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समाज

जर्मन महिलाएं भी घरेलू हिंसा की शिकार

२४ नवम्बर २०१६

घरेलू हिंसा जैसा अपराध केवल गरीब या विकासशील देशों में ही नहीं जर्मनी जैसे विकसित देश की औरतों के साथ भी हो रहा है. जर्मनी में पहली बार जारी हुआ इसका आंकड़ा.

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Symbolbild - Häusliche Gewalt
तस्वीर: Colourbox/Photopqr/Le Republicain Lorrain/P. Brocard

जर्मनी में घरेलू हिंसा से सालाना करीब एक लाख महिलाएं प्रभावित हो रही हैं. पहली बार केंद्रीय पुलिस विभाग की ओर से इस बाबत राष्ट्रीय आंकड़े जारी किए गए हैं. आंकड़े संबंधियों के हाथों हिंसा की शिकार होने वाली लड़कियों और औरतों के हैं. इस ताजा जानकारी से पता चलता है कि हत्या, यौन हिंसा, शारीरिक क्षति पहुंचाना और पीछा करना आपसी संबंध से जुड़े महिला-पुरुष पार्टनरों के बीच होने वाले आम अपराध हैं.

फेडरल क्रिमिनल पुलिस ऑफिस (बीकेए) के साथ जर्मनी की पारिवारिक मामलों की मंत्री मानुएला श्वाइजिष ने अपने तरह के इन पहले आंकड़ों को राजधानी बर्लिन में जारी किया. करीबी संबंधों में हिंसा के मामलों को दिखाने वाली ऐसी पहली रिपोर्ट पुलिस ने सार्वजनिक रूप से पेश की है.

बीकेए के मुताबिक, साल 2015 में कुल 127,457 लोगों की हत्या, उन पर शारीरिक हमले, बलात्कार, धमकी और पीछा करने वाले पीड़ित के संबंधी ही थे. इन पीड़ितों में 82 फीसदी यानि एक लाख से अधिक महिलाएं थीं. इन महिलाओं में से 65,800 को एक से ज्यादा चोटें आई थीं जबकि 11,400 तो बहुत बुरी तरह घायल हुई थीं. करीब 16,200 महिलाओं को धमकाया गया था और 8,000 से अधिक पीछा किए जाने से परेशान थीं. कुल 331 औरतों की उनके पार्टनर ने ही जानबूझ कर या गैरइरादतन हत्या कर दी थी.

2014 में एक नौजवान के हमले के बाद कोमा में चली गई 23 वर्षीया छात्रा फिर कभी नहीं लौटी. टूचे लड़कियों की मदद करने की कोशिश कर रही थी. देखिए तस्वीरों में..

आंकड़े दिखाते हैं कि बलात्कार और यौन हिंसा के शिकारों में लगभग सभी महिलाएं ही थीं. धमकियों और पीछा किए जाने से परेशान 90 फीसदी से अधिक पीड़ित भी महिलाएं ही थीं. बीकेए के निदेशक होल्डर मुंच ने कहा कि पुलिस ने दुर्व्यवहार से जुड़ी ऐसी तमाम शिकायतें दर्ज की हैं, जिनमें अपमान और डराने के छोटे मामलों समेत रेप जैसी गहरी मानसिक और शारीरिक चोट पहुंचाया जाना और हत्या भी शामिल है. 

परिवार मंत्री श्वाइजिष ने कहा "महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा, पुरुषों या बच्चों से हिंसा यह सब किसी का निजी मामला नहीं है. यह दंडनीय अपराध है और इसे उसी तरह देखा जाना चाहिए." उन्होंने कहा कि किसी के अपने घर की चारदीवारी के भीतर तो उसे सबसे ज्यादा सुरक्षित महसूस करना चाहिए, वहां भी हिंसा होने पर इसे टैबू ना समझकर उसके बारे में आवाज उठाने की जरूरत है. इस मुद्दे को उजागर करने के लिए ही सरकार ने घरेलू हिंसा के आंकड़ों को अलग से वर्गीकृत कर सबके लिए जारी किया है. ताकि अपने समाज की सच्चाई से सभी दो-चार हों और उनसे निपटने के उपाय तलाशे जा सकें.

जर्मनी में ऐसी किसी परेशानी में पड़ी कोई भी महिला दिन के 24 घंटे काम करने वाली मुफ्त हेल्पलाइन 08000116116 पर कॉल कर 15 भाषाओं में काउंसलिंग पा सकती है.

आरपी/ओएसजे (डीपीए)