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डॉनल्ड ट्रंप ने नकारा रूसी हैकिंग के दावों को

१२ जनवरी २०१७

अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चुनाव में उन्हें जिताने में रूसी हस्तक्षेप के दावा करने वालों को आड़े हाथों लिया. अमेरिकी खुफिया सेवा की तहकीकात और मीडिया रिपोर्टों को बताया झूठा.

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New York City Trump erste PK als designierter Präsident (Ausschnitt)
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. A. Clary

डॉनल्ड ट्रंप ने निर्वाचन के बाद अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों और मीडिया पर हमले जारी रखते हुए उनके दावों को कोरा झूठ करार दिया. ट्रंप ने इस बात से साफ इनकार किया कि उनके रूस के साथ संबंधों के आरोपों में जरा भी सच्चाई है. हालांकि ट्रंप ने पहली बार यह भी माना कि शायद अमेरिकी चुनाव के दौरान हैकिंग में मॉस्को का हाथ रहा होगा.

अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने से केवल एक हफ्ते पहले ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने "पूरे" प्रॉपर्टी बिजनेस की बागडोर अपने दो वयस्क बेटों को सौंप दी है. एथिक्स कमेटी और डेमोक्रैटिक पार्टी के नेताओं ने व्यापार को अब भी परिवार में ही रखने और उससे पूरी तरह मुक्त ना होने के लिए ट्रंप की निंदा की. ऑफिस ऑफ गवर्नमेंट एथिक्स के निदेशक वॉल्टर शॉब ने कहा कि ट्रंप का यह कदम पिछले राष्ट्रपतियों के मापदंडों पर खरा नहीं उतरता. डेमोक्रैट सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन ने ब्लूमबर्ग टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि "उन्हें अपने व्यावसायिक हितों से पूरी तरह छुटकारा पाने की जरूरत है और उसे एक ब्लाइंड ट्रस्ट में रख देना चाहिए."

छह महीने में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे ट्रंप ने करीब एक घंटे तक अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने ज्यादातर वक्त उन आरोपों को नकारने में लगाया कि उनके सहयोगियों ने रूस के साथ मिलकर उन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जिताया था. ट्रंप से सवाल पूछने की कोशिश करते अमेरिकी न्यूज नेटवर्क 'सीएनएन' और 'बजफीड' के पत्रकारों को चुप करा दिया. 70 साल के अरबपति ट्रंप ने सीएनएन को "फेक न्यूज" और बजफीड को "कूड़े का अंबार" कहा. ट्रंप ने उनके चुनाव अभियान अधिकारियों के रूसी खुफिया सेवा के साथ संबंधों के सवाल को कई बार टाल दिया. बदले में सवाल पूछने वाले रिपोर्टरों को ही उन पर झूटे आरोप लगाने की बात कह कर खरी खोटी सुना दी.

अमेरिकी इंटेलिजेंस सेवाएं इस नतीजे पर पहुंची हैं कि नवंबर के चुनाव में मॉस्को ने ट्रंप को जिताने के पक्ष में काम किया. एक हफ्ते पहले ही अमेरिका की सभी प्रमुख खुफिया एजेंसियों के प्रमुख राष्ट्रपति बराक ओबामा और फिर ट्रंप से मिले थे. रूस ने इस सभी दावों को "कोरा झूठ" करार दिया है और कहा है कि इसका लक्ष्य दोनों देशों के संबंधों को खराब करना है.

आरपी/एमजे (एएफपी)