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इंडोनेशिया में एयर एशिया के मलबे की खोज

७ जनवरी २०१५

इंडोनेशिया में खोजी दल ने दुर्घटनाग्रस्त एयर एशिया विमान का पिछला हिस्सा ढूंढ निकाला है. विमान के इसी हिस्से में दुर्घटना के कारणों का पता देने वाला ब्लैक बॉक्स होता है. ब्लैक बॉक्स अब तक नहीं मिला है.

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तस्वीर: picture-alliance/Zuma Press/Xinhua

इंडोनेशिया में दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे को खोजने में आरंभिक कामयाबी मिली है. खोजी दल ने जावा सागर में विमान के पिछले हिस्से की शिनाख्त कर ली है. 162 यात्रियों वाला एयर एशिया का ए320 विमान 28 दिसंबर को सिंगापुर जाते हुए लापता हो गया था. खोजी दल के प्रमुख बामबांग सुलिस्त्यो ने कहा, "मैं इसकी पुष्टि कर सकता हूं कि हमें विमान का पिछला हिस्सा मिल गया है." उन्होंने बताया कि विमान के इस हिस्से की पहचान रिमोट कंट्रोल से चलने वाली भूमिगत नौका से की गई.

अब खोजी दल ब्लैक बॉक्स तलाश रहा है. यह ए320 विमान में पिछले हिस्से में होता है. एयर एशिया के प्रमुख टोनी फर्नांडिस ने ट्वीट किया है, "यदि यह सही पिछला हिस्सा है तो ब्लैक बॉक्स को वहीं होना चाहिए." ब्लैक बॉक्स कॉकपिट में होने वाली बातचीत के अलावा जहाज की तकनीकी जानकारी रिकॉर्ड करता है. उसे इस तरह बनाया जाता है कि वह दुर्घटना के बावजूद सही सलामत रहे. जांचकर्ताओं को इससे दुर्घटना के कारणों का पता चलने की उम्मीद होती है.

Suche nach AirAsia QZ8501
तस्वीर: Reuters/Beawiharta

मलेशियाई नौसेना के प्रमुख अब्दुल अजीज जाफर ने बताया कि जावा सागर में दुर्घटनाग्रस्त हुई उड़ान क्यूजेड 8501 में सवार यात्रियों के शव और विमान के मलबे की खोज का दायरा बढ़ा दिया गया है. ब्लैक बॉक्स, यात्रियों के शव और मलबे की खोज 11वें दिन भी जारी है. खोजकर्मियों ने बताया कि पानी के अंदर तेज धारा होने और कम दृश्यता की वजह से गोताखोरों को समुद्र तल में तलाश करने में मुश्किल हो रही है. अब तक 40 शव निकाले जा चुके थे, जिनमें 16 की पहचान हो गई है और बाकी की पहचान की जा रही है.

आज मौसम के ठीक होने से खोज फिर से शुरु हुई लेकिन इसमें काफी धीमी प्रगति हो रही है. विमान के मलबे और ब्लैक बाक्स का पता लगाने के लिए चालीस से अधिक पोत और बीस हेलीकॉप्टर खोज अभियान में लगाए गए हैं. जावा सागर का ज्यादातर हिस्सा 50 मीटर से कम गहरा है. यह खोजी और बचाव दल के काम को आसान करता है. 2009 में अटलांटिक में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर फ्रांस के जहाज का मलबा 4,000 मीटर नीचे था.

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विशेष उपकरणों से लैस नौकाओं को अब तक ब्लैक बॉक्स का सिग्नल नहीं मिला है. आम तौर पर दुर्घटना के करीब 30 दिन बाद तक ब्लैक बॉक्स सिग्नल भेजता है. खोजी दल के सुरयादी सुप्रियादी का कहना है, "हो सकता है कि बॉक्स कीचड़ में दब गया हो." कुछ दिनों से सोनार उपकरणों से लैस जहाज धातु के बड़े टुकड़ों के होने के संकेत दे रहे हैं, लेकिन यह साफ नहीं है कि वे एयर एशिया विमान के ही टुकड़े हैं. जावा सागर में बहुत सारे जहाजों के मलबे हैं. दूसरे विश्व युद्ध में वहां जापानी नौसैनिकों ने मित्र राष्ट्रों के युद्धपोतों पर हमला किया था.

एमजे/आरआर (डीपीए, रॉयटर्स)