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जटिल किंतु विवेकी राजनीतिक जीव हैं हिलेरी

२ नवम्बर २०१६

हिलेरी क्लिंटन ने अपनी जिंदगी के 30 साल राजनीति में बिताए हैं, लेकिन बहुत से वोटरों को अभी भी लगता है कि वे असली हिलेरी को नहीं जानते. जीवनी लेखकों का कहना है कि ऐसा इसलिए है कि उनका व्यक्तित्व जटिल और विरोधाभासी है.

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USA Hillary Clinton in Ohio
तस्वीर: Reuters/B. Snyder

हिलेरी क्लिंटन को भले ही ज्यादातर अमेरिकी गैर पारदर्शी और चतुर मानते हों, लेकिन उनकी जीवनी लिखने वाले गंभीर लेखकों में इस बात पर व्यापक सहमति है कि वे असल में कैसी हैं. अगर उनके बारे में किताब लिखने वालों से पूछा जाए तो अक्सर वे उन्हें कड़ी मेहनत करने वाली, उत्साही, दृढ़, दोदलीय, विश्लेषक, मॉडरेट, व्यवस्थित, कंजरवेटिव और कभी कभी हठी बताते हैं.

युवा लोगों के लिए क्लिंटन की जीवनी लिखने वाली कारेन ब्लूमथाल तो उन्हें नर्डी और छात्रों जैसा बताती हैं, जो ताकत भी है और कमजोरी भी. ब्लूमथाल कहती हैं कि उनमें अपने पति बिल क्लिंटन या राष्ट्रपति बराक ओबामा की तरह दूसरों को प्रेरणा देने वाला करिश्मा नहीं है, "वे ऐसा व्यक्तित्व हैं जिसे आप अपने पड़ोसी के रूप में देखना चाहते हैं. लेकिन हम अमेरिकी इस तरह के लोगों को बोरिंग समझते हैं. असल में वे बोरिंग टाइप की हैं."

प्रतिष्ठित वामपंथी पत्रिका 'द नेशन' के लिए काम करने वाले लेखक रिचर्ड क्राइटनर भी उस महिला नेता के बारे में ऐसा ही सोचते हैं जो आधुनिक काल के डेमोक्रैटिक उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा नकारात्मक रेटिंग बटोर रही हैं, लेकिन जिसे 20 बार अमेरिका की सबसे प्रशंसित महिला चुना जा चुका है. वे कहते हैं, "अमेरिकी कड़ी मेहनत करने वाले लोगों को पसंद करते हैं. उन्हें राष्ट्रपति बनाना चाहे बिना भी उनकी तारीफ कर सकते हैं."

तस्वीरों में देखिए, हिलेरी की जिंदगी में आए 15 तूफान

विरोधी भले ही उनकी उदारवादी कहकर आलोचना करें, लेकिन उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत रिपब्लिकन कार्यकर्ता के रूप में की है. और ये बात उनकी शख्सियत में अभी भी झलकती है. क्लिंटन के ब्रिटिश जीवनी लेखक जेम्स डी. बॉयस कहते हैं, "वे इस तरह की हैं जो बहुत ही उत्साही है, बहुत ही व्यवस्थित है और अपने तरीके और लाइफस्टायल में उससे कहीं ज्यादा रूढ़िवादी हैं जितना उनके आलोचक समझेंगे." एक अलग राजनीतिक माहौल में इन्हें अच्छा गुण समझा जा सकता है, लेकिन क्लिंटन के समझौतावादी रवैये के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू हैं.

प्रतिबद्धताएं और राजनीतिक फायदे

क्लिंटन के तीनों जीवनी लेखक मानते हैं कि बच्चों की रक्षा, महिला अधिकार, सबके लिए स्वास्थ्य सुरक्षा, सामाजिक समता और विवेकपूर्ण विदेशनीति जैसे मुद्दे हैं जिनके लिए वे प्रतिबद्ध हैं. लेकिन क्राइटनर की राय में विदेश मंत्री रह चुकीं क्लिंटन लचीली भी हैं, यदि ये उनके करियर के हित में है. क्राइटनर का कहना है, "जिस तरफ हवा बहती है, क्लिंटन उसी ओर जाती हैं. इसलिए वह इराक में युद्ध के लिए वोट करेंगी, यदि वह राजनीतिक रूप से लाभदायक लगे."

ब्लूमेनथाल बताती हैं कि क्लिंटन को सीनेटर के रूप में डेमोक्रैटिक और रिपब्लिकन दोनों ही पार्टियों की तारीफ मिली है. वहां उनकी दो दलीयता प्रभावी रही है. इसका दूसरा पहलू ये है कि क्लिंटन का एजेंडा हमेशा अस्पष्ट रहता है. ब्लूमथाल कहती हैं, "ये समझना मुश्किल होता है कि वह सचमुच क्या चाहती है, क्योंकि वह सर्वे के नतीजों और मौजूदा मत को सुनती हैं और फिर जवाब में बाएं या दाएं जाती हैं."

जनता की नेता लेकिन निजी महिला

अपने पति बिल क्लिंटन, बराक ओबामा या रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डॉनल्ड ट्रंप के विपरीत हिलेरी क्लिंटन मंच पर कभी पूरी तरह सहज नहीं दिखी हैं. अपने मध्यवर्गीय परवरिश की बदौलत वे अपने परिवार को पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहती हैं. यह उस समय भी दिखा जब वे 1990 के दशक में अपने पति का बेवफाई कांडों में बचाव कर रही थीं. लेकिन यही बात इस भावना को मजबूत करती हैं कि वे कुछ छुपा रही हैं. क्लिंटन परिवार पर बार बार संदेहपूर्ण बिजनेस डील करने का आरोप लगा है और हिलेरी भी प्राइवेट ईमेल जैसे मामलों में फंसती रही हैं.

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ब्लूमेनथाल का मानना है कि निजता की उनकी इच्छा कभी कभी उनके फैसले पर असर डालती है. "वे बहुत ही बुद्धिमान हैं लेकिन वे कुछ मूर्खतापूर्ण चीजें करती हैं. मैं ईमेल को इसी कैटगरी में रखूंगी. ये हर तरह की पारदर्शिता के पूरी तरह उलट है. मुझे लगता है कि ये अपनी निजी जिंदगी के कुछ हिस्से को लोगों की नजरों से दूर रखने का प्रयास था." क्राइटनर उनमें हेकड़ी का पुट भी देखते हैं  जो इतने दिनों तक सत्ता का आनंद लेने की वजह से आया है. "ईमेल कांड उनके काम करने के तरीके को दिखाता है, ये सोचना कि नियम क्लिंटन पर लागू नहीं होते."

अस्मिता का संकट

क्लिंटन ने जो भी गल्तियां की हों, जिन किसी कांडों में फंसी हों, यदि चुनाव अनुभवी राजनीतिक नेतृत्व के लिए होता है, तो उनकी डेमोक्रैटिक उम्मीदवारी पाने और ट्रंप के रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के साथ ही खत्म हो गया होता. भले ही बहुत से अमेरिकियों को लगता हो कि वे क्लिंटन को नहीं जानते या उन पर भरोसा नहीं कर सकते, लेकिन उन्हें ठीक ठीक आयडिया है कि अगर वे व्हाइट हाउस में वापस लौटती हैं तो उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है.

फिर भी वे ट्रंप में पछाड़ने में कामयाब क्यों नहीं हुई हैं? बॉयस कहते हैं, "अंत में सारा खेल शख्सियत का होता है. उनमें ओबामा जैसे सॉफ्ट स्किल की कमी है जो उन्हें पसंद करने लायक बनाती है. उन्हें लगता है कि यदि वे अपना नरम चेहरा दिखाती हैं तो इसे उनकी कमजोरी समझा जाएगा." लेकिन क्लिंटन के सभी जीवनी लेखकों का मानना है कि अपनी कमजोरियों के बावजूद वे धरती के सबसे शक्तिशाली पद की चुनौतियों का सामना करने लायक होंगी. ब्लूमेनथाल कहती हैं, "यदि लोग उन्हें मौका देते हैं, तो वे अपने काम में बहुत अच्छी साबित होंगी. मेरे विचार में कम करिश्माई चेहरा उन्हें सबसे कामयाब राष्ट्पति बना सकता है."

जेफरसन चेज