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जर्मन संसद पर जारी हैं साइबर हमले

११ जून २०१५

जर्मन संसद के कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर हमला हुआ है. सांसदों का कहना है कि उन्हें भी हैकिंग से हुए नुकसान के बारे में सही सही जानकारी नहीं है. बड़े स्तर पर फैले इस साइबर हमले के कारण पूरे सिस्टम को बदलना पड़ सकता है.

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तस्वीर: AFP/Getty Images/R. Rahman

जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग के अधिकारियों ने मई में संसद के कंप्यूटर सिस्टम पर हुए साइबर हमलों की पुष्टि की थी. तब से लेकर अब तक सिस्टम का नियंत्रण हैकरों ने हाथ में है और डाटा की चोरी जारी है. हैकरों ने पूरे इलेक्ट्रॉनिक तंत्र में घुसकर प्रशासनिक अधिकार भी हासिल कर लिए हैं. डेयर श्पीगल ऑनलाइन में जर्मन संसद के एक गुप्त स्रोत के हवाले से लिखा गया है, "ट्रोजन अभी भी सक्रिय हैं." ट्रोजन हॉर्स वायरस के हमले को ही कंप्यूटरों में ऐसे सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने का जिम्मेदार समझा जा रहा है जिससे डाटा की चोरी हो रही है.

जर्मन समाचार पत्रिका डेयर श्पीगल ने अपने ऑनलाइन संस्करण में लिखा है कि मामले की आंतरिक जांच के विशेषज्ञ साइबर हमले के पीछे रूसी इंटेलिजेंस एजेंसी के होने के संकेत देख रहे हैं. हालांकि समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इस पर बुंडेसटाग के प्रवक्ता या मॉस्को से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. जनवरी में भी चांसलर मैर्केल के वेबपेज समेत जर्मन सरकार की कई वेबसाइटों को हैक किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी लेने वाले गुट ने बर्लिन से यूक्रेनी सरकार को दिए जा रहे समर्थन को रोकने की मांग की थी.

डिजिटल एजेंडा पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी, एसपीडी के नेता लार्स क्लिंगबाइल ने बताया, "सांसदों को इस बारे में बहुत कम जानकारी है और लोग काफी अनिश्चितता में हैं." जर्मन अखबार "बेर्लिनर साइटुंग" को क्लिंगबाइल ने कहा, "हम समिति में दो बार इसे एजेंडा के रूप में रख चुके हैं लेकिन बुंडेसटाग प्रशासन की ओर से कोई भी किसी तरह की रिपोर्ट लेकर नहीं आया."

एसपीडी जर्मनी की केन्द्र सरकार में चांसलर अंगेला मैर्केल के क्रिस्चियन कंजर्वेटिव पार्टियों के संघ के साथ जूनियर पार्टनर है. साइबर हमलों के बारे में ज्यादा जानकारी ना मिलने की शिकायत साझा सरकार के बड़े पार्टनर क्रिस्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन, सीडीयू को भी है. डिजिटल एजेंडा पर संसदीय समिति में शामिल सीडीयू नेता टांक्रेड शिपांस्की ने भी हैकिंग पर बुंडेसटाग प्रशासन के रवैये को "एक असाधारण नीति" बताया है. शिपांस्की ने कहा कि ऐसी एक रिपोर्ट है तो लेकिन सभी सांसदों को उसे देखने की अनुमति नहीं है.

बुधवार को कई जर्मन समाचारपत्रों में फेडरल ऑफिस फॉर इंफॉर्मेशन सेक्योरिटी, बीएसआई के स्रोतों के हवाले से लिखा गया है कि अब हैकिंग से बुंडेसटाग के कंप्यूटर सिस्टमों को बचाने और दुरुस्त करने की कोशिशें बेकार होंगी. बीएसआई ने कथित तौर पर जर्मन संसद के सभी 20,000 कंप्यूटरों को बदले जाने की सलाह दी है. इस पूरे बदलाव में कई लाख यूरो और कई हफ्तों का समय लग सकता है.

आरआर/एमजे (रॉयटर्स,एएफपी)