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जर्मनी का हवाई फर्स्ट एड दस्ता

१४ अप्रैल २०१७

जर्मनी में एक बेहद आधुनिक इमरजेंसी स्क्वॉड है, जो डाक्टरों के साथ साथ हैलिकॉप्टर से भी लैस है. यह 50 किलोमीटर के इलाके में किसी मरीज को 15 मिनट के अंदर अस्पताल पहुंचा सकता है.

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Symbolbild - Sanitäter
तस्वीर: Fotolia/Photographee.eu

हेलीकॉप्टर वाला यह रेस्क्यू दस्ता बेहतर होती प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं का हिस्सा है. इसके लिए बड़े अस्पतालों की छत पर खास हेलिपैड बनाए गए हैं. हवा में मरीज को प्राथमिक उपचार देते हुए डॉक्टर उसे सीधे अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में पहुंचाते हैं. इमरजेंसी डॉक्टर प्रोफेसर योर्ग बेनेकर कहते हैं, "हादसे वाली जगह से हॉस्पिटल तक पहुंचने में एक घंटे से ज्यादा समय नहीं लगना चाहिए. आगे हॉस्पिटल में आधे घंटे के भीतर उपचार मिलना चाहिए. क्योंकि ऐसी स्थिति में मिनट दर मिनट रोगी के बचने की संभावना कम होती जाती है."

हेलिकॉप्टर एंबुलेंस टीम का सामना अकसर ऐसे मामलों से होता है, जहां मरीज की हालत बहुत गंभीर होती है. हेलिकॉप्टर टीम, अस्पताल के अपने साथी डॉक्टरों को पहले ही डायग्नोस की जानकारी दे देती है, ताकि वहां पहुंचने पर जल्द से जल्द सटीक इलाज शुरू हो सके. प्रोफेसर योर्ग बेनेकर बताते हैं, "ऐसे हालात में टीम की तरह काम करना बहुत जरूरी होता है. हेलिकॉप्टर में मौजूद टीम और जमीन पर मौजूद डॉक्टरों को बेहद जटिल मामलों में एक दूसरे पर भरोसा करना पड़ता है."

बर्लिन का एक्सीडेंटल इंजरी हॉस्पिटल जर्मनी के सबसे आधुनिक अस्पतालों में से एक है. यहां सबसे जरूरी होता है इमरजेंसी रूम, जहां सारे विशेषज्ञ जान बचान के लिए मिलकर काम करते हैं. अस्पताल के मेडिकल निदेशक प्रोफेसर आक्सेल इकेर्नकाम्प कहते हैं, "ये पूरा अस्पताल इस तरह बनाया गया है कि इमरजेंसी वाले मरीज को जितनी जल्दी हो सके, सही जगह पहुंचाया जाए. उसे ट्रॉमा रूम कहा जाता है. वहां हर चीज की जांच हो सकती है, मसलन अल्ट्रासाउंड, वेंटिलेशन, कंप्यूटरटोमोग्राफी. इमरजेंसी वाला मरीज ऐसी जगह होना चाहिए जिस पर उसे 100 फीसदी भरोसा हो."

हॉस्पिटल पहुंचते ही सर्जरी शुरू हो जाती है. वहीं इमरजेंसी एयर सर्विस अगली ड्यूटी पर निकल पड़ती है. समय के साथ एक बार फिर दौड़, जहां इंसान की जान दांव पर होती है. मानसिक रूप से भी यह बहुत ही मुश्किल काम है. प्रोफेसर योर्ग बेनेकर कहते हैं, "मरीज की जिंदगी खतरे में है, हमारे जेहन में हमेशा यह बात होनी चाहिए. हमारे पास दुर्घटना में घायल शख्स को वापस उसके परिवार और उसके काम पर भेजने का मौका होता है. हम मदद कर सकते हैं."

भारी दबाव के बावजूद यह टीम हर दिन कई लोगों की जिंदगी बचाती है. आधुनिक तकनीक, डॉक्टरों और उपकरणों का तेज और बेहतरीन इस्तेमाल, अनमोल जीवन को बचाने के लिए ये करना जरूरी है.