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ड्रिंक्स में चीनी घटाने से फायदा या नहीं

८ जनवरी २०१६

ब्रिटेन में बच्चों में बढ़ रहा मोटापा बड़ी चिंता बनता जा रहा है. हाल में मीठे पेय पदार्थों पर टैक्स का भी प्रस्ताव रखा गया. लेकिन क्या ड्रिंक्स में चीनी कम करके वाकई मोटापे और डायबिटीज से लड़ा जा सकता है?

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तस्वीर: Fotolia/ Big City Lights

ब्रिटेन और मेक्सिको में हुई रिसर्च के मुताबिक मीठे पेय पदार्थों में चीनी की मात्रा घटाना लोगों के कैलोरी अंतर्ग्रहण को कम करता है और डायबिटीज के खतरे को भी कम करता है, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल और लैंसेंट पत्रिका में छपी दो अलग अलग रिपोर्टों में कहा गया है कि ऐसा करने से प्रतिदिन कैलोरी में मात्र 16 से 39 तक ही कमी होती है. रिसर्च के मुताबिक पेय पदार्थों में चीनी की मात्रा कम करने से निजी स्तर पर प्रतिदिन होने वाला फायदा बहुत कम है लेकिन करीब दो दशक में इसका बड़ा फायदा देखा जा सकता है.

ब्रिटेन में हुई रिसर्च के प्रमुख ग्रैहम मैक ग्रेगर ने कहा कि कैलोरी घटाने का असर कई सालों में बड़ी आबादी पर सकारात्मक हो सकता है, भले इसका असर निजी स्तर पर बहुत ज्यादा ना हो. उनकी टीम ने अपनी रिसर्च में पेय पदार्थों में चीनी में 40 फीसदी कमी से अगले पांच साल में होने वाले असर का आकलन किया. उन्होंने पाया कि इससे शरीर में जा रही कैलोरी की कुल मात्रा में पांच साल में प्रतिदिन 38.4 कैलोरी की कमी आएगी.

यानि वयस्क के शरीर में पांच साल में औसतन 1.2 किलो की कमी. इसका मतलब हुआ कि अगले 20 सालों में करीब 50 लाख कम लोग मोटापे के शिकार होंगे. उनका अनुमान है कि ऐसा करके अगले दो दशकों में करीब 2.7 लाख से 3 लाख के बीच लोगों को टाइप 2 डायबिटीज होने से बचाया जा सकेगा. उन्होंने सलाह दी कि पांच सालों में बगैर कृत्रिम चीनी के इस्तेमाल के पेय पदार्थों से धीरे धीरे चीनी की मात्रा कम करना सबसे सही तरीका है.

मेक्सिकों में हुई अन्य रिसर्च में शोधकर्ताओं ने चीनी से मीठे किए गए ड्रिंक्स पर जनवरी 2014 से 10 फीसदी कर लगाए जाने के असर का विश्लेषण किया. उन्होंने पाया कि इससे बिक्री में 12 फीसदी कमी आई. वहीं बगैर टैक्स वाली ड्रिंक्स की बिक्री 4 फीसदी बढ़ गई.

लंदन के किंग्स कॉलेज में प्रोफेसर टॉम सैंडर के मुताबिक चीनी की ड्रिंक्स पर कर से फायदा तो होता है लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. इस रिसर्च में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 36 मिलीलीटर चीनी लेने में कमी पाई गई. जो कि एक शुगर क्यूब के बराबर है. यह समंदर में बूंद जैसा है. सैंडर्स ने कहा कि मोटापे से लड़ाई तब कामयाब हो सकती है जब हर रोज 300 से 500 कैलोरी में कमी की जा सके.

ब्रिटिश संसद की स्वास्थ्य समिति ने नवंबर में बच्चों में बढ़ रहे मोटापे की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की थी, जिसमें चीनी वाले पेय पदार्थों पर टैक्स बढ़ाने की भी मांग शामिल थी. लेकिन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के कार्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक वे इस बात पर सहमत नहीं हुए और दूसरे प्रस्ताव देंगे.

एसएफ/आईबी (रॉयटर्स)


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