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'जल्द कराएं जाएं डे नाइट टेस्ट'

४ जुलाई २०१०

लंदन के क्रिकेट क्लब मैरिलबॉन ने टेस्ट मैचों की घटती संख्या पर चिंता जताते हुए डे नाइट टेस्ट मैच को जल्द शुरू कराने की मांग की है. यह मांग भी की गई है कि खिलाड़ियों को सिर्फ ट्वेंटी-20 खेलने से भी रोका जाए.

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तस्वीर: AP

एमसीसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि टेस्ट खेलने वाले देश मैच में दर्शकों के लिए तरस रहे हैं. आबूधाबी में चार दिवसीय मैच डे नाइट फॉर्मेट में खेला गया और यह प्रयोग सफल रहा और अब इसे टेस्ट मैचों के लिए भी लागू कर देना चाहिए. अब इस पर और अधिक रिसर्च करने की जरूरत नहीं है.

ये बयान एमसीसी वर्ल्ड क्रिकेट कमेटी की बैठक के बाद जारी किया गया है. इस कमेटी में टीम इंडिया के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ भी है. बैठक में अब तक के कुछ शोधों पर चर्चा की गई. भारत के बारे में पता चला है कि छह साल पहले जहां टेस्ट मैच देखने के लिए 33 फीसदी लोग आते थे वहीं अब ये संख्या घट कर 11 फीसदी पर पहुंच गई है.

Rahul Dravid Cricket Spieler Indien
कमेटी में द्रविड़ भीतस्वीर: AP

रिसर्च में ये भी कहा गया है कि पांच दिन के मैचों को और ज्यादा आकर्षक बनाना होगा साथ ही इसमें खिलाड़ियों को मिलने वाला पैसा भी बढ़ाना होगा. ऐसा होने के बाद ही खिलाड़ियों को केवल टी-20 खेलने से रोका जा सकेगा. टी-20 खेलने वालों को ज्यादा पैसा मिलने के कारण भी खिलाड़ियों की टेस्ट में दिलचस्पी कम हो रही है. बहुत सारे ऐसे खिलाड़ी हो गए हैं जो केवल टी-20 खेल कर ही रह जाते हैं. क्रिकेट बोर्डों को ऐसे खिलाड़ियों की तादाद कम करने के लिए जल्दी से कदम उठाने होंगे.

टेस्ट मैचों की घटती संख्या में बाज़ार की भी कम भूमिका नहीं है. एमसीसी की कमेटी को भी इसका एहसास है. कमेटी ने कहा है कि बाज़ार हमेशा लोगों की रुचि के बहाने से अपनी चालें चलता रहेगा. जरूरी ये है कि क्रिकेट बोर्ड आपस में मिलकर इसे मुहिम की तरह चलाएं. कमेटी ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि प्रतिभाशाली बच्चों के मां-बाप अपने बच्चों को केवल टी-20 के लिए ट्रेनिंग दिला रहे हैं. द्रविड़ ने कहा कि बीसीसीआई की कोशिशों की वजह से आने वाले दिनों में भारत टेस्ट के ज्यादा मैच खेलेगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादन ओ सिंह