जाहिदुल इस्लाम ने कहा, "उसके जिंदा मिलने की उम्मीद हम खो चुके थे. हम हर अस्पताल में उसकी तलाश में घूमें न जाने कितने शव भी देखे."

बांग्लादेश के फायर सर्विस प्रमुख अहमद अली ने बताया कि रेशमा एक बीम और एक कॉलम के बीच मिली. "हमने देखा कि एक पाइप हिल रहा था. हमने थोड़ा मलबा और सीमेंट हटाया तो उसे खड़ा देखा. उसने कहा, मेरा नाम रेशमा है, प्लीज मुझे बचा लो, मेरे भाई को बचा लो. फिर मेजर मोआज्जेम नीचे गए और उसे उठा कर बाहर खींचा."

Bangladesch Einsturz Gebäude Textilfabrik
जिंदा लोगों की तलाशतस्वीर: Reuters

बार बार चमत्कार

बांग्लादेश की यह घटना तो उत्साह जगाने वाली है ही लेकिन इससे पहले भी प्रकृति के चमत्कार देखने को मिले हैं. 12 दिसंबर 2005 के दिन 40 साल की एक महिला को कश्मीर में भूकंप के दो महीने बाद जिंदा निकाला गया. वह अपने ही घर के मलबे में फंस गई थी. ऐसे ही 2010 में हैती में एक 27 साल के आदमी को 27 दिन बाद मलबे से बचा कर निकाला गया.

रेशमा के मिलने के बाद राहत कर्मियों के मन में नई उम्मीद जागी है. वो आगे भी जीवितों की तलाश में है. उधर मृतकों की संख्या 1084 तक पहुंच गई है, जिस दिन दुर्घटना हुई उस दिन 3000 से ज्यादा कर्मचारी बांग्लादेश के इस फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स में शिफ्ट पर थे. इनमें के अधिकतर को 40 डॉलर महीने की तनख्वाह मिलती थी. यहां ब्रिटेन के प्रिमार्क से लेकर इटली के बेनेटन कंपनी के लिए कपड़े बनाए जाते थे.

पुलिस ने इस प्लाजा के मालिक सहित चार फैक्ट्री प्रमुखों को गिरफ्तार किया है. इस दुर्घटना के बाद अधिकारियों ने गारमेंट इंडस्ट्री के लिए सुरक्षा योजना की घोषणा की है. साथ ही गंभीर सुरक्षा कमियों वाली ढाका और चटगांव की 18 फैक्ट्रियों को बंद किया है.

एएम(एएफपी, डीपीए)

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