1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

तख्ता पलट के बाद नजर आए मुगाबे

१७ नवम्बर २०१७

जिम्बाब्वे के अपदस्थ राष्ट्रपति शुक्रवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए. तीन दशक से सत्ता पर काबिज मुगाबे को इसी हफ्ते कुर्सी से हटा कर सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली.

https://p.dw.com/p/2npGs
Simbabwe Robert Mugabe hält Rede an der Uni
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/T. Mukwazhi

93 साल के मुगाबे ने शुक्रवार को जिम्बाब्वे ओपन यूनिर्सिटी के दीक्षांत समारोह का उद्घाटन किया. नीले और पीले रंग की यूनिवर्सिटी गाउन और हैट पहने मुगाबे समारोह के दौरान कुर्सी पर शायद सो गये थे क्योंकि उनकी आंखें बंद थीं और सिर एक तरफ झुक गया था.

मुगाबे ने जिम्बाब्वे की स्वाधीनता के संघर्ष का नेतृत्व किया और 1980 में आजादी मिलने के बाद यहां की राजनीति पर अपनी पकड़ जमा ली. उनका कहना है कि वह अब भी देश और सत्ता के प्रमुख हैं लेकिन सत्ताधारी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी अब उनसे छुटकारा चाहती है. सूत्रों से मिली जानकारी में कहा गया है, "अगर वे अड़ियल बने रहे तो रविवार को हम उन्हें हटाने का इंतजाम करेंगे. जब यह हो जायेगा तो मंगलवार को उन पर महाभियोग चलेगा."

Simbabwe Robert Mugabe hält Rede an der Uni
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B. Curtis

दूसरी तरफ सेना ने राष्ट्रीय टेलिविजन पर अपने बयान में कहा है कि मुगाबे के साथ बातचीत हो रही है. बयान में मुगाबे को कमांडर इन चीफ कहा गया और कहा गया कि इस बातचीत का नतीजा जल्दी ही सार्वजनिक किया जाएगा. मुगाबे को वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और अफ्रीका की आजादी के नायकों की पीढ़ी का माना जाता है लेकिन इसके साथ ही उनकी उन नेताओँ में भी गिनती होती है जिन्होंने लंबे समय तक सत्ता अपनी मुट्ठी में रखी. वह खुद को अफ्रीकी राजनीति के बूढ़े दादा कहते हैं.

जिम्बाब्वे के सरकारी अखबार द हेराल्ड ने ऐसी कई तस्वीरें छापी हैं जिनमें उन्हें सेना प्रमुख जनरल कोन्सटान्टिनो चिवेंगा के साथ हाथ मिलाते और मुस्कुराते देखा जा सकता है. इन तस्वीरों ने जिम्बाब्वे के लोगों को हैरान किया है. उन्हें लगता है कि इसका मतलब है कि मुगाबे तख्तापलट को रोकने में कामयाब हो जाएंगे. कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि इसका मतलब यह भी हो सकता है कि मुगाबे अपनी विदाई को चुनावों का एलान होने तक के लिए टाल दें.

सत्ताधारी पार्टी जानू पीएफ से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ऐसा नहीं है. पार्टी के नेता मुगाबे के सत्ता छोड़ने से इनकार करने की सूरत में उन्हें बर्खास्त करने की योजना बना रहे हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत में पार्टी से जुड़े एक सूत्र ने कहा, "पीछे हटने का सवाल नहीं है. यह भारी बारिश के कारण देर से होने वाले मैच जैसा है जिसमें होम साइड 89वें मिनट में 90-0 से लीड कर रहा है."

Simbabwe Panzer in Harare
तस्वीर: Getty Images/AFP

सेना ने मुगाबे के घर के बाहर घेरा डाल रखा है. उनकी पत्नी ग्रेस भी नजरबंद हैं और उनके प्रमुख राजनीतिक सहयोगी सेना की गिरफ्त में हैं. पुलिस ने भी समर्थन दिखाते हुए किसी तरह का प्रतिरोध नहीं किया है. इसके साथ ही यह भी सच है कि राजधानी में मुगाबे के बहुत कम ही समर्थक हैं. यहां विपक्षी पार्टियों का दबदबा है. अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर मुगाबे से लोग काफी नाराज हैं. 2000 में गोरे लोगों के फार्मों पर कब्जा करने के बाद से अर्थव्यवस्था एक तरह से बैठ गयी है. बेरोजगारी तकरीबन 90 फीसदी तक चली गयी है और मुद्रा की कमी के कारण देश में महंगाई की दर बहुत ऊंची है. आयात होने वाली चीजों की कीमतें हर महीने तकरीबन 50 फीसदी तक बढ़ जा रही हैं.

एनआर/एमजे (रॉयटर्स)