1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मनी का बीजिंग बनता श्टुटगार्ट

१९ जनवरी २०१६

जर्मन शहर श्टुटगार्ट में सरकार ने लोगों से अपील की है कि अपनी कारों को बिल्कुल भी इस्तेमाल ना करें ताकि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित किया जा सके. सर्दी बढ़ने से शहर में स्मॉग की चादर फैली है.

https://p.dw.com/p/1Hg49
Deutschland Feinstaub-Alarm in Stuttgart
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Murat

श्टुटगार्ट में ही मर्सिडीज और पोर्शे जैसी मशहूर कार कंपनियों के मुख्यालय हैं और इसी शहर में सरकार ने कारों से दूर रहने का अनुरोध किया है. दिल्ली के ऑड ईवेन फॉर्मूले से अलग यहां सरकार ने कोई रोक नहीं लगाई है, बल्कि शहर की हिफाजत लोगों के हाथों में सौंप दी है और उनसे कहा है कि अगर वे अपने शहर की चिंता करते हैं, तो सार्वजनिक परिवहन का ही इस्तेमाल करें.

श्टुटगार्ट जर्मनी का सबसे प्रदूषित शहर है. भूगौलिक कारणों को भी यहां जमा होने वाले धुएं के लिए जिम्मेदार माना जाता है. मसलन श्टुटगार्ट में अन्य शहरों की तुलना में बरसात कम होती है. साथ ही वहां तेज हवाएं भी नहीं चलती, जो धुएं के सूक्ष्मकणों को शहर से दूर ले जा सकें. यूरोपीय संघ द्वारा तय किए गए पैमानों के अनुसार हवा में प्रति घन लीटर 50 माइक्रोग्राम से अधिक पीएम यानि पार्टिकुलेट मैटर नहीं होना चाहिए. श्टुटगार्ट में पिछले कई दिनों से हवा में पीएम की मात्रा सामान्य से अधिक दर्ज की जा रही है. इसी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है.

हालांकि सरकार का यह भी कहना है कि आने वाले दिनों में अगर हवा में सुधार नहीं देखा गया, तो कारों पर बैन भी लगाया जा सकता है. वहीं निवासियों और पर्यावरणविदों की मांग है कि सभी नागरिकों को कारों के इस्तेमाल से रोकने की जगह, सरकार को डीजल कारों पर रोक लगा देनी चाहिए, जो अन्य कारों की तुलना में प्रदूषण के लिए अधिक जिम्मेदार हैं.

पर्यावरण के लिए काम करने वाले स्थानीय गैरसरकारी संगठन डॉयचे उमवेल्टहिल्फे ने भी कारों पर रोक ना लगाने और नागरिकों द्वारा स्वेच्छापूर्वक कारें छोड़ने की उम्मीद की निंदा की है. संगठन के अध्यक्ष युएर्गन रेश का कहना है, "अपील से कुछ नहीं होता". इसी तरह एक अन्य संगठन नाबू ने चिंता जताते हुए कहा है कि श्टुटगार्ट को जर्मनी का बीजिंग नहीं बनने दिया जा सकता.

शहर में चेतावनी कब तक जारी रहेगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है लेकिन मौसम विभाग का कहना है कि सर्दी के इस मौसम में कम से कम अगले एक हफ्ते तक हालात बदलने की कोई उम्मीद नहीं है.

आईबी/एमजे (डीपीए)