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चीन से परमाणु समझौते का ब्यौरा दे पाक

२२ अक्टूबर २०१०

अमेरिका ने पाकिस्तान से चीन के साथ हुए उसके परमाणु समझौते का विस्तृत ब्यौरा देने को कहा है. अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ इस तरह का कोई समझौता करने से पहले चीन के साथ हुई सिविलियन न्यूक्लियर डील की पूरी जानकारी मांगी है.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रिचर्ड हॉलब्रुक ने एक साक्षात्कार में यह जानकारी दी है. हॉलब्रुक से ठीक पहले उनके सहयोगी अधिकारी फ्रांक रुगेरो ने वाशिंगटन में कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच परमाणु सहयोग के बारे में कोई बातचीत नहीं चल रही है.

चीन पाक परमाणु समझौते पर अमेरिका की आपत्तियों के बारे में पूछे जाने पर हॉलब्रुक ने कहा "हमने पाकिस्तान से चीन के साथ हुए उसके परमाणु समझौते का ब्यौरा मांगा है जिससे यह पता लगाया जा सके कि ये समझौता विश्व समुदाय के लिए कितना अनुकूल है."

पाकिस्तान ने चश्मा में परमाणु संयत्र लगाने में मदद के लिए चीन के साथ समझौता किया है. पिछले महीने भी अमेरिका ने इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा था कि चीन को पाकिस्तान के परमाणु संयत्र के लिए रिएक्टर सप्लाई करने से पहले परमाणु आपूर्तिकर्ता देशों के समूह (एनएसजी) से अनुमति लेनी चाहिए.

इसके जवाब में चीन की दलील है कि पाकिस्तान के साथ उसका समझौता एनएसजी में शामिल होने से पहले हुआ था इसलिए इस मामले में चीन एनएसजी से अनुमति लेने के लिए बाध्य नहीं है. भारत के साथ हुए अमेरिका के परमाणु समझौते की तर्ज पर पाकिस्तान के साथ भी ऐसा ही समझौता करने के बारे में बातचीत के सवाल पर हॉलब्रुक ने कहा "हम पाकिस्तान की जरूरतों और रणनीति से वाकिफ हैं और इसके मद्देनजर निजी स्तर पर भी हमारे बीच इस दिशा में बातचीत चल रही है."

आतंकवाद के बारे में हॉलब्रुक ने कहा कि पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान इलाके में छिपे आतंकवादियों के खात्मे के लिए सैन्य कार्रवाई जरूरी है. साथ ही उन्होंने अफगानिस्तान में खराब हालात के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को एक बड़ी वजह बताया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव का असर अफगानिस्तान की स्थिति पर पड़ता है और अमेरिका इस तनाव को दूर करने में मदद करना चाहता है. हालांकि हॉलब्रुक ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच तनातनी की बड़ी वजह कश्मीर मसला है लेकिन अमेरिका इसमें मध्यस्थता करने का कोई इरादा नहीं रखता है.

रिपोर्टः पीटीआई/ निर्मल

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

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