1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

टैक्सी में सवारी भी, थेरेपी भी

२४ अक्टूबर २०१४

टैक्सी थेरेपी के बारे में आपने कुछ सुना है. कई बार लोग टैक्सी में बैठते हैं और अनजाने चालक से अपने दुख सुख बांटने लगते हैं. स्पेन की राजधानी मैड्रिड में तो ऐसी बातचीत बेहद आम है. चलिए टैक्सी से मैड्रिड की सैर पर.

https://p.dw.com/p/1Dbi4
तस्वीर: picture-alliance/Sebastian Kahnert

गर्मियां, सैर्जियो ग्रासिया के लिए साल का सबसे बढ़िया वक्त हैं. शानदार मौसम में लाखों पर्यटक मैड्रिड आते हैं यानी बढ़िया आमदनी. उनके रोजमर्रा के रास्ते में रॉयल पैलेस भी पड़ता है. सिटी सेंटर के बीचों बीच लोकप्रिय आकर्षण, यह अब भी स्पेन के राजघराने का आधिकारिक आवास है.

सैर्जियो ने यूं तो फिल्म स्टडीज की पढ़ाई की है लेकिन 20 साल पहले स्टूडेंट जॉब के तौर पर उन्होंने टैक्सी चलानी शुरू की, अब तो यही उनका ड्रीम जॉब है. वह कहते हैं, "किसी और पेशे में आप इतने अलग अलग किरदारों से नहीं मिल सकते, उनके निजी अनुभव नहीं सुन सकते. मैंने रिश्तों के बारे में बहुत कुछ सुना हैं. कुछ लोग बहुत ही अलग होते हैं और कुछ एक जैसे. मुझे यह अच्छा लगता है."

किस्सों और अनुभवों से इतर, टैक्सी सबसे पहले परिवहन का एक जरिया है. सफेद कार में लाल रंग का निशान, ये मैड्रिड की टैक्सियों की पहचान है. शहर के ज्यादातर बाशिंदे बीते सौ सालों से कहीं जाने के लिए टैक्सियों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

मोटर से चलने वाली पहली टैक्सी यहां 1909 में आई. 1960 के दशक में तो बहुत ही टैक्सियां हो गईं. आज मैड्रिड में करीब 15 हजार टैक्सियां हैं, न्यू यॉर्क सिटी से भी ज्यादा. लेखक खावियर लेराल्टा इसकी वजह बताते हैं, "1950 और 1960 के दशक में कोई अंडरग्राउंड ट्रेन नहीं थी, पास के इलाकों के लिए रिजनल ट्रेनें भी नहीं थी. बसों का कोई टाइम टेबल नहीं था. तब शहर तक जल्द पहुंचने का एक ही जरिया था, टैक्सी."

आधारभूत ढांचा अब काफी बेहतर हो चुका है, लेकिन टैक्सियों की अहमियत बनी हुई है. मैड्रिड में कभी टैक्सी के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ता. गर्मियों में मैड्रिड में कभी कभी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, ऐसे में टैक्सी वालों की अच्छी आमदनी होती है. एयरकंडीशनर की ठंडक के साथ एक यूरो प्रति किलोमीटर किराया, यह काफी सस्ता है.

मैड्रिड में टैक्सी इधर उधर जाने के साधन से कहीं ज्यादा है. हर हफ्ते कोई न कोई मुसाफिर सैर्जियो के सामने अपना दिल खोलकर रख देता है. एक वाकये को याद करते हुए सैर्जियो कहते हैं, "एक बार एक महिला आई और उसने कहा कि मनोचिकित्सक के पास ले चलो. मैंने पूछा क्या हुआ तो उसने अपना किस्सा बताया. जब हम पहुंचे तो उसने कहा, गाड़ी चलाते रहो क्योंकि ये मनोचिकित्सक से ज्यादा सस्ती है. मैं इसे टैक्सी थेरेपी कहता हूं."

कभी कभार टूरिस्ट सैर्जियो शहर के बारे में टिप्स लेते हैं. सूरज ढलते वक्त सैर्जियो कासा डे काम्पो पहाड़ी पर जाना पसंद करते हैं. टैक्सी ड्राइवर, टूरिस्ट गाइड और थेरेपिस्ट, ऐसा और नौकरियों में थोड़े ही होता है.

रिपोर्ट: ओलिवर जालेट/ओएसजे