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तीसरे टेस्ट में भारत की शानदार जीत

७ अगस्त २०१०

तीसरे टेस्ट मैच में श्रीलंका को हराकर भारत ने नंबर वन टेस्ट टीम का अपना तमगा बरकरार रखा है. इस जीत के साथ ही भारत ने तीन मैचों की सीरीज एक-एक से बराबर कर ली है. रोमांचक मैच में भारत ने श्रीलंका को पांच विकेट से पटखनी दी.

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लक्ष्मण की स्पेशल सेंचुरीतस्वीर: AP

श्रीलंका ने दूसरी पारी में 267 रन बनाए और भारत को 257 रन का लक्ष्य दिया. मैच के आखिरी दिन भारत ने जीत के लिए जरूरी 257 रन पांच विकेट खोकर ही बना लिए. इनमें वीवीएस लक्ष्मण की शानदार सेंचुरी भी शामिल है. यह सेंचुरी 'वेरी वेरी स्पेशल' लक्ष्मण ने तब बनाई जब भारत 62 रन पर 4 विकेट खोकर हार की तरफ बढ़ने लगा. लेकिन सचिन के साथ मिलकर लक्ष्मण ने पांचवे दिन की सुबह से श्रीलंकाई गेंदबाजों को थकाना शुरू किया.

लंच के बाद दोनों ने 100 रन से ज्यादा की साझेदारी पूरी की और हार की ओर बढ़ चली भारतीय पारी को वापस जीत की राह पर डाल दिया. हालांकि सचिन जीत के दरवाजे तक लक्ष्मण का साथ नहीं दे पाए. उन्हें रणदीव ने जब एच जयवर्धने के हाथों कैच कराया तब भारत जीत से 86 रन दूर था. सचिन 54 रन पर पैविलियन लौटे.

सचिन के जाने के बाद रैना आए और आते ही बरसने लगे. अपने वनडे के अंदाज में रैना ने तेजी से रन बनाए. एक बारगी, जब लक्ष्मण 92 रन पर थे और जीत के लिए 16 रन की जरूरत थी, तब लग रहा था कि कहीं रैना सारे रन न बना डालें और लक्ष्मण की सेंचुरी रह जाए. लेकिन लक्ष्मण यूं ही वेरी वेरी स्पेशल नहीं हैं. उन्होंने दो चौके ठोक कर अपनी सेंचुरी पूरी की. उन्होंने 103 रन की पारी खेली.

उसके बाद भी दोनों खिलाड़ियों में विजयी रन बनाने की होड़ सी लगी थी. लेकिन बाजी सुरेश रैना के हाथ लगी. उन्होंने शानदार छक्के के साथ जीत को भारत की झोली में डाल दिया. रैना ने 41 रन बनाए.

इससे पहले श्रीलंका ने दूसरी पारी में 267 रन बना कर भारत को 257 रन का लक्ष्य दिया था. एक वक्त पर श्रीलंका की दूसरी पारी 200 रन के भीतर ही सिमटती दिखाई दे रही थी. उसके 8 विकेट 125 रन पर ही गिर चुके थे. लेकिन वहां से अजंता मेंडिस के साथ मिल कर टी समरवीरा ने बेहतरीन खेल दिखाया और 100 रन से ज्यादा की साझेदारी बनाते हुए भारत की आसान लक्ष्य पाने की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः उ भट्टाचार्य