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तनाव और अवसाद से दूर रखती है कॉफी

२९ अक्टूबर २०१५

कोई नियमित रूप से दफ्तर में साथी कर्मचारियों से झगड़ता रहता है या कोई इसलिए परेशान रहता है कि बॉस एक के बाद एक काम थोप रहा है. इस तनाव से बचने के लिए लोग कॉफी का सहारा लेते हैं. लेकिन कॉफी आखिर तनाव को दूर करती कैसे है?

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Tasse Kaffee mit Schaumherz
तस्वीर: Colourbox/Einar Muoni

तनाव का शिकार होने वाले लोगों की तादाद बढ़ रही है. नौकरी में तनाव, सड़क और हवाई जहाज के शोर से तनाव, और निजी जिंदगी का तनाव अलग से. ज्यादातर लोग तनाव पर काबू पाने में कामयाब नहीं हो पाते. तनाव बीमार करता है. बॉन यूनिवर्सिटी में फार्मेसी इंटस्टीट्यूट की प्रोफेसर क्रिस्टा मुलर बताती हैं कि नियमित तनाव के कारण लोग डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं, " वे डरने लगते हैं और कोई फैसला लेने की हालत में नहीं रहते. वे ठीक से सोच नहीं पाते. यह तनाव के मुख्य नतीजे हैं."

बहुत से लोग तनाव में होने पर कॉफी पीते रहते हैं. ये लोकप्रिय शक्तिवर्धक सिर्फ तरोताजा ही नहीं रखता बल्कि वह याददाश्त मजबूत करने के साथ तनाव के असर को भी कम करता है. क्रिस्टा मुलर ने एक अंतरराष्ट्रीय शोध ग्रुप के साथ इसकी जांच की है. शोध के अनुसार कैफीन दिमाग के एक मैकेनिज्म को ब्लॉक कर देता है जो शरीर में तनाव के विभिन्न लक्षण पैदा करता है. रिसर्चरों ने चूहों पर साबित किया है कि इस मैकेनिज्म के ब्लॉक होने पर तनाव के लक्षण दूर हो जाते हैं. क्रिस्टा मुलर बताती हैं, "चूहे फिर से एकदम सामान्य हो गए. उनमें तनाव के कोई लक्षण नहीं रहे. उनकी सोचने की ताकत बेहतर हो गई. वे कम डरे दिख रहे थे और डिप्रेसिव भी नहीं थे." मुलर मानती हैं कि ये नतीजे इंसानों पर भी दिखेंगे. इस बात के संकेत हैं कि कैफीन का एंटीडिप्रेसिव असर होता है और वह सोचने की ताकत बढ़ाता है.

Äthiopien Kaffeeanbau Illustration
ताजा कॉफी बीन्सतस्वीर: Coffee Circle

कैसे काम करता है कैफीन

दरअसल तनाव पैदा करने वाला तत्व आडेनोसिन दिमाग की कोशिका के एक ज्वाइंट से जुड़ जाता है. इससे तनाव के लक्षण पैदा होते हैं. यदि कैफीन तनाव पैदा करने वाले तत्व को दबा दे तो तनाव के लक्षण पैदा नहीं होते. कैफीन रिसेप्टर की प्रतिस्पर्धा जीत जाता है. बॉन यूनिवर्सिटी के डॉक्टर डोमिनिक थिम का कहना है कि यह संभव है कि रिसेप्टर पर आडेनोसिन नहीं जुड़े, बल्कि कैफीन जुड़े, "यदि कैफीन जुड़ता है तो फिर वहां आडेनोसिन नहीं जुड़ता. इसका मतलब यह होता है कि तनाव के सिग्नल नहीं पैदा होते."

लेकिन कैफीन की बड़ी मात्रा का अनिच्छित साइड इफेक्ट भी होता है. यह जगा कर रखता है जिसकी वजह से पेशाब का दबाव पैदा होता है और इससे रक्तचाप बढ़ सकता है. इसलिए वैज्ञानिक ऐसे कंपोनेंट की खोज में हैं जो कैफीन की तरह तनाव से बचाए लेकिन कोई साइड इफेक्ट न हो. इसमें उन्हें काफी सफलता भी मिल रही है. लेकिन क्या यह नया तत्व इंसान के तनाव और उसके असर का इलाज करने में सहायक होगा, इसकी जांच मरीजों के साथ क्लीनिकल टेस्ट में करनी होगी. तब तक इंसान को तनाव कम करने के लिए कैफीन के सहारे ही रहना होगा.

मार्टिन रीबे/एमजे