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जर्मनी में अब अंडे का घोटाला

२६ फ़रवरी २०१३

डिब्बाबंद खाने में घोड़े के मांस के बाद अब अंडों को ले कर बवाल खड़ा हो गया है. जर्मनी के कम से कम 200 पोल्ट्री फार्मों पर जांच के आदेश दिए गए हैं.

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तस्वीर: Reuters

क्या खाएं, क्या ना खाएं, यह सवाल आज कल यूरोप और खास कर जर्मनी के लोगों को बहुत परेशान कर रहा है. सेहत को ले कर सावधान रहने वाले लोग बाजार में कुछ भी खरीदने से पहले अक्सर खाने के सामान पर लगे स्टीकर पर ध्यान दे कर उसकी पूरी जानकारी हासिल करते हैं. कई लोग तो केवल बायो यानी ऑर्गेनिक सामान ही खरीदते हैं. ऑर्गेनिक फल सब्जियां वे होती हैं जिन्हें प्राकृतिक ढंग से उगाया गया हो और जिनकी उपज में किसी भी तरह के रसायनों का इस्तेमाल ना किया गया हो. इसमें कीटनाशक और केमिकल खाद भी शामिल हैं.

क्या है ऑर्गेनिक अंडा?

ऑर्गेनिक सब्जी की ही तरह बाजार में ऑर्गेनिक अंडे भी मौजूद हैं. जर्मन कानून के अनुसार अंडों पर बायो का स्टीकर तभी लग सकता है जब मुर्गी को दिए गए चारे में किसी भी तरह की दवाएं ना मिलाई गई हों. अधिकतर मुर्गियों को स्वस्थ रखने के लिए चारे में एंटीबायोटिक मिलाए जाते हैं. इसके अलावा उन्हें ऐसी भी कोई चीज खिलाने की अनुमति नहीं है जो अप्राकृतिक हो यानी जिसके जीन या आनुवंशिक ढांचे के साथ छेड़ छाड़ की गयी हो. साथ ही यह शर्त भी है कि मुर्गियों को फार्म में कैद ना किया जाए, बल्कि वे उसी तरह खुली जगह में घूम फिर सकें जैसा की प्राकृतिक रूप से सामान्य है. यही कारण है कि ऑर्गेनिक सामान अन्य चीजों से महंगा भी होता है.

ARCHIV - Eier lagern am 30.03.2012 in Paletten. Foto: Karl-Josef Hildenbrand/dpa (zu dpa: "Nach Pferdefleisch-Skandal Verdacht auf Täuschungen bei Bio-Eiern" vom 24.02.2013) +++(c) dpa - Bildfunk+++
अंडों पर लगा गलत लेबलतस्वीर: picture-alliance/dpa

लेकिन सोमवार को छपी कुछ तस्वीरों ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं उनके साथ धोखा तो नहीं किया जा रहा. इन तस्वीरों में बड़ी तादाद में मुर्गियों को पिंजरों में कैद दिखाया गया है. कई मुर्गियां बीमार दिखती हैं और उनके पर झड़ चुके हैं. जर्मनी के लोवर सेक्सनी राज्य में ही 150 फार्मों की जांच के आदेश हैं. माना जा रहा है कि यही हाल बेल्जियम और नीदरलैंड्स में भी है. जर्मनी की उपभोक्ता मामलों की मंत्री इल्से आइग्नेर ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है, "यदि ये इल्जाम सच हैं तो यह एक बहुत ही बड़ा घोटाला है, यह ग्राहकों के साथ धोखा है और जर्मनी के उन कई फार्मों के साथ भी जो सच्चे हैं."

नहीं कर सकते कैद

यूरोपीय संघ के कानूनों के अनुसार अंडे पर छपे अंकों से पता किया जा सकता है कि वे किस फार्म के हैं. साथ ही 0 से 4 तक के अंक यह बताते हैं की मुर्गियों को किन हालात में रखा गया था. 0 का मतलब है ऑर्गेनिक, 1 यानी फ्री रेंज. इन मुर्गियों को भी पिंजरे में नहीं रखा जाता, पर इनका खाना ऑर्गेनिक खाने जैसा नहीं होता. एक फार्म में कितनी मुर्गियां रखी जाएंगी यह इस से तय किया जाता है कि हर मुर्गी के पास कम से कम चार वर्ग मीटर की जगह हो. हालांकि कई फार्मों को इस नियम का उल्लंघन करते देखा गया है.

2 का मतलब है बार्न. यहां मुर्गियों को एक बड़ी सी कोठरी में रखा जाता है. और चौथा अंक है 3 जो की केज के लिए है. यहां सैकड़ों मुर्गियों को पिंजरों में बंद रखा जाता है. हालांकि यूरोप भर में अधिकतर पोल्ट्री फार्म इसी तरह के थे, लेकिन मुर्गियों के साव्स्थ्य को देखते हुए 2012 में यूरोपीय संघ ने इन पर रोक लगा दी. जर्मनी में 2007 से ही यह बंद किए जा चुके हैं. दुख की बात यह है कि ऑर्गेनिक कह कर जिन अंडों को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है वे दरअसल उसी तरह के फार्म में तैयार हुए हैं जिन पर रोक लगी हुई है.

Verdacht auf Täuschung bei Bio-Eiern
कौन से अंडे ऑर्गेनिकतस्वीर: picture-alliance/dpa

ईस्टर में

ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ के कृषि मंत्रालय की बैठक से पहले आइग्नेर ने कहा कि यदि आरोपी इसके लिए जिम्मेदार पाए जाते हैं तो उन्हें "कानून का सामना करना ही होगा." धोखाधड़ी के इस मामले में पोल्ट्री फार्म के मालिकों को जुर्माना और एक साल की कैद हो सकती है. आइग्नेर ने कहा, "उपभोक्ताओं के लिए जरूरी है कि किसी भी चीज पर जो लिखा है, उसके अंदर भी वही हो और वह उस पर विशवास कर सकें. इसीलिए जरूरी है कि इस बात की जांच की जाए."

गौरतलब है कि यह खुलासा ईस्टर से कुछ समय पहले हुआ है. ईस्टर के दौरान यूरोप में अंडों को रंगने और अंडे खाने की प्रथा है. बाजारों में इन दिनों ना सिर्फ रंग बिरंगे उबले हुए अंडे मिलते हैं, बल्कि मिठाइयां और उपहार भी अंडे के आकार में ही तैयार किए जाते हैं. ऑर्गेनिक अंडों के शौकीनों को शायद इस बार अपना त्यौहार सामान्य फार्म के अंडों के साथ ही मनाना पड़ेगा.

दो साल पहले भी जर्मनी में अंडों को ले कर घोटाला हुआ था. उस समय यह बात सामने आई थी कि मुर्गियों को जो चारा खिलाया गया है उसमें जहरीला डाईऑक्सीन है, जो कि अंडों में भी पहुंच गया. ये अंडे यूरोप भर में बेचे गए थे और स्वास्थ्य कारणों से यूरोपीय संघ ने लाखों अंडों को नष्ट करने के आदेश दिए थे.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया (डीपीए/रॉयटर्स)

संपादन: आभा मोंढे

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