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कारोबार

जर्मनी में चार लाख से ज्यादा नौकरियां छीन लेंगी ई-कारें

१३ जनवरी २०२०

जर्मनी की कारोबारी खबरों के एक प्रमुख अखबार हांडेल्सब्लाट ने सरकारी सलाहकारों के हवाले से लिखा है कि अगले एक दशक में ही इलेक्ट्रिक कारें अपनाने के कारण देश में करीब 4,10,000 नौकरियां खत्म हो सकती हैं.

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CES 2020 Kenichiro Yoshida
सीईएस 2020 में पेश हुए कई नये ई कार मॉडलों में से एक सोनी कंपनी की कार. तस्वीर: picture-alliance/dpa/F. Schuh

जर्मन सरकार की एक सलाहकार परिषद 'नेशनल प्लेटफॉर्म फॉर दि फ्यूचर ऑफ मोबिलिटी', एनपीएम के हवाले से अखबार ने बताया है कि केवल इंजन और ट्रांसमिशन मशीनरी के निर्माण के काम में लगे करीब 88,000 लोगों की नौकरी खतरे में पड़ने वाली है.

कारण यह है कि इलेक्ट्रिक कारों के इंजन साधारण कारों के मुकाबले कम पुर्जों से बनते हैं. ई-कारों के इंजन को साधारण कम्बस्चन इंजन के मुकाबले रखरखाव की भी कम जरूरत होती है. इन दो बड़ी वजहों के चलते ही रिपोर्ट में इतनी सारी नौकरियों के जाने की बात कही गई है.

इसके अलावा, वाहनों के उत्पादन की पूरी प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा ऑटोमेशन आना भी तय माना जा रहा है. एनपीएम के अध्यक्ष हेनिंग कागरमन के हवाले से अखबार ने बताया है कि इसके कारण भी आज जितने लोग ऑटो निर्माण से जुड़े कामों में लगे हैं, उनका घटना तय है.

Symbol Ladesäule für E Autos
तस्वीर: imago/teutopress

साल 2018 के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जर्मनी की कार इंडस्ड्री में 8,34,000 लोगों को रोजगार मिला था, जो कि सन 1991 से लेकर अब तक की सबसे बड़ी तादाद है. जर्मनी की प्रमुख ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री इकाई, वीडीए ने दिसंबर 2019 में चेतावनी देते हुए कहा था कि वैश्विक कार बिक्री में गिरावट के चलते 2020 में ज्यादा नौकरियां जा सकती हैं. हालांकि सरकारी सलाहकारों के प्लेटफॉर्म एनपीएम की भविष्यवाणी को इंडस्ट्री बॉडी वीडीए ने "अवास्तविक चरम परिदृश्य" पर आधारित बताया है.

ऑटो इंडस्ट्री यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने वाला एक अहम कारक है. जर्मनी में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च करने के प्रयास साल दर साल तेजी पकड़ रहे हैं. इसका एक कारण यूरोपीय संघ का वह लक्ष्य है जिसके अंतर्गत कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को कम से कम करने की कोशिश की जानी है.

आरपी/ओएसजे (रॉयटर्स)

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