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टीवी के सामने बैठना सार्थक हुआ

१३ मई २०१४

आपकी वेबसाइट को दिन में तीन चार बार विजिट करता हूं ऐसा कहना हमारे एक पाठक का. और क्या लिखते हैं हमारे अन्य नियमित पाठक, जानिए यहां..

https://p.dw.com/p/1ByzZ
EINSCHRÄNKUNG Forschung Wake Forest Institute for Regenerative Medicine
तस्वीर: Reuters

आज पहली बार टीवी पर 'मंथन' देखने का अवकाश मिला. बेहद संजीदा प्रस्तुति रही. दुनिया-भर की विज्ञान और तकनीक की आधुनिकतम जानकारियों को 30 मिनट में घर बैठे जानकर हम भी अपडेट हो जाते हैं. एक सुझाव है कि 'मंथन' के दायरे को थोड़ा बढ़ाइए. अधिकतर रिपोर्टें विदेशी होती हैं, जो अनुवादित होकर हम तक पहुंचती हैं. कृपया भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर उनसे जुड़ी रिपोर्टों को हिन्दी में ही रिकॉर्ड कर प्रस्तुत करें. यहां की भौगोलिक परिस्थितियों के मुताबिक ऑटोमोबाइल्स, कृषि, इन्फास्ट्रक्चर, पर्यावरण आदि में आ रहे बदलाव और यहां की संस्थाओं-लोगों के अभिनव प्रयास प्रयोगों को शामिल करें. निश्चित ही मंथन की पैठ और भी गहरी होगी.. माधव शर्मा, राजकोट, गुजरात

Indien Transsexuelle Hijras
तस्वीर: DW/M. Krishnan

किन्नरों को तो इंसान ही नहीं मानते' – यह आर्टिकल आपके वेबपेज पर पढ़ा. मैं उन्हें ट्रेन में देखता हूं तो डर जाता हूं. उनके मुंह से गाली सुनना और उनके चुम्मे से डरता हूं. बचपन में उनके बारे में तरह तरह की बाते सुनी, जैसे पैसे न मिलने पर मारपीट करते है, पकड़ कर लिंग काट देते हैं. वैसे सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दर्जा तो दिया ऊपर उठने का, पर मुझे एक बात समझ नहीं आती वह लिंग के अनुसार पुरुष ही होते है पर उनकी ब्रेस्ट के बढ़ने से उन्हें एक अलग नजर से देखा जाता है तो फिर उन्हें अलग लिंग देने की क्या जरूरत है. आजकल तो इलाज से ब्रेस्ट को हटाया भी जा सकता है. परेशानी उनके लिए यह भी होगी कि जब वे लड़को जैसा खेलना और आगे बढ़ने की सोचे तो उनके लिए यह करना मुश्किल होगा क्योंकि उन्हें पुरुष वर्ग में नहीं रखा गया है. महिलाएं उन्हें थोड़ा बहुत स्वीकार भी कर ले पर वह अपने बच्चों खासतौर पर लड़कों से दूरी बनाये रखने को कह सकते हैं. अगर उनसे यह कहा जाए कि आपका असर हमारे बच्चो में पड़ जायेगा तो आगे चल के इस का असर उनके दिमाग पर रहेगा. आगे बढ़ने के लिए सिर्फ एक वर्ग दे देना यह काफी नहीं है.. अभिनब मुदई, असम

मैं आपका नियमित पाठक हूं. आपकी वेबसाइट को मै दिन में तीन चार बार विजिट करता हूं. बहुत अच्छी लगती हैँ. इन दिनो भारत के चुनावों की खबरे मुझे व मेरे क्लब के लोगो को नियमित सुनने के मिलती रहती है. मै आपकी वेबसाइट पर मंथन प्रोग्राम की रिपोर्टें डीडब्ल्यू के हिन्दी वेबपेज पर विस्तारपूर्वक पढ़ता हूं जो विज्ञान के छात्रो के लिए बहुत महशूर हैं. हम आपकी तीनों प्रतियोगताओं मे पूरे परिवार के साथ हिस्सा लेते हैं... शहनवाज जिस्कानी, सिंध, पाकिस्तान

मुझे आपका शो मंथन बहुत ही पसंद है. इससे मुझे बहुत सी बातों के बारे पता चलता है.
इसके हर एपिसोड में दी गई जानकारी के बारे जब मैं अपने दोस्तों को बताता हूं तो वे सब मुझे बहुत इन्टेलिजेन्ट समझते हैं. मैं 12वीं कक्षा में पढ़ता हूं. इस कार्यक्रम में दिया जाने वाला ज्ञान मुझे पढ़ाई में भी मदद करता है. मैं अपनी क्लास का एक स्मार्ट ब्वॉय बन गया हूं... प्रदीप नागौर, फेसबुक पर

इच्छाओं के अनुरूप इस बार भी मंथन देखने हेतु टीवी के सामने बैठना सार्थक हुआ जब भविष्य की नई कारों को देखा. 2020 तक जर्मन फोल्क्सवागेन कंपनी का 10 करोड़ एलेक्ट्रिक कारों को बाजार में उतारने की योजना वाकई ऐतिहासिक कदम कहा जाएगा. ऐसे ही एतिहासिक कारनामों से रूबरू करवाता मंथन हमारे दिलों मे घर करता जा रहा है. इसमें कोई दो राय नही है कि मंथन ज्ञान विज्ञान संबंधी रोचक जानकारियां और अद्धभुत कारनामों एवं नए आविष्कारों को जानने का सबसे अच्छा माध्यम है और इसी कड़ी में यूट्यूब पर इसकी रिपोर्टों का उप्लबधिकरण और भी सरलता प्रदान करता है जिसके लिये समस्त मंथन टीम बधाई की पात्र है. बर्फीली आल्प पहाड़ियों की सैर विशाल, ब्राजीलियाई ऐंट इंटर और कंप्यूटर पर रिसर्च जैसी जानकारी ने मन को मोह लिया.. एक बार फिर आभार व्यक्त करते हुए आशा करता हूं आने वाला नया एपिसोड और अधिक ज्ञानवर्धक साबित होगा... मुहम्मद सादिक आजमी, ग्राम लोहिया,पोस्ट अमिलो, जिला आजमगढ़, उत्तर प्रदेश

Golf elektrisch e-Golf 2014
तस्वीर: Volkswagen AG

संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे