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जो बीवी थी उसे भरोसा नहीं, तो देश भरोसा कैसे करे

अशोक कुमार
१ नवम्बर २०१६

इमरान खान फिर इस्लामाबाद पर चढ़ाई कर रहे हैं. लेकिन खां साब बुरा ना मानें तो एक बात कहूं. जिस आदमी पर उसकी बीवी भरोसा नहीं कर पाई हो, तो फिर मुल्क को भरोसा करने में तो टाइम लगेगा ही.

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Pakistan Hochzeit Imran Khan Reham Khan 8.1.2015
तस्वीर: Facebook/Imran Khan Official

देखा जाए तो गलती खां साब की भी नहीं है. यार, 20 साल हो गए. बैटिंग में भी पूरा जोर लगाते हैं, फील्डिंग भी अच्छी सजाते हैं. जनता का शोर शराबा भी खूब होता है, लड़किया भी खूब ‘इम्मू इम्मू' चिल्लाती हैं... लेकिन जब बारी कप उठाने की आती है तो बाजी कोई और मार जाता है. जिस इमरान खान ने पाकिस्तान को क्रिकेट का वर्ल्ड चैंपियन बनाया, वो पाकिस्तान इमरान को सियासत का चैंपियन अब तक नहीं पाया है.

कोई आज की बात है जब इमरान खान ने 1992 में पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जिताया था. बीस साल मैदान में पसीना बहाया था तो क्रिकेट में चोटी तक पहुंच गए थे. सियासत में बीस साल से चप्पलें घिसने के बाद भी कोई ठिकाना नहीं है कि फाइनल में पहुंचेगे कि नहीं और पहुंच गए तो चैंपियन बनेंगे कि नहीं.

पहले भी इमरान खान ऐसे मार्च कर चुके हैं, देखिए..

दूसरा, अब उम्र भी तो हो रही है. ये तो पठान होने के नेता कद काठी से पता नहीं चलता, वरना खां साब 64 को पार कर गए हैं. नवाज शरीफ बस 40 बरस के थे जब 1990 में पहली बार प्रधानमंत्री बन गए थे, जबकि बेनजीर भुट्टो तो 35 साल की उम्र में ही इस्लामी जम्हूरियाह की वजीरे आजम बन गई थीं. इमरान खान को सठिया जाने के बाद भी कोई रास्ता देने को तैयार नहीं है. हालांकि एक तरीका है, अगर सिर्फ लड़कियों और महिलाओं को वोटिंग का अधिकार हो तो आज भी खां साहब भारी बहुमत से जीत जाएंगे. हो सकता है कुछ वोट सरहद पार से भी मिल जाएं. पर दुनिया बड़ी जालिम है... दिल तोड़ के हंसती है...

दूर क्यों जाएं. 10 महीने तक उनकी अपनी बेगम रही रेहाम खान तक उन्हें सीरियसली लेने को तैयार नहीं हैं. कह रही हैं, जो इमरान ने मेरे साथ किया, खुदा करे वो पाकिस्तान के साथ न करें. अब मियां-बीवी के बीच क्या हुआ है, अब इस पर सरेआम बात करना कम से कम हमें तो अच्छा नहीं लगता. लेकिन रेहाम की एक बात पर जरूर गौर करना होगा. वो कहती हैं कि उन्होंने मांगा क्या था, और इमरान खान ने क्या दे दिया. उन्हीं के लफ्जों में कहें तो, ‘मैंने तो शादी की सालगिरह पर गिफ्ट मांगा था, पर खां साब ने तलाक दे दी.' कहीं सियासत में भी तो ऐसा ही नहीं हो रहा है. पाकिस्तान मांग कुछ और रहा है और खान साब ऑफर कुछ और कर रहे हैं.

Pakistan Hochzeit Imran Khan Reham Khan 8.1.2015
तस्वीर: Facebook/Imran Khan Official

नवाज शरीफ और उनके खानदान के खिलाफ करप्शन की बात उठाना बिल्कुल ठीक है. लेकिन ये जल्दबाजी शायद ठीक नहीं है. पाकिस्तान में जम्हूरियत वैसे ही एक सहमा हुआ बच्चा है, जिसे जब देखो कोई भी डांट मार चुप करा देता है. अब अगर नवाज शरीफ ने इतने पाप किए हैं तो उनके पाप का खड़ा इमरान खान पूरा क्यों नहीं भरने देते. घड़ा पूरा भर जाएगा तो अपने आप ही फूट जाएगा.

और अब नवाज शरीफ का कार्यकाल ही कितना बचा है. मुश्किल से डेढ साल. घड़ा पापों से भरा है तो चुनावों में खुद ही फूट जाएगा. लेकिन उससे पहले अगर खां साब ज्यादा हल्ला करेंगे तो वर्दी वाले शरीफ को डंडा चलाने का मौका मिल जाएगा. खां साब, जम्हूरियत रहेगी तो आपके प्रधानमंत्री बनने का चांस भी रहेगा. अब अगर आपको किसी वर्दी वाली सरकार में प्रधानमंत्री बनना है तो वो बात अलग है. फिर तो ‘गो, नवाज गो'.