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जैविक बांध से थाईलैंड की मदद

क्रिस्टियान ऊलिष/एमजी२६ जनवरी २०१५

पानी की परेशानी खत्म करने के लिए सरकारें अकसर बांध बनाती है. लेकिन सीमेंट, सरिया और लोहे से बने बांधों के टूटने का खतरा भी रहता है. थाइलैंड के एक गांव में किसान पेड़ों और बांस की टहनियों की मदद से एक जैविक बांध बनाई है.

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तस्वीर: DW

नाखोन सी थमारात में सुबह का वक्त. शहर के सबसे मशहूर मंदिर के पीछे अब भी चांद दिख रहा है. कहते हैं कि बुद्ध के दांत के अवशेष इस मंदिर में रखे हुए हैं. पास के गांव में किसान वांचार्ट सामदांग का दिन शुरू हो रहा है. फलों के अपने बगीचे तक पहुंचने में वांचार्ट को सात किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.

दक्षिण पूर्वी थाइलैंड के किसान अब चावल नहीं उगा रहे. उन्होंने फलों और सब्जियों की खेती करनी शुरू कर दी है. किसान वांचार्ट सामदांग कहते हैं, "यह मेरे बगीचे के दो फल हैं. यह खट्टा मीठा मांगोस्तीन है और यह दूरियन है. स्वादिष्ट है लेकिन इसकी गंध तीखी है. दोनों अच्छे से बिक जाते हैं. मांगोस्तीन करीब तीन यूरो प्रति किलो और दूरियान एक यूरो में बिक जाता है."

लेकिन वांचार्ट को पानी की चिंता है. बहुत दिनों से बारिश नहीं हुई इसलिए पानी कम पड़ रहा है. वे कहते हैं, "यहां मैं पानी जमा करके रखता हूं. बारिश के मौसम में यह खुद ही भर जाता है. पानी अपने आप ढलान से बहकर आता है और पेड़ों को पानी मिल जाता है. बाकी समय मैं नदी से पानी लाता हूं. इन पाइपों की मदद से."

पानी की कमी की सबको चिंता है. इसलिए गांव के किसान साथ आ गए हैं और जर्मन विकास संगठन जीआईजेड की मदद से एक बांध बना रहे हैं. इससे समुद्र को जाने वाली नदी की गति को धीमा किया जा सकेगा और उसके पानी का इस्तेमाल हो सकेगा. वांचार्ट सामदांग का कहना है, "यह प्रोजेक्ट गांव के सारे लोगों का आइडिया है ताकि हम पानी की परेशानी को खत्म कर सकें. बांध बनाने के लिए हम बांस और दूसरे प्राकृतिक पदार्थों का इस्तेमाल कर रहे हैं और इसे एक जैविक बांध कहते हैं."

बांध से नदी की गति कम हो जाती है. इससे जमीन ज्यादा पानी सोख पाता है और प्रकृति को फायदा होता है. बांध के कोने में पेड़ों की जड़ें निकलेंगी जिससे बांध और स्थिर हो सकेगा. इसके अलावा एक साथ काम करने से गांव के लोग भी करीब आ रहे हैं. सब लोग बांध बनाने में मदद करते हैं. स्कूली बच्चे और युवा भी इस काम में हाथ बंटा रहे हैं.