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टीम इंडिया की टेस्ट गद्दी खतरे में

अनवर जे अशरफ (संपादनः वी कुमार)२६ जुलाई २०१०

भारतीय क्रिकेट टीम के सामने पहले नंबर की कुर्सी बचाने की चुनौती आ गई है. मुरली और मलिंगा नहीं हैं और टीम इंडिया के पास एक मौका तो बनता है. लेकिन देश के बाहर सीरीज जीतना हर टीम के लिए मुश्किल होता है, भारत के लिए भी है.

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ताज बचा पाएंगे कप्तान?तस्वीर: AP

मेजबान टीम में मुरली नहीं हैं, तो भारत के सामने गौतम गंभीर की समस्या है. गंभीर को चोट है और उनका खेलना तय नहीं है. वैसे गंभीर पहले टेस्ट में बुरी तरह फ्लॉप रहे थे और मैनेजमेंट उनकी जगह मुरली विजय को मौका दे दे, तो कोई हैरत की बात नहीं. कोलंबो के इस ग्राउंड पर वीरेंद्र सहवाग कामयाब रहे हैं. सहवाग चल गए तो हर जगह कामयाब रहते हैं. दुनिया के पहले नंबर के टेस्ट बल्लेबाज सहवाग किसी भी पारी में नई जान फूंक सकते हैं.

सबसे बड़ी मुश्किल भारत की त्रिमूर्ति के साथ है. वीवीएस लक्ष्मण, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर विशालकाय नाम हैं और टेस्ट मैचों में उनके खिलाफ बोलना बड़ा मुश्किल होता है. लेकिन पिछले मैच में उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है और ऐसे में बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं की जा सकती हैं. युवराज सिंह टीम में तो लौट चुके हैं, शायद फॉर्म में नहीं लौटे हैं और धोनी टेस्ट मैचों के लिए हमेशा एक रन बटोरू बल्लेबाज रहे हैं, मैच जिताऊ बल्लेबाज नहीं.

टीम इंडिया की सबसे बड़ी मुश्किल गेंदबाजी की है. टीम के पास हरभजन सिंह जैसा नाम है लेकिन भज्जी करिश्मा नहीं कर पा रहे हैं. उनकी गेंदें सीधी सपाट तरीके से जा रही हैं. प्रज्ञान ओझा भी ज्यादा कुछ नहीं कर पाए हैं. तेज गेंदबाजी की तो चर्चा भी नहीं की जा सकती. जहीर खान और श्रीसंत टीम में हैं नहीं, इशांत शर्मा और मिथुन जैसे गेंदबाज अनुभव बटोरने की कोशिश कर रहे हैं. इरफान पठान का तो पत्ता पहले ही टीम इंडिया से कट चुका है.

जहां तक कोलंबो के इस ग्राउंड का सवाल है, आंकड़े टीम इंडिया के लिए बेहद निराश करने वाले हैं. वह पिछले दो टेस्ट मैच यहां पारी से हार चुका है और इस ग्राउंड पर 17 साल से जीत दर्ज नहीं कर पाया है.

लेकिन इन 17 बरसों में श्रीलंका के पास मुरलीधरन हुआ करते थे, जो इस मैच में नहीं होंगे. भारत को बस इसका फायदा मिल सकता है. लसित मलिंगा की गैरमौजूदगी से भी मेजबान टीम को थोड़ी मुश्किल हो सकती है. पिछली सीरीज में उनके लिए तुरुप का इक्का साबित हुए अजंता मेंडिस इस बार नहीं चल रहे हैं. जहां तक बल्लेबाजी का सवाल है, कप्तान कुमार संगकारा दुनिया के दूसरे नंबर के बैट्समैन हैं, जबकि महेला जयवर्धने किसी भी दिन लंबी पारी खेलने की महारत रखते हैं. ऊपर से, उन्हें अपने होम ग्राउंड पर खेलना है.

वैसे, भारत ने श्रीलंका को पराजित करके ही पिछले साल पहले नंबर की टेस्ट टीम बनने का गौरव हासिल किया था. देखना है कि क्या वह एक बार फिर श्रीलंका को हरा कर उस खिताब को बचा पाता है या नहीं.