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अपराध

चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली छात्रा गिरफ्तार

समीरात्मज मिश्र
२५ सितम्बर २०१९

पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर रेप और शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा को राज्य के विशेष जांच दल यानी यूपी एसआईटी ने उनसे कथित तौर पर रंगदारी मांगने के मामले में गिरफ्तार किया है.

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Indien Shahjahanpur | Ashram
स्वामी शुकदेवानंद ने शाहजहांपुर में मुमुक्षु आश्रम की स्थापना की थी जो अब चिन्मयानंद के ही अधीन है.तस्वीर: DW/S. Mishra

एसआईटी ने बुधवार सुबह छात्रा को उसके घर से गिरफ्तार किया और फिर शाहजहांपुर कोतवाली ले गई. उसके बाद छात्रा का मेडिकल कराकर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने छात्रा को चौदह दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.

हालांकि छात्रा ने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी की आशंका के चलते पहले हाईकोर्ट और फिर शाहजहांपुर की जिला अदालत में अर्जी लगाई थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी अर्जी ये कहते हुए खारिज कर दी कि इसके लिए उसे स्थानीय अदालत में अपील करनी चाहिए, न कि हाईकोर्ट में. मंगलवार को छात्रा ने शाहजहांपुर की जिला अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दी, कोर्ट ने 26 सितंबर की तारीख सुनवाई के लिए तय की लेकिन इस बीच, एसआईटी ने एक दिन पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया.

पिछले महीने 24 अगस्त को चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने शाहजहांपुर पुलिस में एफआईआर कराई थी कि मोबाइल पर चिन्मयानंद से किसी ने पांच करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की है. ओम सिंह की ओर से दर्ज एफआईआर में कहा गया था कि ऐसा न करने पर उनके कुछ ‘आपत्तिजनक वीडियो' सार्वजनिक करने की धमकी दी गई थी. उसके ठीक बाद पुलिस ने छात्रा के पिता की शिकायत पर स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ छात्रा के अपहरण और धमकाने का केस दर्ज किया. हालांकि उस वक्त पुलिस ने ये नहीं बताया कि इन दोनों मामलों में आपस में कोई संबंध है या नहीं.

बाद में जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का खुद संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से इसकी जांच के लिए एसआईटी के गठन का निर्देश दिया तो पूरी जांच प्रक्रिया एसआईटी के हाथ में आ गई. पिछले हफ्ते एसआईटी ने दोनों मामलों में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की और चिन्मयानंद के अलावा फिरौती मांगने के मामले में लड़की के तीन साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया था.

Indien Shahjahanpur | Swami Chinmayanand Parteiführer BJP
स्वामी चिन्मयानंद पर जिस धारा के अंतर्गत मामला दर्ज हुआ है उसे लेकर भी असंतोष है. तस्वीर: IANS

चिन्मयानन्द पर कौन कौन से आरोप

चिन्मयानंद पर एसआईटी ने धारा 376 (सी) के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें ताकत और पद का दुरुपयोग करते हुए जबरन किसी का यौन शोषण किया जाता है. जबकि छात्रा बार-बार रेप यानी 376 के तहत केस दर्ज करने की मांग कर रही थी. छात्रा और उसके परिवार वाले प्रशासन पर शुरू से ही अविश्वास जताते हुए उन्हें धमकाने और सहयोग न करने का आरोप लगा रहे थे जबकि बाद में उन लोगों ने एसआईटी को भी सवालों के घेरे में ले लिया.

दरअसल, शाहजहांपुर के एक लॉ कॉलेज की जिस छात्रा ने स्वामी चिन्मयानंद पर रेप और शोषण के आरोप लगाए हैं, वो उसी कॉलेज में पढ़ती है जिसके सर्वेसर्वा यानी अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद हैं. छात्रा का आरोप था कि उन्होंने उसे कॉलेज में पार्ट टाइम काम दिलाने के बहाने एक साल तक यौन शोषण किया और उसे ब्लैकमेल करते रहे. इस संबंध में स्वामी चिन्मयानंद के लड़की से मसाज कराते हुए कई वीडियो भी वायरल हुए थे बाद में एसआईटी प्रमुख नवीन अरोड़ा ने बताया कि "स्वामी चिन्मयानंद ने स्वीकार किया कि वीडियो में दिखने वाले व्यक्ति वही हैं."

छात्रा के वकील ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि छात्रा की अग्रिम जमानत की याचिका स्वीकार कर ली गई है और 26 सितंबर को अदालत उस पर सुनवाई करेगी लेकिन उससे एक दिन पहले ही छात्रा की गिरफ्तारी पर वकील अनूप त्रिवेदी ने हैरानी जताई.

और किसका नाम रंगदारी मामले में आया

स्वामी चिन्मयानंद से पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में एसआईटी ने विक्रम, सचिन और संजय नाम के तीन लोगों को पहले ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है. बुधवार को एसआईटी ने उनकी रिमांड मांगी थी लेकिन अदालत ने ये कहते हुए रिमांड देने से मना कर दिया था कि फिरौती मांगने का मामला यौन शोषण वाले मामले से संबंधित नहीं है.

वहीं मंगलवार को शाहजहांपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने चिन्मयानंद की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी. चिन्मयानंद इस वक्त लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि उनकी एंजियोग्राफी हुई है, उसमें कोई दिक्कत नहीं है इसलिए एक या दो दिन में उन्हें वापस शाहजहांपुर जेल भेज दिया जाएगा.

इस मामले में कुछ बीजेपी नेताओं ने छात्रा की गिरफ्तारी की मांग की थी और स्वामी चिन्मयानंद के गिरते स्वास्थ्य पर चिंता जताई थी. चिन्मयानंद बीजेपी के बड़े नेताओं में से रहे हैं, तीन बार सांसद रहे हैं और एक बार केंद्र में गृह राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वो बेहद करीबी बताए जाते हैं. पीड़ित लड़की के परिवार का आरोप था कि अपने राजनीतिक प्रभाव के चलते ही पहले स्थानीय प्रशासन ने उसकी कोई मदद नहीं की और बाद में एसआईटी ने भी प्रभावी कार्रवाई नहीं की.

रहस्यमयी महिला की मौजूदगी

सोमवार को एसआईटी ने इस मामले में हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश की थी. इस दौरान छात्रा के वकील रविकिरण जैन ने कोर्ट से उसके बयान दोबारा दर्ज कराने का आग्रह किया था लेकिन कोर्ट ने ये कहते हुए इस आग्रह को खारिज कर दिया था कि वो सिर्फ जांच प्रक्रिया पर निगरानी रखे हुए है, कोई दखलंदाजी नहीं करेगी. रविकिरण जैन का कहना था, "ये निवेदन हमने इसलिए किया था क्योंकि जब नियम 164 के तहत पीड़ित लड़की के बयान दर्ज किए जा रहे थे, उस समय एक महिला भी वहां मौजूद थी जो अपने मोबाइल से कुछ लिख रही थी और रिकॉर्ड कर रही थी. जूंकि इसके तहत मजिस्ट्रेट के साथ सिर्फ पीड़ित ही रहती है.”

एसआईटी ने इस मामले के साथ ही जब पिछले हफ्ते फिरौती वाला मामला भी दर्ज किया तभी ये आशंका जताई जाने लगी कि अब पीड़ित लड़की की भी गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है. इसके लिए वो दो दिन भूमिगत रही और सोमवार को हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी देने पहुंची, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया.

चिन्मयानंद पर इससे पहले भी यौन शोषण के आरोप लग चुके हैं. ग्यारह साल पहले उनके आश्रम में रहने वाली एक महिला ने भी इसी तरह के आरोप लगाए थे. पिछले साल राज्य में बीजेपी की सरकार बनने के बाद, सरकार ने उस मुकदमे को वापस ले लिया था लेकिन पीड़ित लड़की की शिकायत पर हाईकोर्ट ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी थी.

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